बोले देहरादून : वाणी विहार की तीस हजार आबादी गंदे नाले से प्रभावित
देहरादून के रायपुर स्थित वाणी विहार के लोग तीन वर्षों से गंदे नाले की समस्या से जूझ रहे हैं। बरसात में नाला overflow होने से लोग परेशान हैं और प्रशासन की लापरवाही के कारण समस्या और बढ़ गई है। स्थानीय...
देहरादून के रायपुर स्थित 30 हजार आबादी वाले वाणी विहार के लोग तीन वर्षों से गंदे नाले से परेशान हैं। बरसात में यह नाला रौद्र रूप धारण कर लेता है। इस कारण नाले के आसपास रहने वाले लोगों को अपनी जान बचाने के लिए लोगों के घरों में आश्रय लेना पड़ता है। लोग बताते हैं कि इतनी शिकायतें करने के बाद भी प्रशासन की ओर से कभी भी नाले की सफाई पर ध्यान नहीं दिया गया। इस वजह से नाले में गंदगी बढ़ती जा रही है। इससे यहां रहने वाले लोगों को गंदगी के कारण परेशानियां उठानी पड़ रही है। प्रस्तुत है दीपिका गौड़ की रिपोर्ट...
आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान के अभियान ‘बोले देहरादून के तहत रायपुर के वाणी विहार के लोगों से बातचीत की गई। जिसमें लोगों ने अपनी समस्या को बताया कि जब से वह वाणी विहार में रह रहे हैं तो गंदे नाले से हो रही समस्या से जूझना पड़ रहा है और यह नाला आईटी पार्क से होते हुए आ रहा है। जिसका सहायक नाला खलंगा द्वार से होते हुए वाणी विहार में आ रहा है। हजारों की संख्या में स्थानीय यहां निवास करते हैं। जिनके घरों के आगे और पीछे से गंदा नाला गुजर रहा है। कई स्थानीय लोगों का कहना है कि सुबह-सुबह उठते ही उन्हें नाले की गंदगी देखने को मिलती है। नाले के किनारे सुरक्षा के लिहाज से न कोई मजबूत सुरक्षा दीवार पुश्ते के रूप में बनाई गई है और न ही नाले को पार करने वाली छोटी पुलिया की मरम्मत कराई गई है। पिछली बार भी बरसात में नाले का पूरा मलबा पुलिया में आ गया था। बरसात में नाले का गंदा पानी लोगों के घरों में घुस जाता है। इससे घर के अंदर रखा सारा सामान खराब हो जाता है। साथ ही नाले में अब कूड़े का ढेर भी लग चुका है।
कॉलोनी के लोगों का कहना है कि कूड़ा उठाने वाली गाड़ी भी नियमित रूप से नहीं आती। जिस कारण कूड़े की गाड़ियों की संख्या बढ़ानी चाहिए और क्षेत्र में सफाई कर्मी की ओर से नाले की सफाई भी की जानी चाहिए। इसके साथ ही प्रशासन को नाले में कूड़ा डालने वालों पर कठोर कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाना चाहिए। क्षेत्रवासियों को उपकरण लेकर खुद नाले में सफाई के लिए उतरना पड़ता है। इसके विपरीत निगम के सफाई कर्मी अपनी ठेली रेडी में क्षेत्र का कूड़ा इक्कठा करके, यहां डंप कर जाते है। जिस कारण आस पास के लोग भी देखदेखी में कूड़ा डाल कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे है। क्षेत्रवासियों ने बरसात में बचाव के लिए पुल और पक्के पुस्ते की मांग क्षेत्रीय विधायक से की थी। लेकिन कभी भी विधायक ने समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। अब आने वाली बरसाती सीजन से पहले ही क्षेत्रवासी डर के साए में जीने को बेबस हो चुके है।
सुझाव
1. नाले के पुश्ते को मजबूती के साथ बनाया जाना चाहिए। वरना यह बरसात में गिर सकता है।
2. वाणी विहार में कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों की संख्या बढ़नी चाहिए।
3. नाले के बीच में बने पुल की जर्जर हालत हो गई है। इसलिए इसे मजबूती से बनाया जाए।
4. एक सफाई कर्मचारी की नियमित ड्यूटी लगाई जानी चाहिए जो रोज सफाई करे।
5. सीसीटीवी कैमरे लगने चाहिए। कूड़ा डालने वालों का पता चलने पर उनके ऊपर कार्रवाई की जानी चाहिए।
शिकायतें
1. बरसात में पुल में मलबा भर जाता है। जिस कारण गिरने का डर रहता है।
2. पिछली बार पुश्ते के साथ ही खंभा गिर गया था। इसलिए दोबारा यहां पुश्ते के पास खंभा नहीं लगाना चाहिए था।
3. नाले में कोई कूड़ा न डाले इसलिए कई बार लोग रात को पहरेदारी करते हैं।
4. निगम के कर्मचारी यहां सफाई करने में लापरवाही बरतते हैं।
