मौलिक भाषा को सुरक्षित रखने पर दिया जोर
- फोटो समाचार- - एमबीपीजी कॉलेज में आयोजित कार्यशाला का संपन्न - नेपाल के
- एमबीपीजी कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का सोमवार को समापन - संगोष्ठी में नेपाल से आए विशेषज्ञों ने भी विचार एवं अनुभाव साझा किए
हल्द्वानी, वरिष्ठ संवाददाता। एमबीपीजी कॉलेज के इतिहास विभाग के तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे और अंतिम दिन का सोमवार को शुभारंभ मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ. एनएस बनकोटी ने किया। समापन दिवस पर संगोष्ठी में वक्ताओं ने मौलिक भाषा को सुरक्षित रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में सर्वप्रथम डॉ. पृथ्वीराज अवस्थी ने हिंदी और नेपाली के बीच कोड मिक्सिंग के बारे में चर्चा की। उन्होंने वर्तमान परिवेश में खिचड़ी भाषा के प्रयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए मौलिक भाषा को सुरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। अन्य वक्ता डॉ. धर्मराज उपाध्याय ने नेपाल के कॉर्निवल उत्सव मेले के संबंध में चर्चा की। भारतीय इतिहास एवं अनुसंधान परिषद के डॉ. विनोद कुमार ने स्थानीय संस्कृति पर किए कार्य को लेकर डॉ. सरोज वर्मा की सराहना की। डॉ. नितिन कुमार ने विभिन्न संस्कृतियों को साझा करने के प्रयास को अच्छा कदम बताया। संगोष्ठी में शोधार्थी खुशबू यादव ने अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। आखिर में डॉ. चंद्रशेखर तिवारी एवं डॉ. रश्मि पंत ने संगोष्ठी को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए सबका आभार व्यक्त किया।
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