वन गुर्जरों ने वन विभाग पर उत्पीड़न का आरोप लगाया
वन गुर्जरों ने वन विभाग के अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि 150 साल से वे नियम कानून के साथ जंगलों में रह रहे हैं। इसके...
वन गुर्जरों ने वन विभाग के अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि 150 साल से वे नियम कानून के साथ जंगलों में रह रहे हैं। इसके बावजूद वन अधिकारी उनका उत्पीड़न कर रहे हैं।
शनिवार को रामपुर रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में थिंक एक्ट राइज फाउंडेशन(टीएआरएम) के साथ वन गुर्जरों ने संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस की। इसमें वन गुर्जरों के जनप्रतिनिधि मो. कासिम ने बताया कि सालों से हम लोग जंगलों के भीतर जानवरों के लिए चारा और खेतीबाड़ी कर रहे हैं। वन अधिकरों के तहत चार हेक्टेयर में खेती करने और अपनी अजीविका चलाने के अधिकार मिले हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी वृत्त के सभी चार वन प्रभागों में वन गुर्जर नियमानुसार रह रहे हैं, लेकिन तराई पूर्वी वन प्रभाग की रंगसाली के रेंजर-वन कर्मी इन रेंज में रहने वाले करीब 28 से ज्यादा वन गुर्जरों के परिवार व अन्य का उत्पीड़न कर रहे हैं। वन गुर्जर गुलाम नबी ने कहा कि अगर उनका रहना कानूनन गलत है तो उनको नोटिस दिया जाए। हमें खेती करने से रोकना, हमारी फसलों को बर्बाद करना और वाहनों को सीज करने की आए दिन धमकी देने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने 2014 में वन गुर्जरों को कृषि गतिविधियों की अनुमति देने के लिए ऑर्डर पास किया था। आरोप लगाया कि वन अधिकारी पुलिस की मदद लेकर उनको उजाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले को वह उच्च अधिकारी तक पहुंचाएंगे। जरूरत हुई तो कोर्ट में भी इस बात को रखेंगे। इस मौके पर वन गुर्जर अब्दुल गनी, गुलाम अली आदि मौजूद रहे।
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