सहकारी समितियों के चुनाव पर एकलपीठ का आदेश बरकरार
नैनीताल में हाईकोर्ट ने सहकारी समितियों के चुनाव को चुनौती देने वाले मामले की सुनवाई की। न्यायालय ने कहा कि चुनाव पूर्व के नियमों के अनुसार ही कराए जाएं। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने...
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नैनीताल। हाईकोर्ट ने राज्य में हो रहे सहकारी समितियों के चुनाव को चुनौती देने के मामले में सुनवाई की। सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार से कहा कि चुनाव एकलपीठ के आदेश के अनुसार ही कराए जाएं। पूर्व में एकलपीठ ने पुरानी नियमावली से ही चुनाव कराने के आदेश दिए थे। इस मामले में सोमवार को एकलपीठ के आदेश को विशेष अपील के माध्यम से सोसाइटी की ओर से चुनौती दी गई। अपील में कहा गया कि सहकारी समितियों के चुनाव कराने के लिए राज्य सरकार ने नियमों में कुछ संशोधन किया है और उसी के अनुसार चुनाव संपन्न कराए जाने चाहिए। इस पर आरटीआई एक्टिविस्ट भुवन पोखरिया व अन्य याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सहकारी समितियों के चुनाव पूर्व के नियमों के तहत ही कराए जाने चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि राज्य सरकार ने चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के बाद नियमावली में संशोधन किया है, जो नियम विरुद्ध है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि चुनाव कराने की प्रक्रिया दिसंबर माह से प्रारंभ हो चुकी है और अब राज्य सरकार इसमें संशोधन कर रही है, जो गलत है। संशोधन के तहत सरकार ने उन लोगों को मतदान का अधिकार दे दिया है जो सेवानिवृत्त हैं या इस कमेटी के सदस्य नहीं हैं। जबकि नियमों के अनुसार केवल वे ही समिति के चुनाव में भाग ले सकते हैं जो कम से कम तीन साल से इसके सदस्य हैं।
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