हल्द्वानी में सेना भर्ती में जा रहे युवकों ने लगाया जाम
हल्द्वानी, कार्यालय संवाददाता। पिथौरागढ़ में चल रही प्रादेशिक सेना की भर्ती में शामिल होने सोमवार की सुबह यूपी के सैकड़ों युवक ट्रेन से हल्द्वानी पहुंचे थे। यहां रोडवेज बस अड्डे में पिथौरागढ़ की बस नहीं होने पर युवकों ने संचालन कक्ष में हंगामा करने के साथ ही स्टेशन के गेट पर जाम लगा दिया। कुछ युवक दिल्ली जाने वाली बसों के आगे लेट गए। स्टेशन के दोनों तरफ के गेटों पर युवकों की भीड़ और हंगामे की सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने युवकों को समझाकर रास्ता खुलवाया और बसों को दिल्ली के लिए रवाना कराया। देर शाम तक स्टेशन में युवकों की भीड़ रही। वहीं रोडवेज और केमू की करीब 54 बसें अतिरिक्त भेजकर 1800 से अधिक युवकों को पिथौरागढ़ भेजा जा सका।
सुबह हर दिन की तरह रोडवेज स्टेशन में पिथौरागढ़, दिल्ली सहित पहाड़ के अन्य रूटों की बसें लगी थीं। इसी बीच सुबह के समय पहुंची एक ट्रेन से सैकड़ों की संख्या में युवक उतरकर कुमाऊं मोटर्स ओनर्स यूनियन (केमू) के बस अड्डे से होते हुए रोडवेज की ओर आ गए। यहां पिथौरागढ़ जाने के लिए बसों को खोजने लगे। यहां से पिथौरागढ़ के लिए चलने वाली नियमित बस सुबह साढ़े 5 बजे ही निकल गई थी। वहीं साढ़े 7 बजे दूसरी बस भी पिथौरागढ़ चली गई। वहीं केमू की पिथौरागढ़ की 4 बसें भी सुबह ही चली गईं। इन युवाओं की भीड़ बढ़ती रही और बसें नहीं होने पर ये लोग रोडवेज स्टेशन के संचालन कक्ष में पहुंचकर बसों का इंतजाम करने के लिए कहने लगे। स्टेशन इंचार्ज विद्या जोशी ने युवकों को समझाने की कोशिश की लेकिन इस बीच कुछ युवा लोग दिल्ली जा रही बस के आगे लेट गए। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर रास्ता खुलवाया और दिल्ली की बस निकल रवाना कराई। इसके बाद नैनीताल रूट की बसों को काटकर पिथौरागढ़ के लिए भेजा गया, लेकिन इससे भी राहत नहीं मिल सकी। सोमवार देर शाम तक 54 बसों में लगभग 1800 युवकों को पिथौरागढ़ भेजा जा सका।
नैनीताल रोड जाम करने पर पुलिस ने चेताया
बसों की व्यवस्था नहीं होने पर सुबह ये युवक सुबह करीब 9 बजे नैनीताल रोड की तरफ आ गए और जाम लगाने लगे। युवकों की भीड़ सड़क पर आते ही दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग गईं। इस पर पुलिस कंट्रोल रूम से इन युवकों से रोडवेज स्टेशन परिसर में जाने की अपील की गई। साथ ही सड़क जाम करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई। पुलिस ने दो-तीन बार कार्रवाई की चेतावनी दोहराई, तब युवक सड़क से हटे।
कोई खिड़की से घुसा तो कई छत पर चढ़ बैठे
