पुलिस प्रताड़ना मामले में सरकार से जवाब मांगा
हाईकोर्ट -चोरगलिया पुलिस और जिला नैनीताल के तत्कालीन अधिकारियों पर लगाया है आरोप -मानवाधिकार आयोग
हाईकोर्ट -चोरगलिया पुलिस और जिला नैनीताल के तत्कालीन अधिकारियों पर लगाया है आरोप
-मानवाधिकार आयोग के निस्तारण से याचिकाकर्ता संतुष्ट नहीं, फिर हाईकोर्ट की शरण
नैनीताल, संवाददाता। हाईकोर्ट ने हल्द्वानी की चोरगलिया थाना पुलिस द्वारा 2020 में याचिकाकर्ता को प्रताड़ित करने के खिलाफ दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की एकलपीठ ने राज्य सरकार से एक सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। याचिकाकर्ता ने याचिका में राज्य के गृह सचिव, कुमाऊं कमिश्नर, डीजीपी, तत्कालीन एसएसपी नैनीताल, तत्कालीन डीएम नैनीताल, तत्कालीन एसडीएम हल्द्वानी, तत्कालीन थानाध्यक्ष चोरगलिया, राज्य मानवाधिकार आयोग आदि को पक्षकार बनाया है।
मामले के अनुसार, चोरगलिया निवासी समाजसेवी बीसी पोखरिया ने यह याचिका दायर की है। इसमें कहा है कि 2020 में तत्कालीन डीएम ने मानकों को नजरअंदाज कर रिहायशी क्षेत्र में स्टोन क्रशर लगाने एवं भंडारण की अनुमति दे दी। जिसका उन्होंने और क्षेत्रवासियों ने विरोध किया। पुलिस ने उनके खिलाफ पहले शांति भंग करने का मामला दर्ज किया। बाद में उनका लाइसेंसी शस्त्र भी जब्त कर उन्हें प्रशासन से जिला बदर करा दिया। याचिकाकर्ता के अनुसार, इन मामलों में निचली अदालत ने उन्हें बरी कर दिया। उन्होंने राज्य मानवाधिकार आयोग को प्रार्थना पत्र देकर इनके खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया। लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने आयोग से इस प्रकरण का जल्द निस्तारण करने को कहा। याचिकाकर्ता का आरोप है कि आयोग ने आनन-फानन में उनके प्रार्थना पत्र को निस्तारित किया, लेकिन संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कोई उचित कार्रवाई का निर्णय नहीं लिया। ऐसे में उन्हें पुनः कोर्ट की शरण लेनी पड़ी।
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