सेमिनार में 150 से अधिक शोधार्थियों ने प्रस्तुत किये शोधपत्र
- दूसरे दिन प्रस्तुत किए गए 60 से अधिक शोध पत्र -एमबीपीजी कॉलेज में "जनजातीय
-60 से अधिक शोध पत्र दूसरे दिन समापन दिवस पर प्रस्तुत किए गए -एमबीपीजी में ‘जनजातीय शिक्षा की चुनौतियां विषय पर सेमिनार का समापन
हल्द्वानी, वरिष्ठ संवाददाता। शिक्षा शास्त्र विभाग की ओर से एमबीपीजी कॉलेज में आयोजित ‘जनजातीय शिक्षा की चुनौतियां विषय पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का सोमवार को समापन हुआ। अंतिम दिन विभिन्न तकनीकी सत्रों में शोधार्थियों ने 60 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए। इस दौरान शोधार्थियों ने जनजातीय समाज के पैन इंडिया उपस्थिति से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। उन्होंने अपने शोध अनुभवों पर आधारित निष्कर्ष एवं सुझाव भी रखे।
शिक्षा शास्त्र की विभागाध्यक्ष एवं सेमिनार संयोजक डॉ. सोनी टम्टा ने रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि सेमिनार में 150 से अधिक शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए। विषय विशेषज्ञ डॉ. एनसी ढ़ौंडियाल, प्रो. बीआर पंत, डॉ. वीआर ढौंडियाल, डॉ. अमित प्रकाश, डॉ. अंजू बिष्ट, डॉ. बलदेव राम, डॉ. एसवीएस पडियार ने शोधार्थियों का हौसला बढ़ाया। समापन सत्र में भूगोल के विभागाध्यक्ष प्रो. पंत ने शोधार्थियों को गुणात्मक शोध और प्राथमिक डाटा संग्रहण पर अधिक ध्यान देने की सलाह दी। डॉ. पंत ने बताया कि सेमिनार की रिपोर्ट शीघ्र ही आईसीएसएसआर, नई दिल्ली भेजी जाएगी ताकि उसका लाभ जनजातीय समाज को मिल सके। वहीं, प्राचार्य डॉ. एनएस बनकोटी ने सेमिनार के सफल आयोजन पर सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर प्रो. महेश कुमार, प्रो. अंजू बिष्ट, प्रो. संजय खत्री, डॉ. गोविंद सिंह बोरा, डॉ. नवीन शर्मा, डॉ. मनीषा नरियाल, डॉ. हेमलता दानू, डॉ. बलदेव राम, प्रो. कमला पंत, डॉ. नवल किशोर लोहनी, डॉ. हरीश पाठक, डॉ. संजय सुनाल, ममता अधिकारी, दिनेश कुमार, गौरवेंद्र देव आर्य, तरुण कुमार, कंचन भट्ट आदि उपस्थित रहे।
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