छात्रसंघ चुनाव को मंत्री और पुलिस के खिलाफ फूटा गुस्सा
या एमबीपीजी: उच्च शिक्षा मंत्री की शव यात्रा निकालने पर हंगामा एमबीपीजी में रविवार
एमबीपीजी -एमबीपीजी में रविवार को भी कॉलेज परिसर में धरने पर डटे रहे छात्र नेता
-पुलिस ने सांकेतिक शव यात्रा की कोशिश नाकाम की तो पुलिस से तकरार
हल्द्वानी, वरिष्ठ संवाददाता। छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर रविवार को भी छात्र नेताओं ने एमबीपीजी कॉलेज में प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जताया। छात्रों ने कॉलेज में धरना दिया। विरोधस्वरूप उच्च शिक्षा मंत्री की सांकेतिक शव यात्रा निकालने की कोशिश की। पुलिस ने छात्रों को ऐसा करने से रोक दिया। इस पर छात्रों की पुलिस से काफी देर तक बहस भी हुई। इस दौरान छात्रों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्र देर शाम तक कॉलेज परिसर में धरने पर डटे थे। धरना दे रहे छात्रों ने धरनास्थल पर टेंट भी लगाया है।
रविवार को छात्र नेता रक्षित सिंह बिष्ट अन्य छात्र नेता कॉलेज में पहुंचे। उन्होंने मुख्य गेट में छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर धरना शुरू कर दिया। छात्रों के बढ़ते आक्रोश को देख चीफ प्रॉक्टर डॉ. कविता बिष्ट, डॉ. विनय जोशी, डॉ. संजय खत्री कॉलेज पहुंचे। दोपहर करीब 2 बजे छात्रों नेताओं ने परिसर के अंदर उच्च शिक्षा मंत्री की सांकेतिक शव यात्रा निकालने की कोशिश की। छात्रों के अचानक इस कदम से पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। पुलिस ने छात्रों को सांकेतिक शव यात्रा निकालने से रोक दिया। पुलिस ने सांकेतिक रूप से बनाई गई अर्थी भी कब्जे में लेकर नष्ट कर दी। इस पर आंदोलनरत छात्र और उग्र हो गए। पुलिस और छात्रों के बीच इस दौरान काफी देर तक धक्कामुक्की हुई। छात्रों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस पर आंदोलन कर रहे छात्रों से मारपीट करने का आरोप भी लगाया। रक्षित बिष्ट ने बताया कि जब तक छात्रसंघ चुनाव की तिथि घोषित नहीं की जाएगी, तब तक छात्रों का आंदोलन जारी रहेगा।
छात्रों को परिसर में टेंट लगाने की सशर्त इजाजत
छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों को कॉलेज प्रशासन ने धरनास्थल पर टेंट लगाने की सशर्त इजाजत दे दी है। प्राचार्य डॉ. एनएस बनकोटी ने बताया कि छात्रों ने रविवार को टेंट लगाने की अनुमति देने की मांग की थी। इस आधार पर उन्हें सशर्त अनुमति दी गई है। प्राचार्य ने बताया कि छात्रों को शाम 7 बजे हर हाल में टेंट खाली कर देना होगा। अनुमति के साथ यह भी निर्देश दिया गया है कि प्रार्थना पत्र में जिन छात्रों के नाम हैं, उससे अधिक छात्र भी परिसर में नहीं होने चाहिए। प्राचार्य ने कहा कि यदि परिसर में छात्रों की ओर से कोई नुकसान किया जाता है, तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
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