5. स्ट्रीट लाइट रात में जलने की बजाय दिन में जलती है। इसमें ऑन ऑफ का स्विच नहीं है।
कूड़ा उठान के लिए छोटे वाहनों की व्यवस्था हो
क्षेत्रवासियों का कहना है कि यहां पर कूड़ा निस्तारण और सफाई के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। जिस कारण खुद साफ-सफाई करनी पड़ती है। यहां पर नगर-निगम की कूड़ा उठाने वाली गाड़ी भी संकरी गलियों में नहीं आती है। जिसके लिए प्रशासन को छोटे कूड़ा उठाने वाले वाहनों की व्यवस्था करनी चाहिए। जगह-जगह पर कचरा पड़ा रहता है। इसके लिए यहां पर निगम की गाड़ियों और सफाई कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाना चाहिए।
घरों के अंदर जमा होता है गंदा पानी
स्थानीय लोगों ने बताया कि जब घरों में पानी भरता है तो सीवर से भी पानी की निकासी नहीं हो जाती है। जिस कारण घरों में कई दिनों तक पानी भरा रहता है। क्योंकि यहां पर पानी की निकासी के लिए भी नालियां नहीं है तो कहीं पर लोगों ने खुद नालियां बनाई है। लेकिन वो भी चोक हुई है। गंदे पानी के जमा होने से लोगों का रहना मुश्किल हो जाता है। इसके लिए यहां पर गंदे पानी की निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
गर्मियों में होती है पीने के पानी की दिक्कत
क्षेत्र वासियों का कहना है कि अब गर्मी का मौसम भी आने वाला है। तो इस समय पीने की पानी की दिक्कतें कहीं ज्यादा बढ़ जाती है। किसी किसी क्षेत्र में तो पानी के नलों में पानी की बूंदे ही टपकती हुई देखने को मिलती है। तो कहीं पीने का पानी भी नलों से भरपूर मात्रा में नहीं आता है।
कूड़े की गाड़ी गाने के बजाय सफाई पर ध्यान दे
स्थानीय लोगों का कहना है कि कूड़े की गाड़ी गाना बजाने पर ध्यान देने की बजाय यदि सफाई में ध्यान देती तो आज हमारे क्षेत्र की इतनी बुरी हालत न हुई होती। सफाई कर्मी भी सफाई कम और कूड़ा ज्यादा फैला रहे है। हमारे घरों में मेहमान भी आने से कतराते हैं। कूड़े की गंदी बदबू भी जीने नहीं देती है। क्योंकि वाणी विहार के हाल नाले की गंदगी के कारण बहुत बुरे हो चुके हैं। न जाने कब यहां की गंदगी साफ होगी।
वाणी विहार में स्वच्छता और कूड़ा प्रबंधन की समस्या
देहरादून के रायपुर स्थित वाणी विहार में स्वच्छता की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इलाके में कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था पूरी तरह से असंगठित और कमजोर है, जिससे क्षेत्र में गंदगी फैल रही है। कूड़ा एक जगह पर जमा हो जाता है और वहां से मच्छर व अन्य कीड़े-मकोड़े फैलते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। साथ ही, कुछ लोग कूड़ा इधर-उधर फेंकने की आदत के कारण स्थिति को और जटिल बना देते हैं। इस कारण से इलाके में दुर्गंध भी फैल रही है, जिससे लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। स्थानीय नगर निगम को कूड़ा उठाने की प्रक्रिया को नियमित और व्यवस्थित तरीके से लागू करना चाहिए। इसके साथ ही, नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए, ताकि वे अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों में साफ-सफाई बनाए रखें। इस समस्या का समाधान समय पर कूड़ा उठाने और स्वच्छता शिक्षा से किया जा सकता है।
सफाई न होने से बिगड़ रही पर्यावरणीय स्थिति
देहरादून के कई इलाकों में सफाई व्यवस्था एक बड़ी समस्या बन चुकी है। गली-मोहल्लों में कचरा इकट्ठा होने, सड़कों पर गंदगी फैलने और नालियों का सही तरीके से सफाई न होने से पर्यावरणीय स्थिति बिगड़ रही है। वाणी विहार जैसी कॉलोनियों में सफाई कर्मियों की कमी और नियमित सफाई की न होने के कारण लोग परेशान हैं। कचरे का सही तरीके से निस्तारण नहीं होने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। लोग स्थानीय प्रशासन से यह उम्मीद करते हैं कि जल्द ही सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे ताकि इलाके की स्वच्छता सुनिश्चित हो सके।
आखिर आमजन की सुनवाई कब होगी?
