उत्तराखंड मुक्त विवि में खुलेगा भारतीय ज्ञान परंपरा अध्ययन का नया विभाग
विद्या परिषद बैठक: - विवि के दीक्षांत समारोह में दो व्यक्तियों को मिलेगी मानद उपाधि
हल्द्वानी। मुख्य संवाददाता उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की विद्या परिषद की 30वीं बैठक में विवि में भारतीय ज्ञान परंपरा अध्ययन का नया विभाग खोले जाने सहित अनेक प्रस्ताव पास किए गए। बैठक में विश्वविद्यालय के नवम दीक्षांत समारोह में राज्य के दो विशिष्ट व्यक्तियों को मानद उपाधि प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया।
यूओयू के सभागार में आयोजित विद्या परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी ने कहा कि यूओयू में भारतीय ज्ञान परंपरा अध्ययन विभाग खोलने का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में भारतीय ज्ञान परंपरा को पुर्नस्थापित करना है। जिससे हमारी प्राचीनतम् भारतीय ज्ञान, विरासत परंपरा एवं शिक्षण पद्धतियों के सनातन मूल्यों को आधुनिक शैक्षणिक पद्धति व व्यवस्था में स्थापित किया जा सके। उन्होंने कहा कि विवि शीघ्र ही अग्रणी श्रेणी में होगा। बैठक में यूओयू में पंजीकृत विद्यार्थियों के लिए कौशल आधारित पाठ्यक्रम संचालित किये जाने, विभिन्न विवि के साथ हुए एमओयू पर व्यापक रूप से कार्य करने, पीएचडी के विद्यार्थी सुधीर पंत व मोहम्मद इरशाद खान की मौखिक परीक्षा की आंख्या का अनुमोदन किया गया। इसके अलावा भी विभिन्न विद्या शाखाओं के तहत सम्पन्न अध्ययन बोर्डों की संस्तुतियों का अनुमोदन किया गया। बैठक कुलसचिव खेमराज भट्ट, विद्या परिषद के सदस्य प्रो. एचसी पोखरियाल, प्रो. ब्रजेश कुमार, प्रो. एचसी पुरोहित, प्रो. गिरजा पाण्डे, प्रो. रेनू प्रकाश, डा. एमएम जोशी, डा. प्रवेश कुमार, डा. अरविन्द भट्ट, डा. नीरजा सिंह, डा. सुमित प्रसाद, वित्त नियंत्रक सूर्यप्रताप सिंह, परीक्षा नियंत्रक सोमेश कुमार मौजूद रहे।
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