बैरागी कैँप के तीनों अखाड़ों के अवैध कब्जे ध्वस्त
तीन घंटे की जद्दोजहद के बाद आखिकरकार जिला प्रशासन की टीम ने शनिवार को बैरागी कैंप से तीनों बैरागी अखाड़ों द्वारा किए गए अतिक्रमण को ध्वस्त कर...
तीन घंटे की जद्दोजहद के बाद आखिकरकार जिला प्रशासन की टीम ने शनिवार को बैरागी कैंप से तीनों बैरागी अखाड़ों द्वारा किए गए अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया। आखिरी दौर में गुस्साए बैरागी संतों ने अधिकारियों पर पथराव तक किया। जिससे अधिकारियों को जान बचाकर भागना पड़ा। सीओ सिटी ने बड़ी मुश्किल से मामले को संभाला। प्रशासन की टीम ने भारी फोर्स के बीच एक मंदिर और निर्माणाधीन संत निवास और अन्य अतिक्रमण को हटा दिया है।
शनिवार सुबह 11 बजे जिला प्रशासन की टीम भारी पुलिस फोर्स के साथ बैरागी कैंप पहुंची। बैरागी संतों को पहले ही टीम के आने की भनक लग गई थी। एक अखाड़े में सभी बैरागी संत जमा हो रखे थे। टीम को देखते ही श्री महंत राजेंद्र दास ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें कोसना शुरू कर दिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने दो घंटे तक संतों को समझाया कि वे कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने आए हैं। लेकिन श्रीमहंत और अन्य संत सुनने को तैयार नहीं थे। श्रीमहंत राजेंद्र दास ने साफ शब्दों में कह दिया कि बैरागी कैंप के अन्य हिस्से में जो आबादी बसाई गई है पहले उसे हटाया जाए। वह सालों से बैरागी कैंप में पड़ाव डालते आ रहे हैं। वह यहां से नहीं हटेंगे।
इसके बाद कुछ संत जाकर निर्माणाधीन संत आवास के नीचे जाकर बैठ गए। बड़ी मुश्किल से अधिकारियों ने संतों को वहां से बाहर निकाला। इस बीच संतों की पुलिस और अधिकारियों साथ नोंकझोक भी हुई। टीम अपने साथ जेसीबी और पॉकलेंड मशीन लेकर आई थी। सबसे पहले दिगंबर अखाड़े के मंदिर को धवस्त किया गया। ध्वस्तीकरण से पहले ही बैरागियों ने मंदिर के अंदर से मूर्ति को हटा लिया था। इसके बाद टीम ने अन्य किए गए बाड़ और निर्माणाधीन संत निवास को ध्वस्त किया।
इसके बाद जब टीम श्रीमहंत राजेंद्र दास के अखाड़े में पहुंची तो अक्रामक संतों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर पथराव कर दिया। जान बचा कर अधिकारी वहां से दौड़ गए। सीओ सिटी अभय प्रताप ने यहां मामला बड़ी मुश्किल से शांत कराया।
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ये रहे टीम में शामिल
उपमेलाधिकारी अंशुल सिंह (आईएएस), एसडीएम गोपाल सिंह चौहान, सिटी मजिस्ट्रेट जगदीशलाल, सीओ सिटी अभय प्रताप, तहसीलदार आशीष घिल्डियाल, , नगर कोतवाल अमरजीत सिंह समेत रानीपुर और कनखल प्रभारी समेत सिंचाई विभाग से अधिशाशी अभियंता डीके सिंह, उपराजस्व अधिकारी तेज सिंह, एसडीओ राजीव सोनी शामिल रहे।
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वंश निरवंश हो जाएगा
बैरागी संतों द्वारा लगाए गए आरोपों पर सिंचाई विभाग अधिकारी बोले जिसने किया वो भुगतेगा। जिसने पैसा खाया उस अधिकारी का नाम लीजिए। कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है। इस पर श्रीमहंत राजेंद्र दास बोले ये कुछ नेता हैं जो ये सब करा रहे हैं। जो अधिकारी ये सब करा रहे हैं उनका वंश निरवंश हो जाएगा।
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भाजपा से अच्छा था मुगल शासनकाल
श्री महंत राजेंद्र दास ने कहा कि बैरागी में सदियों से रहते आ रहे हैं। अधिकारियों को केवल अतिक्रमण बैरागियों का दिखाई दे रहा है। बैरागी कैंप में इतना अतिक्रमण फैला हुआ है। भाजपा सरकार केवल कहने भर को हिन्दुओं की है। इनसे अच्छा शासन काल को मुगलों का था। वे कम से कम ऐसे तो नहीं थे। श्रीमहंत राजेंद्र दास बोले अगर अधिकारियों ने पहले से ही सही कलम चलाई होती तो तो आज ये हालात पैदा न होते। अधिकारियों ने पैसा खाकर बैरागी कैंप में कब्जे कराए हैं। शासन नाम की अगर कोई चीज है तो पहले पूरा का पूरा बैरागी कैंप खाली कराया जाए।
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मीडिया से भी नोंकझोक
बैरागी संतों ने मीडिया कर्मियों के साथ भी अभद्र व्यवहार करते हुए नोंकझोक की। कुछ संतों ने फोटोग्राफर का जब गिरेबान पकड़ा तभी सीओ सिटी और नगर कोतवाल ने आकर संतों से फोटोग्राफर को बचाया।
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सब्र से लिया काम
बैरागी संतों ने जिस तरह के अक्रामक तेवर अपना रखे थे उसी तरह वे बेबाक टिप्पणी कर रहे थे। बावजूद अधिकारियों ने सब्र का परिचय देते हुए कोर्ट के आदेश का पालन किया। भारी फोर्स के आगे बैरागी संत कम थे। लेकिन सीओ सिटी अभय प्रताप ने बगैर डंडा चलाए अतिक्रमण को हटवा दिया।
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