बोले देहरादून : इंद्रेश नगर में सीवर-नालियों की सफाई नहीं होने से लोग परेशान
देहरादून के इंद्रेश नगर क्षेत्र में नालियों की सफाई और कचरा उठाने की व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो गई है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि नालियों में गंदगी और बदबू से बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। पेयजल...
सहारनपुर चौक से लगने वाले क्षेत्र इंद्रेश नगर की नालियों की सफाई नहीं होने से लोग काफी परेशान हैं। लोगों का कहना है कि न सफाई होती है न ही चोक सीवर साफ किया जाता है। लंबे समय से लोग नालियों की गंदगी के कारण परेशान हैं। कई बार तो लोगों को खुद ही नालियां साफ करनी पड़ती हैं। वहीं कचरे की गाड़ी घरों तक नहीं आ पा रही हैं। इस कारण लोग घरों का कूड़ा नालियों में डालने को मजबूर हो रहे हैं। इतना ही नहीं यहां संकरी सड़क पर जाम लगने से लोगों को पैदल आवाजाही के लिए भी जगह नहीं मिल पाती है। कुमुद नौटियाल की रिपोर्ट...
देहरादून के इंद्रेश नगर क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, क्षेत्र की नालियों में कई दिनों तक कचरा जमा रहता है, जिसकी समय पर सफाई नहीं की जाती। इससे बदबू फैलती है और मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है, जिससे बीमारियां फैलने का खतरा है। स्थानीय लोगों की एक और बड़ी चिंता यह है कि पेयजल और सीवर की लाइनें साथ-साथ डाली गई हैं।
आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ के ‘बोले देहरादून’ अभियान के तहत लोगों से बात की। लोगों ने बताया कि कई बार पेयजल पाइपलाइन टूट जाती है, जिससे सीवर का गंदा पानी पीने के पानी में मिल जाता है। इससे घरों में गंदा और बदबूदार पानी आने लगता है। इस स्थिति में लोगों को अपने खर्च पर पानी की टंकियों की सफाई करानी पड़ती है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ता है। इसके अलावा, कचरा संग्रहण की गाड़ी भी नियमित रूप से नहीं आती। कई घरों के बाहर कचरा पड़ा रहता है, जिससे गंदगी फैल रही है।
वहीं दूसरी ओर, लोगों ने अपने घरों के सामने रैंप बना लिए हैं, जिससे सड़क काफी संकरी हो गई है। इस तंग रास्ते से एक समय में केवल एक ही वाहन निकल सकता है। इसके बावजूद लोग जल्दबाजी में एक-दूसरे को ओवरटेक करने की कोशिश करते हैं, जिससे अक्सर ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। लोगों ने स्थानीय प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र की नियमित सफाई की जाए, सीवर और पेयजल लाइनें अलग की जाएं और कचरा गाड़ी की नियमित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
पेयजल लाइन टूटने के कारण लोगों के घरों में आता है गंदा पानी
लोगों ने बताया कि यहां पर पानी नियमित आता है। पेयजल लाइन और सीवर की साथ डाली गई थी। इससे लाइन के टूटने से घरों में गंदा पानी आ जाता है। वहीं पानी मोटर के सहारे घरों की टंकियों में चढ़ जाता है। पता चलने पर लोग अपने खर्चे पर टंकियां साफ करवाते है और लाइन ठीक कराते है। ज्यादातर यह समस्या गर्मीयों में आती है अभीतक इस साल दो-तीन बार घरों में गंदा पानी आ चुका है। लोगों ने बताया कि क्षेत्र में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। इस वजह से कचरा नालियों में जमा रहता है। साथ ही सफाई कर्मचारी भी बाहर ही सफाई करता है अंदर की तरफ कभी नहीं आता है। इस वजह से लोग अपने घरों की नाली खुद साफ करते है। सड़क भी लोग खुद ही साफ करते हैं। बरसात में तो लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है। घुटनों तक पानी जमा रहता है। शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस कारण लोग परेशान हो गए हैं।
