पश्मीना रजाई घोटाले में जांच अधिकारी को अंतिम रिमाइंडर
घोटाला - एक साल बाद भी जांचाधिकारी ने पुष्ट तथ्य और जिम्मेदारों के नाम
हल्द्वानी, कार्यालय संवाददाता। नैनीताल-लालकुआं दुग्ध संघ में एक साल पहले हुए पश्मीना रजाई घोटाले की जांच रिपोर्ट समय पूरा होने के बाद भी निदेशालय को नहीं भेजी गई है। जांच अधिकारी ने अपनी पिछली रिपोर्ट में घोटाले के जिम्मेदारों के नाम एवं अन्य तथ्यों को स्पष्ट ही नहीं किया था। शासन से शिकायत के बाद जब जांच रिपोर्ट दोबारा मांगी गई, तब भी अंतिम रिपोर्ट नहीं भेजी गई। सोमवार को जांच अधिकारी को इसके लिए अंतिम रिमाइंडर भेजा गया है। एक साल पहले नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड में गलत तरीके से टेंडर जारी कर लाखों रुपये की पश्मीना रजाई खरीदी गई थीं। खरीद में घोटाले के आरोप लगे तो डेरी विकास विभाग के सहायक निदेशक लीलाधर सागर को इसकी जांच सौंपी गई। सहायक निदेशक ने मामले की जांच कर रिपोर्ट विभाग को सौंप दी। विभाग ने रिपोर्ट शासन को भेज दी लेकिन रिपोर्ट में कई तथ्य ऐसे थे, जिन पर शासन ने सवाल खड़े कर दिए। यहां तक कि जांच रिपोर्ट में घोटाले के जिम्मेदारों का नाम तक नहीं था। शासन ने मामले की जांच रिपोर्ट दोबारा मांगी। निदेशक डेयरी विकास की ओर से बीती 16 अगस्त को सवालों के जवाब दोबारा मांगते हुए अविलंब जांच रिपोर्ट तलब की गई। इसके करीब 15 दिन बीतने के बाद भी जांच आधिकारी ने निदेशालय को जांच रिपोर्ट नहीं भेजी। बीती दो सितंबर तक रिपोर्ट नहीं भेजने पर डेरी निदेशक ने जांच अधिकारी को इस संबंध में अंतिम रिमाइंडर भेजा है।
कोट ....
जल्द से जल्द विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलते ही शासन को भेज दी जाएगी। इसके बाद विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
-संजय कुमार खेतवाल, निदेशक, डेरी विकास, उत्तराखंड
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