Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़हल्द्वानीKerala High Court Ruling Wife Granted Conditional Guardianship Over Comatose Husband

गंभीर बीमार पति का संरक्षक बनने की पत्नी को मिली मंजूरी

नैनीताल हाईकोर्ट ने एक महिला को उसके कोमा में गए पति का संरक्षक बनने की अनुमति दी। कोर्ट ने कहा कि अधिकार के दुरुपयोग की स्थिति में अनुमति रद की जा सकती है। महिला ने अपने पति के इलाज पर 35 लाख रुपये...

Newswrap हिन्दुस्तान, हल्द्वानीSun, 10 Nov 2024 10:31 PM
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हाईकोर्ट -ऐसा कोई कानून नहीं लेकिन केरल हाईकोर्ट दे चुका है ऐसे मामले में निर्णय

-कोर्ट ने स्पष्ट किया, अधिकार के दुरुपयोग पर रद की जा सकती है अनुमति

नैनीताल, संवाददाता। हाईकोर्ट ने राज्य में गंभीर बीमार पति की चिकित्सा रिपोर्ट और प्रशासनिक रिकॉर्ड की जांच के बाद पत्नी को उनका संरक्षक बनने की सशर्त अनुमति प्रदान कर दी। ऐसे व्यक्ति के लिए संरक्षक नियुक्त करने का हालांकि कोई कानून नहीं है लेकिन केरल हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में निर्णय दिया था।

न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने नैनीताल निवासी एक कॉलेज में स्पोर्टस टीचर महिला ने जून 2023 से कोमा में गए अपने 42 वर्षीय पति मुकेश जोशी का संरक्षक बनने की अनुमति प्रदान करने के लिए याचिका दायर की थी। कोर्ट ने अनुमति प्रदान करते हुए कहा कि पति के संरक्षक के रूप में महिला अपने पति के स्थान पर किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की हकदार होगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि महिला के पति की तबीयत ठीक हो जाती है या अधिकार का दुरुपयोग अथवा वित्तीय अनियमितता की बात सामने आती है, तो ऐसी स्थिति में इस अनुमति को रद किया जा सकता है। महिला ने 2022 में मुकेश जोशी से विवाह किया। इस दंपति की एक साल की बेटी भी है। महिला के पति पिछले साल दो ब्रेन स्ट्रोक के बाद कोमा में चले गए। महिला ने शादी का पंजीकरण करने, बेटी का आधार कार्ड बनाने, पति के बैंक खाते के संचालन के लिए उनका संरक्षक बनने की याचिका के जरिए कोर्ट से प्रार्थना की थी। याचिका में महिला ने दावा किया है कि वह अब तक अपने पति के इलाज पर 35 लाख रुपये से अधिक खर्च कर चुकी है।

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