जल जीवन मिशन के समय सीमा विस्तार को केंद्र सरकार को भेजा जाए पत्र : राधा रतूड़ी
पेयजल योजनाओं के सोशल ऑडिट में स्थानीय महिलाओं की भागीदारी हो अनिवार्य पेयजल से
देहरादून। जल जीवन मिशन प्रोजेक्ट की समय सीमा बढ़ाई जाए, इसके लिए उत्तराखंड की ओर से केंद्र सरकार से मांग की जाएगी। सोमवार को सचिवालय में हुई बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव पेयजल को केंद्र सरकार को पत्र लिखने के निर्देश दिए। इसके साथ ही पेयजल योजनाओं के सोशल ऑडिट में स्थानीय महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक में कहा कि जल जीवन मिशन की समय सीमा में विस्तार को केंद्र को तत्काल पत्र भेजा जाए। कहा कि आमजन को लगातार जलापूर्ति के साथ ही पेयजल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। पेयजल से जुड़ी शिकायतों के निवारण में सुधार किया जाए।
कहा कि जल आपूर्ति योजनाओं के सोशल ऑडिट को प्रभावी बनाया जाए। पेयजल योजनाओं में महिलाओं के फीडबैक को सर्वाधिक महत्वपूर्ण बताते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सोशल ऑडिट में जल उपभोक्ताओं में विशेषकर स्थानीय महिलाओं को शामिल करने के सख्त निर्देश दिए। पेयजल सम्बन्धित मामलों पर आम नागरिकों की संतुष्टि को शीर्ष प्राथमिकता देने की कड़ी हिदायत दी। कहा कि इस क्षेत्र में बेस्ट प्रेक्टिसेज को अपनाया जाए। शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत किया जाए। सर्विस डिलीवरी में गैप आने पर सम्बन्धित इंजीनियरों को एसएमएस के माध्यम से ऑटो एलर्ट भेजकर शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत किया जाए। 48 घण्टे के भीतर शिकायतों का निवारण किया जाए। मुख्य सचिव ने उपभोक्ताओं के संतुष्टिकरण के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए लगातार कार्य करने के निर्देश दिए।
उत्तराखण्ड जल आपूर्ति कार्यक्रम के लिए प्रोजेक्ट मेनेजमेंट कन्सलटेन्सी फर्म की समय सीमा विस्तार और इन्वायरमेंट आडिट पर प्रशासनिक, वित्तीय मंजूरी दी। सीएस ने उत्तराखण्ड पेयजल निगम की मोहोलिया तथा उमरूखुर्द जलापूर्ति योजनाओं के समय सीमा विस्तार को भी मंजूरी दी। इस अवसर पर सचिव दिलीप जावलकर, शैलेश बगोली आदि मौजूद रहे।
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