टिहरी राजपरिवार के सदस्यों ने अष्टमी पर किया पारम्परिक शस्त्र पूजन
देहरादून, वरिष्ठ संवाददाता टिहरी राजपरिवार के वंशज राव कीर्ति प्रताप सिंह पंवार, कुंवर भवानी प्रताप सिंह पंवार, कुंवर निलय प्रताप सिंह पंवार एवं राजपर
टिहरी राजपरिवार के वंशज राव कीर्ति प्रताप सिंह पंवार, कुंवर भवानी प्रताप सिंह पंवार, कुंवर निलय प्रताप सिंह पंवार एवं राजपरिवार के सदस्यों ने टिहरी रियासत का पारम्परिक शस्त्र पूजन कार्यक्रम अष्टमी तिथि पर राजपुर रोड स्थित समर निवास पर विधि विधान से किया। इस मौके पर अस्त्र शस्त्र पूजना की प्राचीन एवं महत्वपूर्ण परंपरा को पारम्परिक रीति रिवाज के रुप में करते हुए राजपरिवार के सदस्यों ने बताया कि इस परंपरा की शुरुआत गढ़वाल रियासत में पंवार वंश द्वारा की गई थी। महाराज कनकपाल ने दशहरे के दिन शस्त्र पूजन का विधान चांदपुर गढ़ी से शुरू किया था। यही परंपरा देवलगढ़ से होते हुए श्रीनगर एवं टिहरी तक धूमधाम से मनाई जाती रही। रियासत काल में इस दिन राजकोष की भी घोषणा की जाती थी। विभिन्न थोकों से जागीरदार, थोकदारों द्वारा दरबार में कुल देवी राजराजेश्वरी की पूजा के साथ भेंट चढ़ाने की प्रक्रिया भी सम्पन्न की जाती थी। दशहरा पूजन में शस्त्र पूजा का विधान थातराजगुरु आचार्य कृष्णानंद नौटियाल, माधव नौटियाल ने किया। भगवान बदरीविशाल के प्रसाद रुपी तुलसी माला हरीश डिमरी लेकर आए। मौके पर 12 वर्ष बाद आयोजित नंदा देवी राजजात को लेकर भी चर्चा हुई। मौके पर मेजर महावीर सिंह रावत, ठाकुर मनबर सिंह बर्त्वाल, सतेन्द्रर सिंह बर्त्वाल, धीरेन्द्र सिंह बर्त्वाल, ठाकुर गौरव सिंह बर्त्वाल, डॉ. मानवेन्द्र सिंह बर्त्वाल, ठाकुर नरेन्द्र सिंह रौथाण, डॉ.हेमंत बिष्ट, संतोष नौटियाल, स्वास्तिक नौटियाल मौजूद रहे।
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