बोले देहरादून : पंडितवाड़ी में रात नहीं दिन में जल रहीं स्ट्रीट लाइटें, फुटपाथ गायब
पंडितवाड़ी में सड़क की डिज़ाइन में खामियां और स्ट्रीट लाइटों की खराबी जैसी समस्याएं लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई हैं। यहां की संकरी सड़कें और फुटपाथ का अभाव जाम और दुर्घटनाओं को बढ़ा रहे हैं।...
पंडितवाड़ी में नेशनल हाईवे से बसंत विहार के लिए जा रही सड़क का कट सबसे बड़ी परेशानी बना हुआ है। यहां सड़क के डिजाइन पर भी सवाल उठते आ रहे हैं। क्योंकि, आए दिन कोई न कोई दुर्घटना हो रही है। अन्य समस्याओं की बात करें तो स्ट्रीट लाइटें दिन में जलती हैं और रात को नहीं। मुख्य सड़क पर फुटपाथ नहीं है। ऐसे में पैदल चलने वाले लोगों के लिए भी नेशनल हाईवे पर तेज दौड़ते वाहनों से खुद को बचाकर चलना होता है। इन समस्याओं पर कोई ध्यान देने के लिए तैयार नहीं है। प्रस्तुत है कुमुद नौटियाल की रिपोर्ट...
दून-पांवटा हाईवे पर बसा पंडितवाड़ी आईएमए, एफआरआई के साथ ही वीआईपी बसंत विहार इलाके का जंक्शन है। यहां हाईवे पर दौड़ते ट्रैफिक के बीच बसंत विहार आने जाने के लिए वाहन भी निकलते हैं और यही यहां की सबसे बड़ी समस्या है। यहां बसंत विहार के लिए जाने वाली सड़क का डिजाइन ऐसा है कि नेशनल हाईवे में उतरना हो या फिर क्रॉस करना, कभी भी हादसा हो सकता है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने ‘बोले देहरादून अभियान के तहत व्यापारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि इसी वजह से यहां पर आए दिन जाम की स्थिति पैदा होती है। व्यापारी कहते हैं कि अगर दोनों ही सड़क का लेवल संतुलित किया जाए तो यह समस्या ही खत्म हो जाएगी। लेकिन, ऐसा हो नहीं रहा है और इससे कई बार लोग हादसे का शिकार भी हो चुके हैं। रात के समय यहां खतरा और बढ़ जाता है। क्योंकि, यहां स्ट्रीट लाइटें नहीं जलती हैं। ऐसे में सड़क पर अंधेरा रहता है, ऐसे में यहां से पैदल गुजरने में भी डर रहता है। व्यापारी यहां तिराहे पर हाईमास्ट लाइट लगवाने की मांग उठा रहे हैं, ताकि इससे आसपास तक रात में पूरा उजाला रहे, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं, उन्हें ठीक करने के लिए कोई आता नहीं।
सुझाव
1. व्यापारियों और ग्राहकों की सुविधा को देखते हुए शौचालय का निर्माण होना चाहिए।
2. सड़क को एक जैसे लेवल पर संतुलित तरीके से बनाया जाए।
3. खराब लाइट को ठीक किया जाए और चौराहे पर हाईमास्ट लाइट लगाई जाए।
4. तेज रफ्तार वाहनों की गति कम करने के लिए सड़कों पर स्पीड ब्रेकर बनाने चाहिए।
5. फुटपाथ का निर्माण करके व्यापारियों को धूल और गंदगी से निजात दिलाई जाए।
शिकायतें
1. शौचालय का निर्माण न होने के कारण व्यापारियों और ग्राहकों को समस्या उठानी पड़ती है।
2. सड़क ऊंची और घर-दुकानें बहुत ज्यादा नीची हो गई हैं।
3. चौराहे पर लगी स्ट्रीट लाइट खराब है। यह रात के बजाय दिन के समय जलती है।
4. फुटपाथ नहीं बनने से धूल-मिट्टी दुकानों में घुसती है।
5. जाम लगने से यहां आवाजाही करना बहुत मुश्किल हो जाता है। इस समस्या का समाधान भी किया जाना चाहिए।
फुटपाथ का निर्माण किया जाना चाहिए