पहले एमडीडीए के पुल के पास कूड़ा डंप करने का काम किया जाता था। क्योंकि अब वहां कूड़ा डालना बंद हो चुका है। जिस कारण अब चोरी चुपके से यहां कूड़ा डाला जाता है। -भोपाल कोरंगा
बरसात के समय नाले का मलबा पूरा पुलिया में भर जाता है। जिस कारण हम आवागमन नहीं कर पाते हैं, इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। -राजेंद्र
यहां हमें साल भर कूड़े जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन बरसात में पानी भरने का डर हमें अभी से सताने लगा है। बरसात में जब पानी भरता है तो घरों के अंदर तक घुस आता है। -बिंदिया देवी
पिछली बरसात में जब यहां घर बह गए थे। तब विधायक यहां संज्ञान लेने आए तो उन्होंने कहा कि यहां कोई नुकसान नहीं हुआ है। दूसरी जगह देखो कितना नुकसान हुआ है। -भोगेश्वरी रौथान
लोगों को कूड़ा न डालने के लिए हम कितना रोकें। अगर हम लोगों को कूड़ा डालने के लिए मना करते हैं तो लोग उल्टा लड़ाई करने आ जाते हैं। लोगों को समझाना मुश्किल है। -आनंदी शर्मा
हमारी कॉलोनी तभी चमकेगी जब यहां से कूड़ा हटेगा। निगम की गाड़ियों में स्वच्छ भारत सुंदर भारत का नारा गूंजता है। शहर की सफाई के लिए सभी को साथ मिलकर आगे आना चाहिए। -अनीता थापा
मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट रात के बजाय दिनभर जलती रहती है। इस कारण रात में अंधेरा रहता है। अंधेरे में लोगों को आवाजाही में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शिकायतों का भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा। -सतीश चंद
पिछली बार पुल टूटा था तो दिक्कत और बढ़ गई थी। लेकिन हम अपनी दिक्कतों को कैसे और किसे बताएं? क्योंकि विधायक भी हमारी समस्या को सुनने के लिए राजी नहीं है। हम नाले की शिकायत करते-करते थक गए हैं। -अमृता देवी
सीसीटीवी कैमरे लगते तो इतनी परेशानी नहीं होती। लोग कूड़ा डालकर चले जाते हैं उनका पता ही नहीं चल पाता है। इसलिए यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए। गंदगी के कारण नाले से उठने वाली दुर्गंध से लोग परेशान हो चुके हैं। -महेंद्र सिंह
अभी बरसात आने में समय है, लेकिन हमें डर अभी से सताने लगा है। पिछली बरसात में यहां घर बहे और इस डर से हम लोग इतना डर गए थे कि जान बचाने के लिए हमें दूसरों के घर में रात गुजारनी पड़ी। -सुषमा
नाले की गंदगी से हम इतना परेशान हो चुके हैं कि घरों के बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। नाले में कूड़ा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। तभी लोग जागरूक होंगे। -उदय सिंह सैलानी
गर्मियां शुरू हो गई हैं। अब नाले में पड़ा कूड़ा और गंदा पानी सड़ने लगेगा। इससे यहां मक्खी-मच्छर पनपने लगेंगे। यहां मच्छरों के प्रकोप से बीमारी फैलने का खतरा है, इसका समाधान होना चाहिए। -सुंदरलाल उनियाल
उम्मीद है शासन का कोई प्रतिनिधि हमारा हाल पूछेगा
स्थानीय निवासी एवं जनकवि अतुल शर्मा बताते हैं कि इस नाले को देखते-देखते कई बरस बीत गए हैं। मगर पिछली बरसात में जो नाले का रूप देखा, वैसे हमने कहीं भी नहीं देखा। यहां की समस्या भी बहुत पुरानी है कई वर्षों से क्षेत्रवासी नाले का दर्द झेल रहे हैं। कभी घर तबाह तो कभी कुछ, लेकिन कभी समस्या का हल किसी ने नहीं ढूंढा। अब यहां के लोग गंदगी में जीते-जीते परेशान हो गए हैं। उम्मीद करते हैं कि शासन प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि यहां आए और यहां के लोगों के हाल जानने का प्रयास करें। नाले से उठने वाली दुर्गंध के कारण यहां लोगों को रहना मुश्किल हो जाता है। इसलिए इस समस्या का जल्द समाधान किया जाना चाहिए।
