चिकित्सा प्रतिपूर्ति के बिल लटकने पर पेंशनर्स नाराज
सेवानिवृत राजकीय पेंशनर्स संगठन ने चिकित्सा प्रतिपूर्ति के मामलों में अनावश्यक पेंच फंसाने पर नाराजगी जताई। पेंशनर्स ने स्वास्थ्य महानिदेशक से मिलकर बिलों के भुगतान में हो रही देरी के खिलाफ विरोध...
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सेवानिवृत राजकीय पेंशनर्स संगठन ने डीजी एजुकेशन से मिल कर जताई नाराजगी चिकित्सा प्रतिपूर्ति से जुड़े मामलों में अनावश्यक पेंच फंसाने पर उठाए सवाल
देहरादून, मुख्य संवाददाता।
सेवानिवृत राजकीय पेंशनर्स संगठन उत्तराखंड ने पेंशनर्स के चिकित्सा प्रतिपूर्ति के बिल लटकने पर नाराजगी जताई। स्वास्थ्य महानिदेशक से मिल कर पेंशनर्स के प्रतिनिधिमंडल ने विरोध जताया। चिकित्सा प्रतिपूर्ति से जुड़े मामलों में अनावश्यक पेंच फंसाने पर सवाल उठाए।
संगठन अध्यक्ष विरेंद्र सिंह कृषाली के नेतृत्व में पेंशनर्स ने कहा कि चिकित्सा प्रतिपूर्ति के प्रकरणों में अनावश्यक रूप से प्रपत्र, शपथ पत्र मांगे जाते हैं। इससे बिलों के भुगतान में देरी हो रही है। एक साल बीतने पर भी पेंशनर्स को पेंशन का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इससे कई सेवानिवृत शिक्षक आर्थिक परेशानी उठा रहे हैं। इसके अलावा सीआरसी, बीआरसी नियुक्ति आउटसोर्स से किए जाने की मांग की गई।
कहा कि कार्यालय में आवश्यकता के अनुरूप मुख्य प्रशासनिक अधिकारी को आहरण वितरण अधिकारी का दायित्व दिया जाए। सातवें वेतनमान के प्रकरणों के पेंशन निर्धारण सहित अवशेष का भुगतान किया जाए। प्रत्येक आहरण वितरण अधिकारी की प्रकरण निस्तारण की समय सीमा निर्धारित करने के साथ ही जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश संरक्षक आरएस परिहार, महासचिव रमेंद्र सिंह पुंडीर, सचिव चंद्र प्रकाश, संगठन मंत्री आरएस बिरोरिया, मोहन सिंह रावत, सीएम उनियाल, बीपी कंडवाल मौजूद रहे।
गोल्डन कार्ड से जुड़े बिलों का जल्द हो भुगतान
पेंशनर्स प्रतिनिधिमंडल ने राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण उत्तराखंड के अध्यक्ष अरविंद सिंह हंयाकी को भी ज्ञापन सौंपा। बताया कि पेंशनरों के गोल्डन कार्ड, चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों के भुगतान को समस्याओं का निस्तारण किया जाए। गोल्डन कार्ड में बेहतर सेवा देने वाले बड़े निजी अस्पतालों को भी शामिल किया जाए। कहा कि पांच फरवरी से कुछ अस्पतालों ने गोल्डन कार्ड सेवा का लाभ देना बंद कर दिया है। तत्काल सेवा बहाल की जाए।
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