जोशीमठ मामले में समाधान को सरकार ने कोर्ट से समय मांगा
नैनीताल, संवाददाता। हाईकोर्ट ने जोशीमठ में लगातार हो रहे भू धंसाव को लेकर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी की जनहित याचिका पर बुधवार क
हाईकोर्ट -मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने 28 अगस्त की तिथि नियत की
-उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी की है जनहित याचिका
-सरकार की तरफ से समय देने के लिए पेश किया गया प्रार्थना पत्र
नैनीताल, संवाददाता। हाईकोर्ट ने जोशीमठ में लगातार हो रहे भू धंसाव को लेकर उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी की जनहित याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तिथि नियत की है।
खंडपीठ ने पूर्व में याचिकाकर्ता, राज्य सरकार एवं नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) से कहा था कि इस मामले का समाधान करने के लिए नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (एनडीएमए) के समक्ष अपना पक्ष रखें। एनडीएमए की रिपोर्ट पर राज्य सरकार ने बैठक की लेकिन कोई निर्णय नहीं निकल सका। एनटीपीसी द्वारा जोशीमठ में टनल के निर्माण के लिए ब्लास्ट की अनुमति चाहने को इसकी वजह माना गया। इधर, सुनवाई के बाद राज्य सरकार ने इस मामले के समाधान के लिए कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा है। राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र पर संतोष व्यक्त करते हुए खंडपीठ ने सुनवाई के लिए अगली तिथि दी। मामले के अनुसार, पूर्व में एनटीपीसी की तरफ से प्रार्थना पत्र देकर कहा गया था कि उन्हें जोशीमठ मामले में निर्माण कार्य एवं ब्लास्ट करने की अनुमति दी जाए। उनकी परियोजना जोशीमठ से 15 किलोमीटर दूर है। इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि एनटीपीसी की परियोजना 1. 5 किलोमीटर दूरी पर है। ऐसे में ब्लास्ट की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इस पर कोर्ट ने दोनों पक्षों से एनडीएमए के पास जाने के लिए कहा था। एनडीएमए ने कोर्ट को बताया कि उसने अंतिम सिफारिश तैयार कर ली है और राज्य सरकार को निर्णय लेने के लिए इसे भेज दिया है।
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