पंडितवाड़ी में दुकानों के बाहर फुटपाथ का अभाव है, जिससे स्थानीय लोगों और दुकानदारों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सड़क के दोनों ओर फुटपाथ बनाने के लिए जगह छोड़ी गई है, लेकिन इस जगह पर अक्सर मिट्टी पड़ी रहती है, जो गाड़ियों के निकलने से उड़कर दुकानों में घुस जाती है। इससे दुकानदारों को साफ-सफाई में कठिनाई होती है और हवा में उड़ती धूल स्थानीय लोगों की आंखों में भी चली जाती है, जिससे आवाजाही में परेशानी होती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है और अब इसे हल करने की आवश्यकता है। वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द यहां फुटपाथ का निर्माण किया जाए, ताकि लोगों को आवागमन में आसानी हो और धूल से बचा जा सके।
सड़क और घरों का स्तर संतुलित होना चाहिए
सड़क निर्माण के दौरान एक सड़क का स्तर बहुत ऊंचा है। वहीं उससे मिलने वाली दूसरी सड़क का स्तर बहुत नीचे है। यहां मोड़ अधिक घुमावदार होने के कारण गाड़ियां पलट जाती हैं। कई बार लोग चोटिल भी हो चुके हैं। यह सड़क दुर्घटना का मुख्य कारण बन गई है। इससे निजात पाने के लिए सड़कों का लेवल एक समान होना चाहिए। लेकिन, अभी सड़क का लेवल बहुत ऊंचा है, उसे खोदकर दुकानों और घरों के लेवल तक संतुलित तरीके से बनाया जाना चाहिए।
शौचालय न होने के कारण बनी रहती है परेशानी
क्षेत्र में शौचालय नहीं होने से न केवल व्यापारी बल्कि, वहां से आवाजाही करने वाले लोगों को भी बड़ी परेशानियां होती हैं। शौचालय न होने से लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। महिलाओं के लिए यह एक बहुत बड़ी समस्या बन जाती है। यहां पर महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय होना चाहिए। लोगों का कहना है कि यहां पर भले ही छोटे शौचालय का निर्माण हो, लेकिन इसका होना बहुत जरूरी है। शौचालय नहीं होने से खरीदारी करने आने वाले ग्राहक और व्यापारी अक्सर परेशान हो जाते हैं।
पुलिस चौकी के सामने बहुत संकरी है सड़क
आए दिन शाम के समय जाम की समस्या बनी रहती है। क्षेत्र में पुलिस चौकी के सामने की सड़क बहुत संकरी है, जो जाम लगने का मुख्य कारण है। वहीं रांगड़वाला को जाने वाली सड़क पर डिवाइडर नहीं होने से सड़क किनारे लगी ठेलियों से भी जाम बहुत होता है। जाम लगने से यहां से न तो दुकानदार और ना ही ग्राहक अपनी गाड़ियां निकाल पाते हैं। यहां कई घंटे तक फंसे रह जाते हैं। जाम से निपटने के लिए यहां डिवाइडर का निर्माण भी होना चाहिए। इससे लोग दूसरी लाइन में नहीं जाएंगे और जाम भी नहीं लगेगा।
नगर निगम क्षेत्र की समस्याओं का समाधान पहली प्राथमिकता: मेयर
देहरादून नगर निगम क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करवाना मेरी प्राथमिकता में है। पंडितवाड़ी चौक की स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत जल्द ही करवाई जाएगी। यहां चौक पर फुटपाथ बनाने को लेकर विचार किया जाएगा। इसके साथ ही, सुरक्षा की दृष्टि से इस चौक पर सभी काम करवाए जाएंगे, ताकि स्थानीय लोगों को किसी तरह की परेशान ना हो। -सौरभ थपलियाल, मेयर-नगर निगम देहरादून
स्थानीय समस्याओं पर गौर फरमाए सरकार
तेज रफ्तार से चलने वाले वाहनों के लिए यहां पर स्पीड ब्रेक्रर होने चाहिए, जिससे चालक अपनी गति नियंत्रण में रखेगा। साथ ही, यहां पर डिवाइडर का निर्माण भी होना चाहिए। इससे लोग अपनी ही लेन में चलेंगे और जाम नहीं लगेगा। साथ ही दुर्घटनाएं भी नहीं होंगी। -प्रवीण रस्तोगी
