जमरानी बांध बनते ही हल्द्वानी में बंद होगा जमीन से पानी खींचना
हल्द्वानी में जमरानी बांध के निर्माण से भूजल के दोहन पर रोक लगेगी। जल निगम ने 176 गांवों को शामिल करते हुए पेयजल योजना का नया डिजाइन तैयार किया है। हर व्यक्ति को 135 लीटर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की...
हल्द्वानी। जमरानी बांध बनते ही हल्द्वानी में भूजल के दोहन पर रोक लग जाएगी। इसके लिए जल निगम ने जमरानी पेयजल योजना का डिजाइन आईआईआई रुड़की से मिले सुझावों के अनुसार बना लिया है। पेयजल की आपूर्ति के लिए 72 ओवरहेड टैंक में जमरानी से सीधे पानी पहुंचेगा। वहीं पेयजल 4.5 लाख से बढ़ाकर 8 लाख लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है। नए प्रस्ताव को विभाग जल्द ही बजट की मंजूरी के लिए शासन को भेजने की तैयारी कर रहा है। पेयजल आपूर्ति के प्राकृतिक साधन नहीं होने से हल्द्वानी में पानी के लिए ट्यूबवेल पर निर्भरता बनी रहती है। हर दिन शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 82 ट्यूबवेल से 34 एमएलडी भूजल निकाला जाता है। लगातार हो रहे दोहन से भूजल का स्तर हर साल पांच फीट कम हो रहा है। अब इसके समाधान के लिए जल निगम ने कवायद तेज कर दी है। गौला नदी पर बनाए जा रहे जमरानी बांध से पेयजल जरूरी पेयजल पहुंचाने के लिए योजना बना कर डिजाइन आईआईटी रुड़की भेजा था। वहां से मिले सुझावों के अनुसार अब इसमें बदलाव किया गया है। बनाए गए नए डिजाइन के अनुसार अब बांध के पानी से ही पेयजल की आपूर्ति करने वाले ओवरहेड टैंक भरे जाएंगे। अभी तक इसके लिए 18 से 22 घंटे तक ट्यूबवेल चलाए जाते हैं। जमरानी से पानी मिलते ही यह घटकर दो घंटे हो जाएगा।
176 गांवों तक पहुंचेगा जमरानी का पानी
जमरानी पेयजल योजना में पहले केवल हल्द्वानी के शहरी क्षेत्र को शामिल किया गया। वहीं अब नए प्रस्ताव में इसके जुड़े 176 गांवों को भी शामिल किया है। ऐसे में कालाढूंगी रोड में लामाचौड़ भाखडा, रामपुर रोड में बेलबाबा, बरेली रोड में हल्दूचौड और गौलापार में सीतापुर तक जमरानी को पानी पहुंचाया जाएगा।
हर व्यक्ति को मिलेगा 135 लीटर पानी
पेयजल के मानक के अनुसार शहरी क्षेत्र में हर व्यक्ति को रोज 135 लीटर पानी मिलना जरूरी होता है। वहीं ग्रामीण में 55 लीटर का मानक है। लेकिन हल्द्वानी के ग्रामीण क्षेत्रों का शहरीकरण होने से यहां पेयजल की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में नए प्रस्ताव के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में भी 135 लीटर के मानक से पानी देना निर्धारित किया गया है।
जमरानी से हल्द्वानी तक दो लाइनों से पहुंचेगा
पहले बनाए गए डिजाइन के अनुसार बांध से हल्द्वानी तक पानी पहुंचाने के लिए 8 सौ एमएम की लाइन बिछाई जानी थी। वहीं अब विभाग 6 सौ एमएम की दो लाइनें बिछाएगा। ऐसे में एक में तकनीकी दिक्कत आने पर दूसरे से सप्लाई जारी रहेगी। इसके साथ ही अब नदी किनारे की बजाय सड़क के नजदीक से लाइन को बिछाया जाएगा।
कोट -
आईआईटी रुड़की से मिले सुझावों के अनुसार डिजाइन में बदलाव किया गया है। जमरानी से पानी मिलने पर भूजल पर निर्भरता कम हो जाएगी। जल्द ही प्रस्ताव को बजट की मंजूरी के लिए भेजा दिया जाएगा।
एके कटारिया, अधिशासी अभियंता जल निगम
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