विस्थापितों के गांव में मवेशियों को भी मिलेगा पुराना साथ
जमरानी बांध से विस्थापित 213 परिवारों के मवेशियों के लिए प्राग फार्म में 3.04 एकड़ का सामूहिक चारागाह बनाया जाएगा। इसके साथ ही 9.23 एकड़ क्षेत्र में ग्रीन एरिया बनाने की योजना है। इस पुनर्वास योजना...

- विस्थापित होने वाले परिवारों के पशुओं के लिए प्राग फार्म में 3.04 एकड़ में बनेगा चारागाह - नए गांव के पास 9.23 एकड़ क्षेत्र में ग्रीन एरिया बनाया जाना है प्रस्तावित
- बांध प्रभावित ग्रामीणों के साथ ही मवेशियों का भी होना है पुनर्वास
हल्द्वानी। जमरानी बांध क्षेत्र से विस्थापित होने लोगों के मवेशियों को भी नए गांव में अपने पुराने साथियों का साथ मिलेगा। इसके लिए विस्थापितों के पुनर्वास के लिए चिह्नित प्राग फार्म में 3.04 एकड़ में सामूहिक चारागाह बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त यहां 9.23 एकड़ क्षेत्रफल में पौधों का रोपण कर ग्रीन एरिया बनाने के मास्टर प्लान में जगह निर्धारित कर दी गई है। जिससे अपने मूल निवास से विस्थापित होने वाले मवेशियों की हर दिन यहां भी मुलाकात होती रहेगी।
पेयजल और सिंचाई की जरूरत को पूरा करने के लिए गौला नदी के अपस्ट्रीम में जमरानी बांध बनाए जाने की प्रक्रिया तेज गति से की जा रही है। डूब क्षेत्र से प्रभावित हो रहे लोगों के साथ ही ग्रामीणों के मवेशियों का विस्थापन होना है। अभी तक हरे चारे के लिए गांव के नजदीकी जंगल में साथ जाने वाले मवेशियों को यहां से किच्छा के नजदीक प्राग फार्म में जाना होगा। पुनर्वास के लिए बनाए गए मास्टर प्लान में 3.04 एकड़ में सामूहिक चारागाह बनाने के लिए जगह निर्धारित कर दी गई है। वहीं 9.23 एकड़ क्षेत्रफल में ग्रीन एरिया बनाया जाएगा।
213 परिवारों का होना है पूरी तरह विस्थापन
बांध निर्माण के बाद 213 परिवारों के खेत और मकान पूरी तरह से डूब जाएंगे। इनके परिवारों के साथ उनके घरेलू मवेशियों को भी गांव छोड़ना होगा। मास्टर प्लान के अनुसार लोगों को सौ वर्ग मीटर भूखंड मकान बनाने के दिए जाने के साथ ही एक एकड़ कृषि भूमि दी जाएगी।
प्राग फार्म में बनेगा सड़कों का जाल
जमरानी विस्थापितों के लिए बनाए मास्टर प्लान के अनुसार प्राग फार्म में सभी जरूरी सुविधाओं का विकास किया जाना है। इसके लिए यहां सड़कों का निर्माण होना है। प्रस्तावित प्लान के अनुसार 12 मीटर चौड़ी 4314.58 मीटर, 9 मीटर चौड़ी 9299.66 मीटर और 6 मीटर चौड़ी 1079.97 मीटर लंबी सड़कें बनाई जानी है। जिसने यहां बनने वाला हर घर सड़क से जुड़ा रहेगा।
कोट -
जमरानी बांध के प्रभावितों के पुनर्वास के लिए मास्टर प्लान बनाया गया है। इसमें मवेशियों के लिए चारागाह बनाए जाने के साथ ग्रीन एरिया निर्धारित किया गया है।
-ललित कुमार, उपमहाप्रबंधक, जमरानी परियोजना
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