व्यापारियों और ग्राहकों के लिए सुलभ शौचालय की व्यवस्था की जानी चाहिए। कब तक व्यापारी शौच के लिए अपनी दुकान बंद करके अपने घरों में जाएंगे या कहीं खुले में शौच करेंगे। इस मामले में व्यापारी कई बार मांग उठा चुके हैं, लेकिन कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई। -संजय
यहां पर नालियों की साफ-सफाई नियमित नहीं होती है। यहां की गलियां बहुत संकरी हैं। इस कारण नालियों की सफाई नहीं होने से दुर्गंध उठती है। यहां पर रहना और यहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है। कम से कम नालियों की साफ-सफाई तो नियमित रूप से होनी ही चाहिए। -पूनम
दुकानों के बाहर अतिक्रमण होने से जाम की समस्या बनी रहती है। नगम की ओर से अतिक्रमण हटाने के बाद भी यहां दोबारा अतिक्रमण हो जाता है। यहां अतिक्रमण हटने से जाम की समस्या कम हो जाएगी। प्रशासन को अतिक्रमण हटाने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। -विजय गुप्ता
संदिग्ध लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए यहां चौक पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए। इससे यहां होने वाली हर घटना पर नजर रखी जा सकेगी। साथ ही, चोरी की घटनाएं भी नहीं होगी। यदि हो भी जाए तो पुलिस को आरोपियों को पकड़ने में मदद मिलेगी। -प्रेम प्रकाश गुप्ता
यहां पर कई घरों और दुकानों में सीवर लाइन के कनेक्शन नहीं हैं। पूरे क्षेत्र में सीवर लाइन होने के बाद भी यहां पर 20 से 25 घरों और दुकानों को सीवर लाइन से नहीं जोड़ा गया है। इस कारण इन घरों के लोगों और दुकानदारों को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। -पंकज अग्रवाल
यहां पर सड़क ऊंची होने की वजह से कई बार हादसे हो चुके हैं। इसके बाद भी यहां पर पुलिस की कोई गश्त नहीं होती। सबसे पहले सड़क का लेवल संतुलित होना चाहिए। इससे यहां पर होने वाले सड़क हादसों में कमी आएगी -नीतिन गुप्ता
दुकानों के सामने एक माह से गैस की पाइप लाइन खुली पड़ी हुई है। गैस पाइप लाइन को लगाने का काम क्यों रुका हुआ है, यहां किसी को नहीं पता है। इससे रात में चोट लगने का डर बना रहता है। लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन करते हैं। - हरीश पांडे
चौराहे पर सड़क ऊपर-नीचे होने के कारण यहां कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, सड़क को खोदकर पुन: निर्माण कर समान लेवल पर लाने का काम होना चाहिए। इस बारे में शिकायत भी की गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। -दीपक कुमार
सड़क किनारे फुटपाथ नहीं होने से यहां पर धूल उड़ती है जो हमारी दुकानों को गंदा करती है। हमारी और ग्राहकों की आंखों में भी धूल जाती है, इसके लिए दुकानों के दरवाजों को हमेशा बंद रखना पड़ता है। आखिर कब तक ऐसा चलता रहेगा? - सुनील गुप्ता
सड़क के किनारे तार का जाल है। यहां बिजली के तार अंडरग्राउंड किए जाने चाहिए। खंभों पर तार के जाल के कारण दुर्घटना का खतरा बना रहता है। इससे बचाव के लिए पहले ही कदम उठाने चाहिए। इस बारे में जिम्मेदार विभाग को सोचना चाहिए। -संदीप ठाकुर
