Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़हल्द्वानीKumaon Road Accidents 60 Incidents and 71 Fatalities in Mountain Districts

पहाड़ में सड़क हादसे लोगों की जिंदगियां लील रहे

कुमाऊं के चार पहाड़ी जिलों में इस वर्ष अब तक 60 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 71 लोगों की मौत हुई। अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत और पिथौरागढ़ में सड़क की संकरापन और ड्राइविंग में लापरवाही के कारण ये...

Newswrap हिन्दुस्तान, हल्द्वानीTue, 5 Nov 2024 11:40 AM
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-इस साल कुमाऊं के चार पहाड़ी जिलों में अब तक हुईं 60 सड़क दुर्घटनाएं -इन हादसों में अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत और पिथौरागढ़ में 71 लोगों की मौत हुई

-सड़कों की सीमित चौड़ाई, संकरापन और ड्राइविंग में लापरवाही भी हादसों की वजह

कॉमन इंट्रो :::::::::

हल्द्वानी, कार्यालय संवाददाता। कुमाऊं के पर्वतीय इलाकों में सड़क हादसों का सिलसिला जारी है। यहां इन हादसों की खास वजह सड़कों की सीमित चौड़ाई, बेहद संकरापन और गाहे-बगाहे वाहन चालकों की लापरवाही भी है। सोमवार सुबह अल्मोड़ा जिले के मर्चुला में बस खाई में गिरने से 36 यात्रियों की जान चली गईं। लोग इसके लिए सड़क के संकरा होने को जिम्मेदार मान रहे हैं। लोगों का कहना है कि जिस जगह से बस खाई में गिरी वहां एक तो तीखा मोड़ है, इसके अलावा अगर एक साथ आमने-सामने दो बड़े वाहन आ जाएं तो इस स्थान पर पास देने तक के लिए जगह नहीं होती है। आपदा प्रबंधन के आंकड़ों के मुताबिक, अल्मोड़ा, चम्पावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले में इस साल अब तक 60 सड़क हादसों में 71 लोगों की मौत हो चुकी है।

अल्मोड़ा में 11 महीने में 44 की जान गई

अल्मोड़ा आपदा प्रबंधन विभाग के रिपोर्ट पर नजर डालें तो इस साल नवंबर तक जिले में 18 सड़क हादसे हो चुके हैं। जिसमें सोमवार को हुआ भीषण बस हादसा भी शामिल है। इन 18 हादसों में अल्मोड़ा जिले में 44 लोगों की जान चली गई। खास बात यह है कि इसमें से 36 यात्रियों की जान सोमवार को सल्ट क्षेत्र के कूपी में हुए हादसे में गई। इससे पहले आठ लोग अक्तूबर तक सड़क हादसे में जान गंवा चुके थे। इसके अलावा 2022 में 13 सड़क हादसों में अल्मोड़ा जिले में आठ लोगों की जान गई। वर्ष 2023 में हुए 16 हादसों में जिले में छह लोगों की मौत हो गई थी। अधिकांश हादसों का कारण सड़क की बदहाली ही रही।

चम्पावत में 13 लोगों की सड़क हादसे में मौत

कुमाऊं में पहाड़ के जिलों में चम्पावत जिला सड़क हादसों में दूसरे नंबर पर है। यहां पिछले एक साल में 19 सड़क हादसे हुए, जिनमें 13 लोगों की मौत हुई। इस दौरान 16 लोग घायल भी हुए। इससे पहले 2022 में 14 हादसों में 13 लोगों की जान गई। 15 लोग इसमें घायल हुए। वहीं बात करें 2023 की तो 20 सड़क हादसों में 28 लोगों ने जान गंवाई। इन हादसों में घायल होने वालों की संख्या 35 से अधिक रही। हादसे का कारण संकरी सड़क, चालक को झपकी आना और लापरवाही से वाहन चलाना रहा।

पिथौरागढ़ में आठ की मौत, 30 घायल

सीमांत पिथौरागढ़ जिला भी सड़क हादसों से अछूता नहीं है। इस साल अब तक यहां 18 सड़क हादसे हुए। इनमें 30 लोग घायल हो गए, जबकि आठ लोगों की जान चली गई। इससे पहले 2023 में पिथौरागढ़ जिले में 15 से अधिक लोगों की सड़क हादसों में जान गई, जबकि 40 से अधिक लोग इन हादसों में गंभीर अथवा आंशिक रूप से घायल हुए। जिले में सड़क हादसे वाले स्थान मुनस्यारी, धारचूला, थल, चंडाक, घाट-पिथौरागढ़ के बीच रहे। यहां भी हादसे का कारण कहीं संकरी तो कहीं बदहाल सड़कें रहीं। इसके अलावा मानवीय लापरवाही भी इसकी वजह रही।

बागेश्वर में छह मौतें, 20 घायल हुए

बागेश्वर में इस तीन सड़क हादसों में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग यहां घायल हुए। जिला आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, दुगनाकुरी तहसील क्षेत्र में 14 अप्रैल को एक वाहन गधेरे में गिर गया था। इसमें चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। कपकोट तहसील क्षेत्र के तोली मार्ग और सौंग लौहारखेत में दो अलग-अलग हादसों में दो लोगों की जान गई। साल 2023 में यहां आठ सड़क हादसों में 13 लोगों की मौत हुई। सड़क हादसों का कारण बदहाल सड़कें और वाहन चालकों की लापरवाही रही।

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