ग्रामीणों के मेजरमेंट के आधार पर फैसला लें डीएम : हाईकोर्ट
उत्तराखंड के टिहरी जिले के गोठ गांव के निवासियों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की, जिसमें गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने की मांग की गई है। याचिका में गर्भवतियों और शिशुओं की मौत का हवाला दिया गया...
सुनवाई -टिहरी में धनोल्टी से 12 किमी दूर गोठ गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने का मामला
-याचिका में सड़क न होने से गर्भवतियों और शिशुओं की मौत का दिया है हवाला
नैनीताल, संवाददाता। हाईकोर्ट ने टिहरी जिले के धनोल्टी से 12 किमी दूर स्थित गोठ गांव को अब तक मुख्य सड़क मार्ग से न जोड़े जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने ग्रामीणों द्वारा दिए गए सड़क के मेजरमेंट (माप) पर जिलाधिकारी से निर्णय लेने को कहा है।
मामले के अनुसार, गोठ गांव के निवासियों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनका गांव धनोल्टी पर्यटन स्थल से 12 किलोमीटर दूरी पर है। जब से उत्तराखंड राज्य बना है, तब से ग्रामीण इस गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए प्रत्यावेदन देते आए हैं। जब भी राज्य में चुनाव का समय होता है, उस वक्त क्षेत्रीय विधायक और सांसद उनकी मांगों को उच्च स्तर पर रखने का आश्वासन देते रहते रहते हैं। लेकिन जीतने के बाद वे अपने वादे भूल जाते हैं। गोठ के निवासियों ने याचिका में कहा है कि उनका गांव मुख्य सड़क मार्ग से न जुड़ा होने के कारण पिछले पांच साल में डोली में ले जाते समय 15 से अधिक गर्भवतियों और उनके शिशु की मौत हुई है। यह गांव फल पट्टी भी है। इसका भी उन्हें कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है। याचिका में कहा है कि पर्यटन स्थल धनोल्टी के विकास के लिए राज्य सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। जनहित याचिका में गोठवासियों ने कोर्ट से प्रार्थना की है कि उन्होंने जो प्रत्यावेदन जिलाधिकारी और राज्य सरकार को दिए हैं, उस पर निर्णय लेकर गांव को मुख्य सड़क मार्ग से जोड़ा जाए।
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