गंगा और पर्यावरण एक दूसरे के पूरक: मिगलानी
स्पर्श गंगा कार्यालय में शनिवार को गंगा एवं पर्यावरण विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। हाईकोर्ट के अधिवक्ता ललित मिगलानी ने कहा गंगा और पर्यावरण का एक दूसरे के पूरक हैं। पर्यावरण स्वास्थ्य और साफ...
स्पर्श गंगा कार्यालय में शनिवार को गंगा एवं पर्यावरण विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। हाईकोर्ट के अधिवक्ता ललित मिगलानी ने कहा गंगा और पर्यावरण का एक दूसरे के पूरक हैं। पर्यावरण स्वास्थ्य और साफ रहेगा तो गंगा अपने आप निर्मल हो जाएगी। मिगलानी ने मंच के माध्यम से सरकार से मांग करते हुए कहा कि गंगा, गलेशियर और पेड़-पोधों को जीवित व्यक्ति का दर्जा दिया जाना आवश्यक हैI
विहिप के जिलाध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा कि गंगा जीवन दायिनी हैं और इसका अस्तित्व समाज की एक महत्वपूर्ण पहचान है। गंगा को स्वस्थ रखना न केवल हमारी जिम्मेदारी है बल्कि हमारा कर्तव्य हैI डॉ विशाल गर्ग ने कहा हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी गंगा को जीवित व्यक्ति का दर्जा नहीं दिया गया जो चिंता का विषय हैI
पार्षद निशा नौडियाल ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति गंगा को दूषित होते देखता है तो पहले उसे समझाये और अगर वो नहीं समझता तो उसके सामने साफ करके उसे एहसास कराएं कि उसके द्वारा किया गया काम गलत था।
अध्यक्षता करते हुए आशु चौधरी ने कहा कि स्पर्श गंगा पूर्ण रूप से मां गंगा के लिये समर्पित है। गोष्ठी में रीता चमोली, रेनू शर्मा, मन्नू रावत ने विचार रखे। गोष्ठी में पुनीत कुमार, रीमा गुप्ता, विमला ढौंडियाल, देवेन्द्र चावला, सिद्धार्थ, बिंदिया गोस्वामी, रजनी वर्मा, मनप्रीत, मोहित कुमार, प्रखर, रजनीश सहगल, शीतल, अंशु तोमर, राजेश लखेड़ा आदि उपस्थित रहे।
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