केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में भी दिया जाए शहीद का दर्जा
हल्द्वानी में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के रिटायर कर्मचारियों ने एक प्रस्ताव तैयार किया, जिसमें पांच प्रमुख मांगें शामिल हैं। इनमें बल के जवानों को शहीद का दर्जा देने, पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने,...

हल्द्वानी, कार्यालय संवाददाता। नगर निगम सभागार में रविवार को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के रिटायर कर्मचारियों ने पांच सूत्रीय मांग पत्र का प्रस्ताव तैयार किया। इसे गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। इनकी प्रमुख मांग है कि देश के लिए जान गंवाने वाले बल के जवानों को भी शहीद का दर्जा दिया जाए। कार्यक्रम में मेयर गजराज बिष्ट मुख्य अतिथि रहे। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कार्मिक संगठन के अध्यक्ष और पूर्व सेनि.डिप्टी कमांडेट डीएस बोहरा ने बताया कि लंबे समय वह लोग कुछ मांगे उठा रहे हैं लेकिन उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने एक्स-सीएपीएफ निदेशालय को दून में खोलने और इसकी कुमाऊं तक शाखाएं खोलने, पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने, सेना की तर्ज पर सर्विस पे दिए जाने की मांग की।
इसके अलावा कठिन सेवाओं को देखते हुए सीएपीएफ कर्मियों की तनख्वाह में बढ़ोत्तरी करने समेत अन्य मांगें उठाईं। यहां बीएस तोलिया, सीएस मर्तोलिया, आरसी पलाड़िया, हीरा सिंह, गोविंद रावत, कुंदन डसीला, कुंदन बिष्ट, रूप सिंह, बहादुर राम, राजेश बनकोटी, प्रेम सिंह, आनंद सिंह, मनी राम, हरभजन सिंह, दीवान सिंह, ललित पंत, पूरन मेहता, पीसी पाठक, पुष्कर सिंह और छत्तर सिंह रहे।
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