दीक्षांत समारोह: बेटियों को बधाई, पतियों का शुक्रिया: राज्यपाल
यूओयू के दीक्षांत समारोह में बेटियों के शानदार प्रदर्शन पर कुलाधिपति गदगद 16 छात्राओं
यूओयू के दीक्षांत समारोह में बेटियों के शानदार प्रदर्शन पर कुलाधिपति गदगद 16 छात्राओं और 4 छात्रों को मिले स्वर्ण पदक
13 छात्रों को मिली पीएचडी उपाधि
02 छात्रों को कुलाधिपति पदक
03 छात्राओं प्रायोजित स्वर्ण पदक
हल्द्वानी,वरिष्ठ संवाददाता। उत्तराखंड मुक्त विवि के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह गदगद दिखे। बेटियों की सफलता पर उन्होंने खूब तारीफ की। उनको बधाई दी। भविष्य के लिए योजना का खाका भी साझा किया। साथ ही स्वर्ण पदक पाने वालों में महिलाओं की अधिक संख्या अधिक होने पर उनके पतियों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि मैं उन पतियों की सराहना करता हूं, जिन्होंने अपनी पत्नी को पढ़ने का मौका दिया और उनका प्रोत्साहन किया है।
राज्यपाल ने गोल्ड मेडल और उपाधि लेने वाले छात्र-छात्राओं से कहा कि आज से वे सभी के रोल मॉडल बन गए हैं। कहा, 'आज से आपके विचार, आपका व्यवहार, आपके शब्द बदल गए हैं। आपने जो आज अर्जित किया है, वह बेहद महत्वपूर्ण है। यह आपके संकल्प और कड़ी मेहनत का फल है।' राज्यपाल ने कहा कि खुद के आत्मविश्वास को पहचानिए, विकल्पों की कोई कमी नहीं है। कमी है तो संकल्प की। उन्होंने कहा अपने समर्पण से ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के उत्थान के लिए कार्य करें। समाज के सबसे कमजोर वर्गों को विकास की मुख्यधारा में लाएं।
इनसेट
सीखना बंद मत कीजिए, इसके बिना जीवन नहीं: सिन्हा
हल्द्वानी,वरिष्ठ संवाददाता। उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को हमेशा सीखना चाहिए। इसे बंद नहीं करना चाहिए। इसके बिना जीवन नहीं है। यदि हम सीखना बंद कर देते हैं तो इसका हमारे स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। इसलिए विद्यार्थियों के लिए ये बात बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मुक्त विवि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लगातार अच्छा कार्य कर रहा है। आज तक उनको कोई गोल्ड मेडल नहीं मिला। इन छात्रों के पास मेडल देखकर उनको ईर्ष्या भी हो रही है। कहा कि यदि हम दो दिन तक भोजन नहीं करते हैं तो इससे हमारे शरीर में परेशानी होती है। हमारा दिमाग काम करना कम कर देता है। इसलिए जिस तरीके से शरीर के लिए भोजन की आवश्यकता है। उसी तरह हमारे जीवन में नया सीखने की आवश्यकता है। हमारे लिए रोज नया दिन है। रोज हम नए तरीके से सीख सकते हैं। नई किताब पढ़िए, जिस लेखक की हम किताब पढ़ते हैं। उसको लिखने में उसकी पूरी जिदंगी लग जाती है। इसलिए नया सीखना हमारे लिए आवश्यक है। उदाहरण देते हुए कहा कि कुछ लोगों का प्रेम विवाह होता है, कुछ लोगों की अरेंज मैरिज। उनकी अरेंज मैरिज हुई। अरेंज मैरिज पर एक समय बाद आपको अपनी पत्नी से प्यार हो जाएगा। उसके बिना नहीं रह पाएंगे। इसी तरह अपने उद्देश्यों को लेकर मजबूत मनोभाव बनाइये। कुछ समय में आपको अपने काम से प्यार हो जाएगा।
गांव-गांव में पहुंचाई उच्च शिक्षा: कुलपति
हल्द्वानी, वरिष्ठ संवाददाता। उत्तराखंड मुक्त विवि के कुलपति प्रो.ओपीएस नेगी ने कहा कि 2005 से विवि छात्र-छात्राओं को सहज और सरल तरीके से उच्च शिक्षा मुहैया करा रहा है। गांव- गांव में विवि ने उच्च शिक्षा की अलख जगाई है। अभी विवि के 14 विद्याशाखाओं में 94 पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों में स्नातक, स्नातकोत्तर सहित अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रम शामिल हैं। अब विवि चार साल का स्नातक कोर्स भी शुरू करने जा रहा है। कौशल विकास पाठ्यक्रमों को अपडेट किया जा रहा है। छात्रों के लिए विवि ने खुद ही पाठ्यक्रम भी तैयार किया है। विवि सामुदायिक कार्यों में भी विवि लगातार आगे बढ़ रहा है। अब हल्द्वानी उप कारागार में कैदियों को मुफ्त शिक्षा के लिए भी कवायद कर रहा है। प्रो. नेगी ने कहा कि राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में प्रत्येक व्यक्ति तक उच्च शिक्षा पहुंचाने के लिए विवि तेजी से काम कर रहा है। इसमें विवि परिवार का पूरा सहयोग है।
मेरा करियर मुक्त विवि से शुरू हुआ: प्रो. हेम चन्द्र
हल्द्वानी। डी लिट की उपाधि से नवाजे गए हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा विवि के पूर्व कुलपति प्रो. हेम चन्द्र ने कहा कि मेरा करियर मुक्त विवि से ही शुरू हुआ है। इससे मेरे करियर को नई ऊंचाई मिली। उन्होंने कहा कि द्वाराहाट के एक छोटे से गांव से निकलकर डीलिट की उपाधि मिलना मेरे लिए बहुत सुखद है। डॉ. हेम चन्द्र को कोविड माहामारी के समय कोरोना वॉरियर का अवॉर्ड भी दिया गया था। उनकी 12 किताबें एवं 180 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। वह 31 पुरस्कार एवं फैलोशिप भी पा चुके हैं।
ये हैं विवि के स्वर्ण पदक विजेता
स्नातकोत्तर
ऋषिका अजय, वनस्पति विज्ञान (82.29)
चन्द्र सिंह रावत, एमए योग (81.83)
एश्वर्या, एमए अंग्रेजी (79.83)
प्रगति सकलानी, एमए अंग्रेजी (79.83)
दीपिका ओझा,एमए एजुकेशन(77.56)
उषा जोशी, एमए हिन्दी(77.61)
गौरव उपाध्याय, एमए राजनीति विज्ञान (77.56)
कल्पना, एमएससी गणित (76.7)
सुमन पिलख्वाल, एमए इतिहास (74.44)
अजीत सिंह, एमएससी रसायन विज्ञान (74.33)
हरदीप कौर, एमएससी जूलॉजी (73.86)
वंदना नयाल, एमए समाजशास्त्र (73.83)
साक्षी मेहता, एमए अर्थशास्त्र (73.39)
महिमा थापा, एमकॉम (72.42)
मोहम्मद इमरान, एमए, समाजकार्य (67.89)
स्नातक
सैफाली चौहान, बीएड (79.44)
अलीषा, बीएससी (74.85)
मनीषा, बीए (74.7)
प्रीति नेगी, बीए (74.7)
कीर्ति आनंद, बीकॉम (70.9)
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