बोले देहरादून : शहरी क्षेत्र से जुड़ने के बाद भी केहरी गांव की सड़कें दे रही दर्द
सहसपुर विधानसभा के अंतर्गत केहरी गांव के निवासी खराब सड़क की स्थिति से परेशान हैं। 10,000 की आबादी को 14 वर्षों से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बरसात में सड़क पर पानी जमा हो जाता है और हादसों का...
सहसपुर विधानसभा के अंतर्गत प्रेमनगर से सटे इलाके केहरी गांव महिमा एन्क्लेव, सैनिक कॉलोनी के क्षेत्रवासी कई वर्षों से खराब पड़ी सड़क की स्थिति से जूझ रहे हैं। करीब 10 हजार की आबादी खराब सड़क पर आवाजाही करने को मजबूर है और जल्द सड़क बनाने की मांग कर रही है। केहरी गांव, प्रेमनगर मुख्य मार्ग से वर्ष 2003 में मंडी समिति की ओर से महिमा एन्क्लेव, सैनिक कॉलोनी तक सड़क निर्माण का कार्य कराया गया। यह सिस्टम की बेरुखी ही है कि आज इतने साल बीत जाने के बाद भी क्षेत्रवासियों की सड़क से जुड़ी समस्या को नहीं सुलझाया गया। प्रस्तुति है दीपिका गौड़ की रिपोर्ट...
आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने ‘बोले देहरादून अभियान के तहत प्रेमनगर के केहरी गांव, महिमा एन्क्लेव, सैनिक कॉलोनी के क्षेत्रवासियों से बातचीत की। स्थानीय निवासी बालेंद्र सिंह चौहान, प्रदीप जैन, एमपी राठौर, आनंद सिंह पंवार ने बताया कि नगर निगम के अधीन आने वाले प्रेमनगर केहरी गांव, महिमा एन्क्लेव, सैनिक कॉलोनी की सड़क बीते 14 वर्षों से खराब हालत में है, लेकिन कभी किसी का ध्यान सड़क सुधारने की ओर नहीं गया। यहां बरसात में टौंस नदी ऊफान पर आ जाती है। क्षेत्रवासी सुरक्षा के लिए पुस्ता निर्माण की मांग कर रहे हैं। आगे क्षेत्रवासी बताते हैं कि प्रेम नगर के इन मोहल्ले में कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र किराये पर या पीजी में रहते हैं। इस क्षेत्र में देश-विदेश के छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा है। इसके बावजूद भी सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए और असामाजिक तत्वों का डर बना रहता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र के बगल से ही पांवटा साहिब, बल्लूपुर के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग जा रहा है। क्षेत्र से राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरने के बाद भी लिंक रोड नहीं दी गई। सरकार या लोनिवि को कॉलोनी वासियों की सुविधा के लिए लिंक रोड की व्यवस्था करनी चाहिए। यही सड़क आगे राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ती है। तो यहां से गुजरने वाले लोगों को भी गड्ढों वाली सड़कों पर चलना किसी जोखिम से कम नहीं होता है। कुछ जगहों पर स्ट्रीट लाइट न होने के कारण अक्सर लोग रात में आवाजाही करते वक्त दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं। क्षेत्रवासी चाहते हैं की मुख्य सड़क का चौड़ीकरण किया जाना चाहिए। जिससे एक साथ आने जाने वाले वाहन आसानी से निकल पाएंगे। क्योंकि केहरी गांव के मुख्य मार्ग में घंटों तक जाम लगा रहता है, जिसमें स्थानीय लोगों के साथ कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को भी परेशानी होती है। लोगों का कहना है कि इतने वर्षों से शिकायतें करने के बावजूद भी आज तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। लोगों का कहना है कि चुनाव के दौरान नेता वादा करके चलते जाते हैं। चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र का संज्ञान तक नहीं लेते हैं। जब जनप्रतिनिधि ही हमारी समस्याओं को नहीं सुनेंगे तो लोगों की समस्याओं का समाधान कैसे होगा।
