Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Delhi is facing trouble due to stifling air but mountains are giving relief people camping in Uttarakhand for clean

दिल्ली में दमघोंटू हवा से आफत तो पहाड़ों से मिली राहत, साफ हवा के लिए उत्तराखंड में डाल रहे डेरा

  • दिल्ली का एआईक्यू 494 दर्ज किया गया है। ऐसे में लोगों का सांस लेना मुश्किल होने लगा है। ऐसे में कई लोग पहाड़ों की तरफ आने लगे हैं। इसमें छात्र से लेकर नौकरीपेशा और उम्रदराज हर आयुवर्ग के लोग हैं।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, हल्द्वानी, हिन्दुस्तानThu, 21 Nov 2024 09:49 AM
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दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण वहां रहने वाले लोग पहाड़ों का रुख करने लगे हैं। दमघोंटू प्रदूषण से राहत को दिल्ली सरकार की ओर से दफ्तरों में 50 फीसदी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने के साथ ही स्कूलों की छुट्टी कर पढ़ाई ऑनलाइन करने के निर्देश दिए जाने के बाद वहां रह रहे लोगों ने पहाड़ों का रुख किया है।

दीवाली के बाद से ही दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है। दिल्ली का एआईक्यू 494 दर्ज किया गया है। ऐसे में लोगों का सांस लेना मुश्किल होने लगा है। ऐसे में कई लोग पहाड़ों की तरफ आने लगे हैं। इसमें छात्र से लेकर नौकरीपेशा और उम्रदराज हर आयुवर्ग के लोग हैं।

मैं भारत पेट्रोलियम से जीएम पद से रिटायर हूं। परिवार के साथ दिल्ली के विकासपुरी में रहता हूं। इन दिनों दिल्ली की आबोहवा काफी खराब है, हर जगह धुंध सी छायी हुई है। सांस लेने में तकलीफ होने लगी है। जिसके चलते में अपने भाई के घर हल्द्वानी आ गया हूं। दिल्ली की तुलना में यहां राहत मिली है।

मुकुल जोशी, कार्तिकेय कॉलोनी, कुसुमखेड़ा

दीवाली के बाद से दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो रहा है। बिना मास्क के घर से निकलना नहीं हो रहा है। विजिबिलिटी भी कम हो गयी है। सेहत को ध्यान में रखते हुए में पिछले तीन चार दिन से हल्द्वानी में अपनी बुआ के घर आ गया हूं। फिलहाल दिल्ली में प्रदूषण के चलते हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। इसलिए बचाव जरूरी है।

राहुल, वेडिंग प्लानर, डहरिया

दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में प्रथम वर्ष का छात्र हूं। दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया है। इसके चलते कॉलेज बंद हो गए हैं। ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। सेहत को ध्यान में रखते हुए मैंने घर से ऑनलाइन कक्षाओं को ज्वाइन करने का निर्णय लिया और घर आ गया हूं।

रयान भट्ट, जागनाथ कॉलोनी, काठगोदाम

मैं गुरुग्राम में आईटी कंपनी में नौकरी करता हूं। कंपनी ने प्रदूषण को देखते हुए ऑनलाइन काम करने का निर्देश दिया है। दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्र में विजिबिलिटी कम हो गई है। यहां तक कि सांस लेने में तकलीफ होने लगी है। सेहत को ध्यान में रखते हुए मैंने घर का रुख कर लिया है। अब हालात सामन्य होने का इंतजार है।

धीरेन्द्र मेलकानी. पीलीकोठी, हल्द्वानी

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