यहां आबादी बढ़ने के साथ लोगों की समस्या भी बढ़ी है
स्थानीय निवासी शेर सिंह राणा बताते हैं। सभी क्षेत्रवासी तीन से चार वर्षों से गंदे नाले की समस्या से जूझ रहे हैं। क्योंकि इससे पहले ऐसी दिक्कत देखने को नहीं मिलती थी। क्योंकि आसपास आबादी भी कम थी, अब जब से आबादी बढ़ने लगी है तो समस्या भी और ज्यादा बढ़ रही है। आगे वह बताते हैं कि पिछले छह महीनों से सभी लोग मिलकर नाले की सफाई कर रहे हैं। जिससे थोड़ा बहुत जो कूड़ा है वो कम हुआ है। यदि सभी लोग इसमें मिलकर अपना सहयोग दें तो की समस्या भी जल्द होगी। इसके साथ ही शासन प्रशासन को सफाई के प्रति सख्त रवैया अपनाते हुए जनता के साथ-साथ निगम के कर्मचारियों को सफाई के प्रति जागरूक करना चाहिए।
कुछ लोगों ने शौचालय के पाइप भी नाले में डाले हुए हैं
स्थानीय निवासी सुरेश थापा बताते हैं कि निगम के कर्मचारी थी अपनी सफाई ट्रॉली में कूड़ा लाकर नाले में डंप कर देते हैं और कुछ कहने पर बहस करने लग जाते हैं। कुछ लोगों ने शौचालय के गंदे पानी की निकासी भी पाइप के जरिये नाले में ही की हुई है। इस कारण भी नाले में बहुत गंदगी फैली हुई है। लोग भी कचरा फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। हम लोगों को सफाई का नारा देते-देते खुद परेशान हो चुके हैं। छोटी पुलिया की हालत भी खराब हो गई है। लोगों को चलने में डर लगता है। क्षेत्रीय विधायक को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। यहां की सफाई की जानी चाहिए। साथ ही जिन लोगों ने नाले में शौचालय के पाइप डाले हुए हैं नगर निगम को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
लगातार शिकायतें करने के बाद भी नहीं हुआ समाधान
स्थानीय निवासी राजू थापा बताते है कि नाले के साथ साथ पुल और पुश्ते से भी जान का खतरा बना हुआ है। पिछली बरसात में पुश्ते के साथ लगे बिजली के खंभे के गिरने से उनका घर जल गया था। उसके बाद जैसे-तैसे उन्होंने घर की मरम्मत करवाई और रहने लायक बनाया। शिकायत करते हुए वह आगे बताते हैं कि न ही कोई प्रतिनिधि उनका हाल जानने आया और न ही उन्हें नुकसान की कोई भरपाई मिली। यूपीसीएल मामले की टालमटोल करते हैं। अभी जो खंभा फिर से पुश्ते के साथ लगाया गया है। उससे भी खतरा है। इसके साथ ही पुलिया को मजबूती से बनाते हुए अगल बगल में जाली लगाई जाए।
बोले जिम्मेदार
देहरादून के मेयर सौरभ थपलियाल का कहना है कि नगर निगम की ओर से नदी नालों की सफाई के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेकर समस्या के समाधान को हर संभव ठोस कदम उठाएं। नगर निगम के समस्त वार्डों में नाले और नालियों की सफाई का कार्य करवाया जाएगा। इसी के साथ निगम की ओर से स्वच्छता जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। जिसके तहत लोगों से अपील की जा रही है कि नदी-नाले और नालियों में कूड़ा डंप न करें। डोर-टू-डोर स्वच्छता वाहनों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
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