घरों के ऊपर से होकर जा रही हाईटेंशन लाइन
केहरी गांव में घरों के ऊपर से हाईटेंशन बिजली की लाइन गुजर रही है, जो ग्रामीणों के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन गई है। यह बिजली लाइन गांव के कई घरों के ऊपर से होकर जाती है, जिससे यहां पर संभावित दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है। जिससे ग्रामीणों में डर और असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि बिजली के तार कभी भी टूट सकते हैं या शॉर्ट सर्किट हो सकता है। केहरी गांव के लोग इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन से मदद की उम्मीद कर रहे हैं।
वाहनों के कारण दिनभर धूल-मिट्टी उड़ती रहती है
स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्षों पहले 2003 में यह सड़क बनाई गई थी। जिसके तुरंत बाद ही इस सड़क की हालत बहुत खराब हो गई। डेढ़ किलोमीटर तक की यह सड़क खराब हालत में है। इससे लोगों को आवाजाही करने में परेशानी तो होती है। आए दिन लोग सड़क हादसे का शिकार होते हैं। इस सड़क पर वाहन चलाने से भी डर लगता है। सड़क न होने के कारण धूल मिट्टी उड़ती रहती है और घरों को गंदा करती है।
स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों को होती है दिक्कत
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा है। क्योंकि यहां आसपास कई शिक्षण संस्थान हैं। खराब सड़क पर जाम लगने से बच्चों को स्कूल-कॉलेज जाने में दिक्कत हो जाती है। कई बार बढ़ते जाम से बच्चों को देरी भी हो जाती है। वहीं, बरसात में सड़क पर पानी के जमा होने से गड्ढे नजर नहीं आते।
स्थानीय लोग श्रमदान कर भरते हैं सड़क के गड्ढे
स्थानीय लोगों का कहना है कि हमने कभी इस रोड पर हालत सुधरे हुए नहीं देखे। स्थानीय लोग ही मिलकर इस टूटी हुई सड़कों के गड्ढों को मिलकर भरते हैं। जिसके कुछ दिन बाद फिर से सड़क के हालात वैसे ही हो जाते हैं। संबंधित विभाग को सड़क को मजबूती के साथ बनाना चाहिए। क्योंकि इस खराब सड़क के कारण हर किसी को परेशानी होती है।
नाली नहीं होने से सड़क पर जमा रहता है पानी
लोगों ने बताया कि यहां पर सड़क केवल नाम मात्र की ही रह गई है। सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं। इन गड्ढों से सड़क दुर्घटना का खतरा अधिक बढ़ जाता है। सड़क के दोनों तरफ नालियां ना होने के कारण पानी बीच सड़कों पर तैरता हुआ घरों के अंदर चला जाता है। इससे बरसात के समय जलभराव जैसी समस्या पैदा हो जाती है। वहीं सड़कों पर पानी भरने से गड्ढों की गहराई का पता नहीं चल पाता।
सुझाव
1. मुख्य मार्ग की सड़क का चौड़ीकरण होना चाहिए। जिससे दोनों तरफ के वाहन आसानी से निकल सके।
2. यहां रहने वालों की सुरक्षा के लिए बरसात से पहले टौंस नदी के ऊपर पुस्ते बनने चाहिए।
