त्योहारों ने बदली हल्द्वानी बाजार की तस्वीर
रक्षाबंधन ने लौटाई बाजार की रौनक, व्यापारी खुश हल्द्वानी बाजार में कुछ समय पहले
रक्षाबंधन ने लौटाई बाजार की रौनक, व्यापारी खुश हल्द्वानी बाजार में कुछ समय पहले तक व्यापार में सुस्ती की चर्चा जोरों पर थी, लेकिन त्योहारों का आगमन होते ही बाजार की स्थिति अचानक से बदल गई। रक्षाबंधन के आते ही बाजार में रौनक लौट आई है और व्यापारी अब काफी खुश नजर आ रहे हैं।
व्यापार में बढ़ी बिक्री, मांग में आई तेजी
शुभम, जो कि छोटा मूर्ति कला केंद्र के मालिक हैं, ने बताया कि इस साल रक्षाबंधन के समय बाजार में ग्राहकों की भीड़ पिछले साल के मुकाबले अधिक देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि इस साल की बिक्री पिछले साल के मुकाबले काफी बेहतर रही है। वहीं, दुल्हन श्रृंगार के मालिक अनुज देओल ने बताया कि मई के बाद बाजार में पूरी तरह से सन्नाटा था, लेकिन अब रक्षाबंधन के बाद बाजार में उछाल आ गया है। उनके अनुसार, इस साल कीमतों में कोई बड़ा अंतर नहीं है, केवल उन्नीस बीस का फर्क है। बाजार में 100 से 3500 रुपये तक की झूले उपलब्ध हैं, जिनमें अहमदाबाद, मीनाकारी, मोर पंख डिज़ाइन के झूले, ऑक्सीडाइज़्ड झूले और पारंपरिक लकड़ी के झूले विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
भगवान की पूजा सामग्री की बढ़ी मांग
दुल्हन श्रृंगार के मालिक ने यह भी बताया कि इस साल फूल के बंगले और जुगल जोड़ी की मांग में भी बढ़ोतरी देखी गई है। संगमरमर की गाय की मूर्ति भी लोगों को आकर्षित कर रही है। साथ ही, पूजा सामग्री की मांग जैसे पीतल की थाल, भगवान को भोग चढ़ाने के लिए चम्मच, कटोरी, और ग्लास की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। ठाकुर जी की प्रिय बांसुरी भी अलग-अलग डिज़ाइन में उपलब्ध है, जिनमें लड़की सूरत स्टोन से बनी बांसुरी (रुपये 10 से 300) सहित चांदी की बांसुरी भी शामिल है, जिसे लोग ठाकुर जी को अर्पित करते हैं।
अनुज देओल ने बताया कि पूरे साल उनका यही काम रहता है। कान्हा जी के श्रृंगार से लेकर पोशाक तक वह स्वयं अपने कारीगरों के साथ हल्द्वानी में ही सरस मार्केट स्थित ‘लाड़ली कृष्णा श्रृंगार में तैयार करते हैं। हल्द्वानी और उत्तराखंड के बड़े मंदिरों सहित उनका सामान बाहर के राज्यों में भी आपूर्ति किया जाता है।
कृष्ण-राधा की पोशाकों की भी बढ़ी मांग
कुमाऊं स्टोर के मालिक नरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि बच्चों के लिए राधा-कृष्ण की पोशाकें उनके यहां सभी डिज़ाइन में उपलब्ध हैं। कृष्ण की पोशाक 100 से 400 रुपये तक और श्री राधा की पोशाक 250 से 650 रुपये तक बाजार में उपलब्ध है, जो बच्चों में काफी प्रिय हैं।
राज कुमार, जो मथुरा से यहां हल्द्वानी आए हैं, ठाकुर जी की पोशाकें लेकर। उन्होंने बताया कि उनकी बनाई हुई पोशाकों की मांग जम्मू, उधमपुर समेत भारत के कई राज्यों में है। मीरा देवी ने बताया कि भगवान के मुकुट, तुलसी माला, वैजयंती माला और पूजा की अन्य सामग्री भी बाजार में उपलब्ध है। वैजयंती माला वैजयंती के फूलों से बनाई जाती है, जो ठाकुर जी को विशेष रूप से प्रिय है।
बाजार में फिर से उत्साह का माहौल
हल्द्वानी बाजार में त्योहारों के कारण लौटी इस रौनक से न सिर्फ व्यापारी बल्कि ग्राहक भी उत्साहित हैं। बाजार में फिर से उत्साह का माहौल है, और यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में यह रौनक और बढ़ेगी।
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