Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़हल्द्वानी21st Livestock Census Begins in Kumaon Inclusion of Forest Dwellers Animals

कुमाऊं में पहली बार वन गुर्जरों के पशुओं की भी गणना होगी

रुचि राठौर हल्द्वानी। कुमाऊं मंडल में 21वीं पशुगणना की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

Newswrap हिन्दुस्तान, हल्द्वानीSat, 23 Nov 2024 11:41 AM
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रुचि राठौर हल्द्वानी। कुमाऊं मंडल में 21वीं पशुगणना की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मंडल के छह जिलों में पशुपालन विभाग के 452 प्रगणक और 89 पर्यवेक्षक इस गणना का कार्य कर रहे हैं। इस बार की पशुगणना की खास बात यह है कि इसमें खत्तों में बसे वन गुज्जरों के पशुओं को भी शामिल किया जा रहा है। यह गणना फरवरी 2025 तक चलेगी। भारत सरकार के निर्देशों पर हर पांच वर्ष में पशुओं और पोल्ट्री पक्षियों की गिनती की जाती है।

21वीं पशुगणना इस वर्ष सितंबर में शुरू होनी थी, लेकिन एप में तकनीकी दिक्कतों के कारण इसे स्थगित कर नवंबर में शुरू किया गया। यह गणना शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गाय, भैंस, भेड़, बकरी, कुत्ते, घोड़े, खरगोश, सूअर और हाथी जैसे पशुओं की संख्या दर्ज करेगी। पशुपालन विभाग ने 1,962 वाहनों और नगर निगम के वाहनों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया है। विभाग के अपर निदेशक डॉ. उदय शंकर ने बताया कि वन गुज्जरों के पशुधन को शामिल करने से नए आंकड़े सामने आएंगे। यह गणना भविष्य की योजनाओं को बेहतर बनाने और पशुपालकों को लाभ पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगी। विभाग के अनुसार, कुमाऊं मंडल में 2019 की पशुगणना के दौरान सभी जिलों में करीब 10,19,961 पशुपालक परिवार दर्ज किए गए थे।

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कर्मचारियों को मिलेगा प्रोत्साहन

पशुगणना में लगे सरकारी और निजी कर्मचारियों को सर्वे के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।

शहरी क्षेत्र: प्रति परिवार 8.15 रुपये।

ग्रामीण क्षेत्र: प्रति परिवार 9.94 रुपये।

पहाड़ी क्षेत्र: प्रति परिवार 11.93 रुपये।

इसके अलावा, मोबाइल मेंटेनेंस के लिए हर माह 1,000 रुपये और इंटरनेट के लिए 500 रुपये का प्रावधान किया गया है।

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