एआई का उपयोग साहित्यिक चोरी को रोकने के लिए किया जाए
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में हिंदी विभाग द्वारा आयोजित हिंदी सप्ताह के अंतर्गत डॉ. सुशील उपाध्याय ने एआई के दौर में रचनात्मक लेखन की चुनौतियों और संभावनाओं पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि...
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में हिंदी विभाग में हिंदी सप्ताह के अंतर्गत हिन्दी भाषा और साहित्य पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुप्रयोग: महत्व एवं चुनौतियां विषयक त्रिदिवसीय व्याखान माला के अंतिम दिन चमनलाल महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने एआई के दौर में रचनात्मक लेखन की चुनौतियां और संभवानाएँ विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। मुख्य वक्ता डॉ. सुशील उपाध्याय ने कहा कि एआई के विभिन्न के टूल्स मनुष्य की सुविधा के लिए बनाए गए हैं। जिनकी मदद से शिक्षा और शोध के क्षेत्र में चीजें आसान हुई हैं। यह मशीनीकृत डाटा प्रस्तुतीकरण मानवीय श्रम को कम करता है। डॉ. उपाध्याय ने कहा कि एआई का उपयोग साहित्यिक चोरी को रोकने के लिए किया जा सकता है।
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