अब एमडीआर-टीबी का इलाज 6 माह में होगा पूरा
हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में टीबी एवं श्वास रोग विभाग ने एक कार्यशाला आयोजित की। विशेषज्ञों ने बताया कि नई दवा बीपीएएलएम को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है, जिससे बहु-दवा प्रतिरोधी तपेदिक...
हल्द्वानी, वरिष्ठ संवाददाता राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के टीबी एवं श्वास रोग विभाग ने लेक्चर थियेटर में शुक्रवार को कार्यशाला आयोजित की। इसमें विशेषज्ञों ने बेडाक्विलीन, प्रेटोमेनिड, लिनेजोलिड और मोक्सीफ्लॉक्सासिन (बीपीएएलएम) दवा को केन्द्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद अब टीबी का इलाज 6 माह में पूरा होने की बात कही।
टीबी एवं श्वास रोग विभाग में असि. प्रोफेसर डॉ. रवि कुमार शर्मा ने बहु-दवा प्रतिरोधी तपेदिक (एमडीआर-टीबी) के उपचार में नई दवा के संबंध जानकारी देते हुए कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुमोदित नवीनतम उपचार योजना बीपीएएलएम ने इस जटिल बीमारी के इलाज के क्षेत्र में नई क्रांति ला दी है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने एमडीआर-टीबी के बेहतर उपचार के लिए बीपीएएलएम दवा को मंजूरी दी है। इससे एमडीआर-टीबी का इलाज मात्र 6 महीनों में पूरा किया जा सकता है। इस दवा ने 90 प्रतिशत से अधिक सफलता दर दिखाई है। उन्होंने कहा कि ये दवा टीबी उन्मूलन लक्ष्य 2025 को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण साबित होगी। कार्यशाला में सीनियर व जूनियर डाक्टरों के साथ-साथ एमबीबीएस के छात्र मौजूद रहे।
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