कुमाऊं में हर माह 45 बेटियां हो रहीं दरिंदगी का शिकार
हल्द्वानी में कुमाऊं क्षेत्र में जनवरी से सितंबर 2024 तक 271 दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले साल की तुलना में यह संख्या बढ़ी है, जिसमें औसतन हर महीने 45 मामले सामने आ रहे हैं। महिला सुरक्षा...
हल्द्वानी, कार्यालय संवाददाता। कुमाऊं में बेटियां हों या महिलाएं, हर महीने दुष्कर्म के औसतन करीब 45 मामले सामने आ रहे हैं। अपराधियों के बढ़ते हौसलों के सामने पुलिस-प्रशासन के महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के दावे भी दम तोड़ रहे हैं। एक जनवरी 2024 से 30 सितंबर तक कुमाऊं के कुल छह जिलों में दुष्कर्म के 271 मामले सामने आ चुके हैं। बता दें कि 2023 के शुरुआती नौ महीनों में यह आंकड़ा 267 था। पिछले साल से भी ज्यादा दुष्कर्म के मामले पुलिस इस साल 30 सितंबर तक दर्ज कर चुकी है। यही नहीं महिलाओं संबंधी अन्य अपराधों की बात की जाए तो कुमाऊं में इस साल अभी तक अलग-अलग श्रेणी के करीब 1500 मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें हत्या, दहेज हत्या, अपहरण, साइबर यौन अपराध की शिकायतें आदि शामिल हैं।
एक तरफ पुलिस और प्रशासन के अधिकारी महिला सुरक्षा को लेकर विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं। स्कूल-कॉलेजों में जाकर पुलिस उत्तराखंड पुलिस ऐप, गौराशक्ति ऐप, गौरा दीदी योजना, महिला हेल्पलाइन, पुलिस ऐप में मौजूद एसओएस बटन और उसकी महत्ता के बारे में भी जागरूक कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ अपराधियों के हौंसले इस कदर बुलंद होते जा रहे हैं कि हर महीन औसतन 45 किशोरी, युवती और महिलाएं दरिंदगी का शिकार हो रहे हैं। बीते नौ महीनों में सबसे ज्यादा 96 मामले ऊधमसिंह नगर और 56 मामले नैनीताल जिले में दुष्कर्म के पुलिस दर्ज कर चुकी है। इन आंकड़ों का अगर औसत निकाला जाए तो ऊधमसिंह नगर में प्रति माह 10 और नैनीताल जिले में 6 बेटियों से दरिंदगी के मामले सामने आए हैं। यह स्थिति मैदानी जिलों की है। वहीं पर्वतीय जिलों में भी दुष्कर्म मामलों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इन नौ महीनों में अल्मोड़ा पुलिस ने 17, बागेश्वर में चार, चम्पावत में 22 और पिथौरागढ़ जिले में 16 मामले दुष्कर्म के दर्ज हुए हैं।
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