रोडवेज स्टेशन में स्थिति यह थी कि जैसे ही बताया जाता कि बस पिथौरागढ़ जाएगी, युवक आपाधापी में बस में चढ़ने के लिए भागने लगते। इस दौरान कोई खिड़की से चढ़ता हुआ नजर आया तो कोई धक्का देकर गेट से घुस गया। सुबह से शाम तक बस में चढ़ने के लिए ऐसी मारामारी रही। कई बार तो गेट बंद होने और परिचालक नहीं होने के बावजूद खिड़की से घुसकर युवक बस में बैठ रहे थे। वहीं सुबह एक बस टनकपुर जाने के लिए पहुंची। पुरानी मॉडल की बस की छत में लगेज कैरियर भी लगा था। अंदर सवारी भरने के बाद कुछ युवक बस की छत पर चढ़कर बैठ गए। पुलिस ने इन युवकों को बस की छत से उतरने के लिए कहा। वहीं बस चालक ने छत में सवारी बैठाकर ले जाने से साफ इनकार कर दिया। जिसके बाद युवक नीचे उतरे।
28 बसें भेजी गईं पिथौरागढ़, केमू की 20 बसें गईं
सुबह 6 बजे से दोपहर बाद 4 बजे तक रोडवेज की 28 अतिरिक्त बसें पिथौरागढ़ भेजी जा चुकी थीं जबकि केमू की भी करीब 20 बसें पिथौरागढ़ भेजी गईं। बस अड्डे में दिन भर युवकों की भीड़ रही। युवक बस का इंतजार करते नजर आए। इस बीच आरटीओ प्रवर्तन डॉ. गुरुदेव सिंह और एआरटीओ जितेंद्र कुमार केमू बसों के साथ ही टैक्सी, ट्रैवलर वाहनों में इन युवाओं को बैठाकर पिथौरागढ़ भेजते नजर आए। इस वजह से वाहन चालकों और परिवहन विभाग के अधिकारियों के बीच कई बार बहस भी हुई। आरटीओ प्रवर्तन ने बताया कि शाम तक रोडवेज और केमू की मिलाकर 48 बसें पिथौरागढ़ भेजी गई हैं। बसें कम पड़ने पर ग्राफिर एरा विश्वविद्यालय की दो बसों को अस्थाई परमिट देकर पिथौरागढ़ भेजा गया। साथ ही रामनगर से भी दो बसें मंगाकर पिथौरागढ़ भेजी गईं।
नैनीताल सहित अन्य रूटों की कटी बस, यात्री परेशान
पिथौरागढ़ के लिए बसें भेजने के लिए परिवहन निगम को नैनीताल रूट की सबसे अधिक बसें काटनी पड़ी। सुबह 8 बजे तक दो बसें नैनीताल जा सकी थीं। जबकि नैनीताल जाने वाली 4 बसें पिथौरागढ़ भेजी जा चुकी थीं। इस कारण स्टेशन में नैनीताल के यात्रियों की भारी भीड़ रही। इसमें कॉलेज में पढ़ने वाले कई छात्र-छात्राएं भी शामिल रहे, जिनके प्रैक्टिल की भी डेट थी। शाम तक नैनीताल रूट की करीब आठ बसें काटकर पिथौरागढ़ भेजी गईं। वहीं हल्द्वानी से जौरासी, कुकुछीना, लखनऊ, जंगलिया गांव, चनौती, हरिद्वार, टनकपुर सहित करीब 10 बसें सोमवार को नहीं जा सकीं। भवाली डिपो की बसें भी काटी गईं। दूसरी ओर केमू की पहाड़ के लोकल रूट पर चलने वाली बसों को भी पिथौरागढ़ भेजने से शाम तक बड़ी संख्या में यात्री बसों का इंतजार करते नजर आए।
दिल्ली के लिए आई बसें, हल्द्वानी में बदली
सुबह पहाड़ से दिल्ली के लिए आ रही बसों को भी हल्द्वानी स्टेशन पर ही रोक दिया गया। सुबह 9 बजे देहरादून के लिए आई दो बसों की सवारियों को निगम की अनुबंधित बसों में बैठाया गया। इसके बाद इन बसों से युवाओं को पिथौरागढ़ भेजा गया। वहीं, पहाड़ से दिल्ली जाने वाली बसें भी केवल हल्द्वानी तक ही चली हैं। इन बसों के यात्रियों को भी अन्य बसों में शिफ्ट किया गया।
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