3. सड़क के गड्ढे को भरकर मजबूती के साथ पक्की सड़क बनाई जाए।
4. कॉलोनी में स्ट्रीट लाइट और सीसीटीवी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
5. असामाजिक तत्वों से सुरक्षा के लिए पुलिस की गश्त होनी चाहिए।
शिकायतें
1. मोहल्लों में नालियां नहीं है। जिस कारण ड्रेनेज सिस्टम की समस्या बनी हुई है।
2. बरसात में पानी सड़कों पर जमा होने के बाद लोगों के घरों में घुस जाता है।
3. शिकायतें करते-करते थक गए, लेकिन 2003 के बाद से सड़कों की मरमम्त नहीं की गई।
4. 22 नवंबर 2024 के बाद से शासन ने मैन्युअल डीपीआर लेना बंद कर दिया।
5. मोहल्ले में आने वाले लोगों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए।
खराब सड़क से दुर्घटना का डर बना रहता है। कई बार लोगों ने खुद गड्ढों को भरकर, यहां की सड़कों को ठीक करके चलने लायक बनाया है। -नरेंद्र कुमार
यहां पर बरसात के समय काफी ज्यादा परेशानियां बढ़ जाती है। सड़कों पर पानी भरने से गड्ढों की गहराई पता नहीं चल पाती। -योगेश जनाडा
यहां पर नजदीकी कॉलेज होने के कारण बच्चे पढ़ने आते हैं और इन मोहल्लों में किराये या पीजी में रहते हैं। सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए। -दुर्लभ सिंह
सड़क की तो बुरी दुर्दशा है ही लेकिन, यहां कभी भी किसी का ध्यान नाली बनाने की ओर भी नहीं गया। ऐसे में लोगो के घरों का पानी सड़कों पर ही आएगा। -कमला बिष्ट
सड़क बनने से हमारी परेशानी कम होंगी। लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं सड़क बनने से आवाजाही करने में आसानी होगी। -रजत कुमार
कई वर्षों से लोग सड़क की खराब स्थिति से परेशान हैं। इस रास्ते से राष्ट्रीय राजमार्ग भी जुड़ते हैं। इसलिए लोग इस मार्ग का ज्यादा प्रयोग करते हैं। -अनुज मौर्य
महिमा एन्क्लेव के अंदर बिजली के तारों की गंभीर समस्या बनी हुई है। कई बार तो आग लग जाती है। शिकायत भी कर चुके हैं, समाधान नहीं हुआ। -प्रवीन कुमार
यहा पर सड़क की हालत बहुत खराब है। सड़को पर गड्ढे होने से कई बार लोग चोटिल हो गए हैं। इसे जल्द से जल्द ठीक कराया जाए। -वेद प्रकाश
लोग नगर निगम, विधायक, लोनिवि और सीएम पोर्टल पर शिकायत करते-करते थक चुके हैं। स्थानीय लोग भी कब तक सड़कों के गड्ढों को भरते रहेंगे। -शुभम
बुजुर्गों को इन खराब सड़क पर चलने से परेशानियां होती हैं। यहां ज्यादातर लोगों के घरों में बुजुर्ग लोग हैं। विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए। -सिया नेगी
केहरी गांव की मुख्य सड़क से ही सड़क चौड़ीकरण का कार्य शुरू होना चाहिए। सड़़क संकरी होने कारण भी यहां लोगों को परेशानियां झलननी पड़़ा। -दीपांशु
सड़कों पर गड्ढे होने से लोगों समेत उनके वाहन भी गिर कर चोटिल हो रहे हैं।
बावजूद इसके संबंधित विभाग इस पर ध्यान देने को तैयार नहीं है। -अजीत सिंह
कॉलोनियों के आंतरिक मार्गों के निर्माण के लिए विस सत्र के बाद प्रस्ताव बनाएंगे
केहरी गांव में सड़कों की समस्या के बाबत शासन में पत्र भेजा है। इस्टीमेट तैयार हो रहा है। राज्य सेक्टर से इस काम को करवाया जाएगा। सैनिक कॉलोनी, महिमा एन्क्लेव समेत अन्य कॉलोनियों के आंतरिक मार्ग और गलियों में सड़क निर्माण के लिए विधानसभा सत्र के बाद प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। दरअसल रेट रिवाइज होने से इस क्षेत्र की सड़कों के लिए भेजा गया प्रस्ताव वापस कर दिया गया था। यह समस्या मेरे संज्ञान में है और स्थानीय निवासी लगातार इस मांग को उठाते आ रहे हैं। -सहदेव पुंडीर, सहसपुर विधायक
