फौजी के साथ नकली नोट उतारते थे बाजार में
हरिद्वार में सौरभ, विशाल और नीरज नामक युवकों ने नकली नोट छापने का धंधा शुरू किया। सौरभ को उसके चाल चलन के कारण घर से बेदखल किया गया था। अनंतवीर, जो पहले इंजीनियरिंग का सिपाही रहा था, भी इस गिरोह में...
हरिद्वार। पांचवीं तक पढ़े लिखे सौरभ को पेशे से हलवाई भाइयों ने उसके चाल चलन को देखकर घर से बेदखल कर दिया था। वह गांव के ही रहने वाले विशाल और नीरज के साथ देहरादून के चंद्रबनी में पिछले पंद्रह बीस दिन से रहने लगा। वह नकली नोट छापने के धंधे से जुड़ गए थे। बंगाल इंजीनियरिंग का सिपाही रहा अनंतवीर भी बाजार में नकली नोट उतारने की जिम्मेदारी निखिल के साथ संभालता था। 2001 में भर्ती होने के बाद वर्ष 2004 में दुर्घटना में घायल होने के बाद नौकरी छोड़ दी थी। उसे वर्ष 2022 में नजीबाबाद बिजनौर की जीआरपी लूट के माले में जेल भेज चुकी है। एक परिचित के माध्यम से वह मोहित के संपर्क में आया था।
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