डीएसबी में छात्र पुरानी पुस्तकों से पढ़ रहे नई शिक्षा नीति
अजब हाल डीएसबी में छात्र पुरानी पुस्तकों से पढ़ रहे नई शिक्षा नीति डीएसबी में छात्र पुरानी पुस्तकों से पढ़ रहे नई शिक्षा नीति डीएसबी में छात्र पुरानी
नैनीताल। कुमाऊं विवि में शिक्षण का अजब हाल है। नई शिक्षा नीति लागू होने के तीन साल बाद भी विवि के सबसे बड़े और मुख्य परिसर डीएसबी की लाइब्रेरी में मात्र 221 किताबें उपलब्ध हैं। विद्यार्थी पुरानी पुस्तकों से पढ़ने को मजबूर हैं। जबकि परिसर में नियमित छात्रों की संख्या ही करीब पांच हजार है। विवि के विद्यार्थी इंटरनेट के भरोसे भविष्य बनाने में जुटे हुए हैं। तीन साल पूर्व नई शिक्षा नीति को उच्च शिक्षा में लागू करने की कवायद शुरू की गई। इस दौरान पहले सेमेस्टर से इसे प्रभावी भी कर दिया गया, लेकिन कुमाऊं विवि के डीएसबी परिसर में आज भी छात्रों के लिए नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम की पुस्तकें नहीं हैं। यहां पुस्तकों का भारी टोटा बना हुआ है। विद्यार्थियों को पुरानी किताबों से पढ़ाई करनी पढ़ रही है। यूं तो डीएसबी परिसर के पुस्तकालय में करीब 50 हजार पुस्तकें हैं, लेकिन ये पुराने पाठ्यक्रम की हैं। ऐसे में विद्यार्थी किसी तरह इंटरनेट के जरिए पाठ्यक्रम जुटाकर परीक्षा की तैयारी करने को मजबूर हैं।
इनकी बात
- नई किताबें नहीं मिलने के कारण पुरानी किताबों से पाठ्यक्रम छांटकर पढ़ाई करनी पड़ रही है। इस कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यदि मुख्य कोर्स की ही किताबें नहीं होंगी तो परीक्षाओं के लिए भी कैसे तैयारी होगी।
- प्रीति, बीएसी पंचम सेमेस्टर
- नए सेलेबस की किताबें न होने के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सेलेबस बदलने से पुरानी किताबों से कंटेंट नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में कैसे पढ़ाई करें यह समझ नहीं आ रहा।
- स्मृति राणा, बीकॉम तृतीय सेमेस्टर
कोट
- नए प्रकाशकों की पुस्तकें बाजार में उपलब्ध नहीं हैं। जिसके चलते पुस्तकालय में नई शिक्षा नीति की किताबों की कमी है। हालांकि पुस्तकालय की ओर से किताबों की पूर्ति के लिए अन्य संस्थानों से भी संपर्क साधा जा रहा है। छात्रों के लिए जल्द ही किताबें मंगाई जाएंगी।
- प्रो. नीलू लोधियाल, पुस्तकालय प्रभारी
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