शिकायत करने के बाद भी नहीं सुधर रहे हालात
स्थानीय निवासी तीरथ सिंह रावत बताते हैं कि सड़क संबंधित और अन्य परेशानियों से वह शासन-प्रशासन को अवगत करा चुके हैं। लोनिवि सड़क बनाने का काम मंडी समिति के ऊपर डालता है और मंडी समिति क्षेत्र के अधीन ना आने की बात करते हुए सड़क निर्माण के कार्य को नकारती हुई नजर आती है। क्योंकि साल 2003 में मंडी समिति के द्वारा ही केहरी गांव से शुरू करते हुए, इस सड़क का निर्माण कराया गया था। इतने वर्षों से परेशान स्थानीयों की समस्या सुनने के बाद भी कभी आश्वासन तक नहीं दिया गया। पूरे क्षेत्र का ही यही हाल है कि सड़क कम और गड्ढे ज्यादा हैं।
नालियां नहीं होने से बड़ी परेशानी में रहते हैं लोग
स्थानीय निवासी शशांक बताते हैं कि यह क्षेत्र कुछ समय पहले ही नगर निगम में शामिल हुआ है, तो जिम्मेदारी भी निगम को निभानी चाहिए। क्षेत्र में नालियों की सबसे बड़ी समस्या है। क्योंकि यहां ना तो नालियां बनाई गई है और ना ही सीवर लाइन डाली गई है। साल 2011-2012 में यहां की कॉलोनी बसी है और तभी से ड्रेनेज सिस्टम की समस्या बनी हुई है। कई हजारों की आबादी वाला क्षेत्र होने के बाद भी यहां की समस्या सुलझाने कोई नहीं आता। अक्सर यहां की सड़कों पर पानी भरने से तालाब बन जाता है और किसी को अगर आवाजाही करनी हो तो पानी के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। इससे बड़ी परेशानी होती है।
स्ट्रीट लाइट नहीं होने के कारण होती है परेशानी
स्थानीय निवासी नेहा बताती हैं कि वह यहां पास के ही कॉलेज में पढ़ती है। नजदीकी कॉलेज होने के कारण वह अपनी क्लास कभी नहीं छोड़ती है। इसलिए क्लासेज अटेंड करती है और कई बार कॉलेज से घर आने में देर हो जाती है। रास्तों में स्ट्रीट लाइट के न होने के कारण अक्सर रात के अंधेरे में डर लगता है। कई बार असामाजिक तत्वों द्वारा कॉलोनी के लोगों के साथ घटना को अंजाम दिया गया है। जिस कारण डर और भी बढ़ जाता है। इसलिए हमारी मांग है कि जल्द से जल्द स्ट्रीट लाइट को ठीक किया जाए। लोगों को यहां रात में आवागमन करने के दौरान परेशानियां होती हैं।
गड्ढे वाली सड़क पर चलने से अच्छा है अपने घर पर रहें
90 वर्षीय स्थानीय निवासी शूरवीर सिंह बताते हैं कि वह कई वर्षों से यहां अपने बेटे के साथ रहते हैं। वह जब से सैनिक कॉलोनी में आकर बसे हैं, तब से आज तक हालात वैसे के वैसे ही हैं। जहां आज के दौर में सभी का विकास हो रहा है। वहीं प्रेमनगर के यह इलाके आज भी विकास की दौड़ से पीछे रह गए हैं। आगे वह बताते हैं कि इतनी ज्यादा उम्र में बीमारियों का खतरा न बढ़े तो उन्हें डॉक्टर ने स्वस्थ रहने के लिए चलने-फिरने की सलाह दी है, लेकिन वह मानते हैं कि इन गड्ढे वाली सड़कों पर चलने से अच्छा है की वह घर पर ही रहें। क्योंकि इन सड़कों पर निकलना किसी खतरे से खाली नहीं है।
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