चौराहे पर मुख्य सड़क ऊपर है और बाकी अन्य सड़कों का लेवल नीचे है। इससे यहां दोपहिया-तीनपहिया वाहन कई बार पलट चुके हैं और चालक भी चोटिल हो चुके हैं। इसके बावजूद, यहां इस समस्या पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है। -हीरा बल्लभ
व्यापारियों और ग्राहकों के लिए बनाया जाए शौचालय
बृजमोहन रस्तोगी का कहना है कि व्यापारियों के लिए शौचालय की सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें और उनके ग्राहकों को अक्सर
बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शौचालय न होने के कारण लोग कई बार खुले में शौच करने पर मजबूर हो जाते हैं, जो स्वच्छता के लिहाज से गलत है। खुले में शौच करने से न केवल स्वास्थ्य से जुड़ीं समस्याएं उत्पन्न होती हैं, बल्कि यह आसपास की सफाई और वातावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। रस्तोगी का कहना है कि यहां सुलभ शौचालय का निर्माण किया जाना चाहिए, ताकि व्यापारियों और ग्राहकों को इस समस्या से निजात मिल सके।
शाम के वक्त यहां जाम की समस्या हो चुकी है गंभीर
रमेश काला का कहना है कि यहां पर शाम के समय जाम की समस्या गंभीर रूप ले चुकी है और कई बार यह जाम घंटों तक लगता है। इस जाम की वजह से लोगों को अपनी गाड़ी निकालने में बहुत कठिनाई होती है। जाम लगने का मुख्य कारण पुलिस स्टेशन के सामने बनी संकरी सड़क है, जो ट्रैफिक को संभालने में सक्षम नहीं है। काला का मानना है कि इस क्षेत्र में डिवाइडर लगाने की जरूरत है, जिससे लोग अपनी निर्धारित लेन में ही गाड़ी चला सकें। इससे जाम की समस्या कुछ हद तक कम हो सकेगी। इसके अलावा, दुकानों के बाहर लगी सब्जी की ठेलियां भी जाम का एक प्रमुख कारण है। इन ठेलियों के कारण सड़क पर गाड़ियां खड़ी हो जाती हैं।
ऐसी स्ट्रीट लाइट का क्या लाभ, जो रात को न जले?
अनिल कुमार ने बताया कि यहां के मुख्य चौराहे पर लगी स्ट्रीट लाइटें पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं। एक तो ये लाइटें जलती नहीं हैं, और दूसरी समस्या यह है कि दिन के समय जलती रहती हैं। जबकि, रात के समय
यह बंद हो जाती हैं। रात के समय चौराहे पर लाइट न जलने से अंधेरा हो जाता है, जिससे स्थानीय लोगों को अंधेरे में चलने में कठिनाई होती है। यह स्थिति न केवल स्थानीय लोगों के लिए असुविधाजनक है, बल्कि यह सुरक्षा के लिहाज से भी क्षेत्र के लिए खतरनाक हो सकती है, खासकर रात के समय। वे कहते हैं कि ऐसी स्ट्रीट लाइट का क्या मतलब है, जो दिन में जलती हैं और रात को नहीं जलतीं।
धूल उड़ने से दुकान में रखा सामान भी हो जाता है खराब
चेतन गुप्ता बताते हैं कि यहां पर फुटपाथ का अभाव होने से सड़कों का सारा पानी सड़क के किनारे जमा होने लगता है। बारिश के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो जाती है, क्योंकि मिट्टी वाले फुटपाथ में पानी जमा हो जाता है, जिससे कीचड़ बन जाता है। इस कारण से पैदल आवाजाही करना बहुत कठिन हो जाता है, और लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। साथ ही, आम दिनों में मिट्टी होने के कारण सड़क से उड़ती धूल राहगीरों की आंखों में चली जाती है, जिससे उनकी आंखों में जलन और समस्या उत्पन्न होती है। इसके अलावा, व्यापारियों की दुकानों में भी धूल भर जाती है, इससे दुकानों में रखा सामान भी खराब हो जाता है।
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