राज्य लोक सेवा आयोग को हलफनामा देने के निर्देश
हाईकोर्ट -हाईकोर्ट में आरक्षण ओवरलैपिंग मामले में हस्तक्षेप की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई -उत्तराखंड
हाईकोर्ट -हाईकोर्ट में आरक्षण ओवरलैपिंग मामले में हस्तक्षेप की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई
-उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के जरिए सहायक प्राध्यापक पद की भर्ती प्रक्रिया का मामला
-कोर्ट ने आरक्षित श्रेणी के पांच अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा
नैनीताल, संवाददाता। हाईकोर्ट ने सहायक प्राध्यापक पद की भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के ओवरलैपिंग के मामले में हस्तक्षेप की मांग करने वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। कोर्ट ने मामले में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को छह सप्ताह में अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही आरक्षित श्रेणी के पांच अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई अगले साल 17 फरवरी को होगी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में डॉ. मनीषा पांडेय की याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कहा कि एक बार आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार ने अकादमिक प्रदर्शन संकेतक स्कोर में कम कटऑफ का लाभ उठा लिया, तो उन्हें अनारक्षित सीट का लाभ नहीं मिल सकता। आरक्षण के ओवरलैपिंग के परिणामस्वरूप सार्वजनिक पदों पर अत्यधिक आरक्षण होगा। ऐसी स्थिति में भारत के संविधान के अनुच्छेद-14 और 16 का उल्लंघन होगा। बताया कि सरकारी महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक (हिंदी) के पद के लिए एपीआई कट-ऑफ स्कोर 93 था। एससी के लिए यह 47, ओबीसी के लिए 52 और ईडब्ल्यूएस के लिए 52 था।
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