कुमाऊं में 526 बूढ़ी बसें दौड़ रहीं सड़कों पर
कुमाऊं में परिवहन निगम की 526 पुरानी बसें यात्रियों को लेकर चल रही हैं, जिससे हर दिन हादसे का खतरा बना रहता है। पहाड़ी क्षेत्रों में ये खटारा बसें खराब होने के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना...
हल्द्वानी। कुमाऊं में परिवहन निगम खस्ताहाल बसों के भरोसे चल रहा है। हालात इतने खराब हैं कि कुमाऊं में 526 उम्रदराज बसों को यात्रियों के साथ सड़क पर दौड़ाया जा रहा है। इससे हर दिन हादसे का खतरा बना रहता है। बुधवार को भीमताल के आमडाली में हादसाग्रस्त बस भी इन्ही पुरानी बसों में एक थी। खटारा बसों के स्टेशन से रवाना होने के बाद जगह- जगह खराब होना आम बात बन गई है। कुमाऊं के पहाड़ी क्षेत्रों में चलने वाली रोडवेज की अधिकतर बसें जर्जर हो चुकी हैं। इसके बाद भी परिवहन निगम प्रबंधन वर्षों से जरूरत के अनुसार नई बसों को बेड़े में नहीं जोड़ सका है। बूढ़ी बसों में यात्री भरकर पहाड़ी रूट पर भेजा जा रहा है। कुमाऊं के 12 डिपो में नई बसों की कमी होने के कारण 526 पुरानी बसों का संचालन किया जा रहा है। इनमें से महज आठ डिपो को ही 68 नई बसें मिल सकी हैं। ऐसे में विभाग हर दिन अधिकांश रूटों पर पुरानी खस्ताहाल बसों को भेज रहा है। इससे सबसे ज्यादा परेशानी पर्वतीय मार्गों पर रोडवेज बस में यात्रा करने वाले यात्रियों को करनी पड़ रही है। रोजाना किसी न किसी स्टेशन से लोगों के साथ निकलने वाली पुरानी बस रास्ते में खराब हो जाती हैं। इससे यात्रियों को बीच रास्ते में परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है। ये बसें 2016 से पहले खरीदी गईं और दो साल पहले ही निर्धारित किलोमीटर दूरी तय करने का मानक पूरा कर चुकी हैं।
बूढ़ी बसें चढ़ रहीं पहाड़, नई दौड़ रहीं मैदान में
परिवहन निगम के सभी डिपो में मौजूद पुरानी बसें बीएस-4 मॉडल की हैं। दिल्ली में इनके प्रतिबंधित किए जाने से इस रूट पर पुरानी बसें नहीं भेजी जा रही हैं। ऐसे में प्रबंधन बीएस-6 मॉडल की नई बसों को दिल्ली के लिए भेज रहा है। पर्वतीय मार्गों पर पुरानी बसों को दौड़ाया जा रहा है। दुर्घटना का ज्यादा खतरा होने के बाद भी पहाड़ के लिए पुरानी बस भेजने से लोग प्रबंधन पर सवाल उठा रहे हैं।
रोडवेज के वर्कशॉप जूझते हैं पार्ट्स की कमी से
बसों के रखरखाव के लिए परिवहन विभाग ने वर्कशॉप बनाए हैं। इसके माध्यम से बसों में जरूरी सुधार किए जाते हैं, लेकिन यहां तैनात तकनीकी कर्मचारी लगातार पार्ट्स की कमी को पूरा करने की मांग अधिकारियों से करते रहते हैं। ऐसे में कई बार बसों को बिना पूरी तैयारी के रूट पर भेज दिया जाता है।
कुमाऊं के डिपो में बसों की स्थिति
डिपो पुरानी बसें नई बसें
हल्द्वानी 66 02
काठगोदाम 70 04
राननगर 49 00
भवाली 28 07
काशीपुर 35 06
रुद्रपुर 32 00
रानीखेत 26 15
अल्मोडा 30 12
बागेश्वर 15 10
टनकपुर 85 00
लोहाघाट 32 12
पिथौरागढ़ 58 00
कोट -
हर बस की नियमित तकनीकी जांच की जाती है। जांच में सही पाए जाने के बाद ही स्टेशन से रूट के लिए रवाना किया जाता है।
संजय पांडे, सहायक महाप्रबंधक हल्द्वानी
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