जमरानी बांध निर्माण के लिए लोक देवताओं का होगा पलायनलय के साथ ही खेल मैदान और चारागाह बनाए जाएंगे।
- लोक देवताओं का तराई के प्राग फार्म में होगा विस्थापन देवेंद्र रौतेला
- लोक देवताओं का तराई के प्राग फार्म में होगा विस्थापन देवेंद्र रौतेला
हल्द्वानी। पेयजल और सिंचाई की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाए जा रहे जमरानी बांध के लिए स्थानीय लोक देवताओं का भी विस्थापन किया जाएगा। तराई के प्राग फार्म में बनाए गए मास्टर प्लान में ग्रामीणों के साथ ही लोक देवताओं के लिए जगह निर्धारित कर दी गई है। इसके अनुसार डूब क्षेत्र के गांवों के लोक देवताओं के लिए वहां छह मंदिरों का निर्माण किया जाएगा। ऐसे में बांध के लिए स्थानीय लोगों के साथ की लोक देवताओं को भी पलायन करना होगा।
जमरानी बांध निर्माण के लिए प्रस्तावित जगह से नदी के बहाव का रुख बदला जाना है। इसके लिए नदी के छोर पर 650 और 750 मीटर की दो टनल बनाई जा रही हैं। इसके साथ ही बांध के डूब क्षेत्र से प्रभावित हो रहे लोगों के पुनर्वास की तैयारी की जा रही है। बांध के निर्माण के बाद 213 परिवारों के खेत और मकान पूरी तरह से डूब जाएंगे। उन्हें किच्छा के नजदीक प्राग फार्म में बसाया जाना हैं। स्थानीय लोगों की मान्यता के अनुसार, पीढ़ियों से उनकी रक्षा कर रहे लोक देवताओं के मंदिर भी बांध बनने के बाद डूब जाएंगे। ऐसे में इनके लिए भी मास्टर प्लान में जगह चिह्नित कर दी गई है। जल्द ही गांव से लोक देवता तराई में पलायन कर लेंगे।
बांध के नजदीक बनेगा हैड़ाखान का नया मंदिर
फिल्मी सितारों के साथ ही देश विदेश के भक्तों की आस्था के केंद्र हैड़ाखान मंदिर भी डूब क्षेत्र में आ रहा हैं। ऐसे में इसका भी विस्थापन किया जाना है। पहले इसे भी प्राग फार्म में बनाया जाना प्रस्तावित था। लेकिन लोगों की मांग के अनुसार अब इसे डूब क्षेत्र से बाहर जमरानी में ही बनाया जाएगा। इसके लिए नजदीकी गांव में दो एकड़ भूमि मंदिर के ट्रस्ट को दी जाएगी।
जरूरी संसाधनों के लिए भी जगह हुई निर्धारित
बांध के निर्माण के दौरान विस्थापित होने वाले लोगों के लिए प्राग फार्म में जरूरी संसाधनों को निर्माण किया जाना हैं। मास्टर प्लान के अनुसार यहां आंगनबाड़ी, जूनियर हाईस्कूल, पशु चिकित्सालय के साथ ही खेल मैदान और चारागाह बनाए जाएंगे।
1078 ग्रामीणों को हुआ मुआवजे का भुगतान
जमरानी बांध के निर्माण से छह गांवों में 1267 परिवार प्रभावित हो रहे हैं। इन्हें मुआवजे का भुगतान किया जाना है। अभी तक 1078 ग्रामीणों को मानक के अनुसार मुआवजे का भुगतान कर दिया गया है। परियोजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार बाकी 189 परिवारों को भी जल्द मुआवजा दे दिया जाएगा।
कोट -
बांध प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए प्राग फार्म में मास्टर प्लान बना लिया गया है। यहां लोगों के साथ ही स्थानीय देवताओं के लिए मंदिर की जगह निर्धारित की गई है। जल्द ही पुनर्वास की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
- ललित कुमार, उपमहाप्रबंधक जमरानी परियोजना
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