अब केमू के लिए बस में बच्चे बैठाना बना मुसीबत
-केमू के अध्यक्ष ने आरटीओ से की शिकायत, बोले बच्चों को छोड़ दें क्या -पुलिस
-केमू अध्यक्ष ने आरटीओ से की शिकायत, कहा-पुलिस ओवरलोडिंग में कर रही चालान -चेकिंग के दौरान 10 साल से कम के बच्चों को भी पुलिस पूरी सवारी में गिन रही
हल्द्वानी, कार्यालय संवाददाता। पहाड़ से आ रही केमू की बसों में अब बड़ों के साथ आने वाले छोटे बच्चों को बैठाना चालक-परिचालक के लिए नई मुसीबत बन गया है। गोदी में बैठे बच्चों को भी पुलिस पूरी सवारी में गिन दे रही है। साथ ही इसे अब ओवरलोडिंग बोलकर चालान कर दिया जा रहा है। केमू के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को आरटीओ प्रशासन से मिलकर यह शिकायत की है। वहीं, आरटीओ प्रशासन की मानें तो छोटे बच्चो को सवारी में नहीं गिना जाता है।
सल्ट बस हादसे के बाद परिवहन और पुलिस विभाग पहाड़ में आने-जाने वाले वाहनों की सघन चेकिंग कर रही है। परिवहन विभाग जहां ओवरलोडिंग के साथ ही फिटनेस की भी जांच कर रहा है, वहीं पुलिस सिर्फ ओवरलोडिंग की जांच तक सीमित है। कुमाऊं मोटर्स ओनर्स यूनियन के पदाधिकारियों का आरोप है कि पुलिस की चेकिंग में यात्रियों की गिनती में गोद में बैठने वाले छोटे बच्चे भी एक यात्री में गिने जा रहे हैं। केमू के अध्यक्ष सुरेश सिंह डसीला ने आरटीओ प्रशासन संदीप सैनी और आरटीओ प्रवर्तन डॉ. गुरुदेव सिंह को बताया कि पहाड़ से आ रही केमू की बसों के पुलिस जहां-तहां इस तरह ओवरलोडिंग में चालान कर रही है। अध्यक्ष डसीला का कहना है कि बस यात्रा के दौरान माता-पिता के साथ अक्सर छोटे बच्चे भी होते हैं। जिसमें 5 साल से कम उम्र के बच्चों का टिकट ही नहीं लगता है, जबकि 12 साल से कम उम्र के बच्चों का आधा टिकट होता है। आधा टिकट होने पर सीट नहीं दी जाती है और यात्रा के दौरान अधिकतर बच्चे अपने माता-पिता की गोद पर ही बैठे होते हैं। बावजूद इसके पुलिस बच्चों को भी यात्री में गिनकर ओवरलोड बता दे रही है। अध्यक्ष डसीला ने शिकायत में दावा किया कि इस बीच केमू की 20 से 25 बसों के चालान इस तरह के मामलों में ही किए गए हैं।
12 साल से नीचे के बच्चों को पूरी सवारी नहीं गिना जाता है। ओवरलोड का चालान करते समय, बस में यात्रा कर रहे बच्चों की उम्र का ध्यान पुलिस विभाग को रखना चाहिए। अगर इस पर ओवरलोड के चालान किए जा रहे हैं तो इस संबंध में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर नियमों के बारे में विस्तार से चर्चा कर आगे नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
-संदीप सैनी, आरटीओ (प्रशासन), हल्द्वानी
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