सीवर का बिल देते हैं लेकिन समय पर सफाई नहीं होती
लोगों का कहना है कि यहां पर जो सीवर लाइन है वह हमेशा चोक रहती है। इस वजह से लोगों के घरों से पानी बाहर नहीं जाता और पानी वापस आता है। सीवर साफ करने के लिए कर्मचारियों को बुलाएं तो उनका कहना है कि सड़क बहुत संकरी है यहां तक गाड़ी नहीं आ सकेगी। इस वजह से लोगों के घरों के पाइप नालियों में डाल रखें हैं। इस कारण यहां गंदगी पसरी रहती है।
सड़कें ऊंची होने के कारण लोगों के घरों में घुस जाता है पानी
क्षेत्रवासियों ने बताया कि यहां की सड़के ऊंची होती जा रही है। जिससे लोगों के घरों के लेवल नीचे हो रहे हैं। इससे सड़कों पर आने वाला पानी घरों में जाता है। इससे बचने के लिए लोगों ने घरों के आगे रैंप बनाए है जो बरसात के पानी को घरों में आने से रोकते हैं। इससे सड़क बहुत संकरी होती जा रही है। कर्मचारियों को सड़क बनाने से पहले सड़क को खोदना चाहिए। इससे सड़क का लेवल नीचे होगा।
सुझाव
1. नालियों की समय-समय पर सफाई की जानी चाहिए।
2. कचरे की गाड़ी नियमित लोगों के घरों तक आनी चाहिए। इसकी व्यवस्था नगर निगम को जल्द से जल्द करानी चाहिए।
3. क्षेत्र में नियमित सीवर लाइन की सफाई की जानी चाहिए।
4. पुरानीसड़क को खोदकर नई सड़क का निर्माण कार्य शुरु किया जाना चाहिए।
5. सीवर का पानी पेयजल लाइन में न मिले इसका कोई समाधान निकालना चाहिए।
शिकायतें
1. नालियों की सफाई नहीं होती है।
2. कचरे की गाड़ी घरों तक नहीं आ पाती है। इस कारण कुछ घरों का कूड़ा नाली में डाल देते हैं।
3. सीवर लाइन हमेशा चोक रहता है। संबंधित विभाग को सीवर की सफाई करवानी चाहिए।
4. सड़क के ऊपर सड़क बनाई जा रही है। जिससे सड़क ऊपर और घर नीचे हो गए हैं। इसलिए पुरानी सड़क को खोदकर नई सड़क बनाई जानी चाहिए।
5. सीवर का गंदा पानी पेयजल लाइन के जरिए घरों में आ जाता है।
जिम्मेदार विभाग को ठोस कदम उठाना चाहिए
जिम्मेदार विभाग को ठोस कदम उठाए क्षेत्र की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए अधिकारियों को ध्यान देना आवश्यक है। नालियों की सफाई, सीवर लाइन की समस्या, कचरे की गाड़ी की सुविधा और सड़क के निर्माण जैसे मुद्दों पर गंभीरता से विचार करना होगा। क्षेत्रवासियों की शिकायतें और सुझावों को ध्यान में रखते हुए ठोस योजना बनाकर समस्या का समाधान निकालना चाहिए। इससे क्षेत्रवासियों को राहत मिलेगी। क्षेत्र के लोग समस्याओं को लेकर लंबे समय से परेशान हैं।
बोले जिम्मेदार : नगर निगम के सभी वार्डों में साफ-सफाई का काम जारी है
देहरादून नगर निगम के सभी वार्डों में नाले-नालियों की सफाई का कार्य जारी है। इंद्रेशनगर क्षेत्र में सफाई का काम जल्द पूरा कराया जाएगा। सफाई निरीक्षकों और सुपरवाइजरों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं ताकि सफाई कार्य समयबद्ध और प्रभावी रूप से हो सके। नगर निगम द्वारा यह अभियान नागरिकों की स्वच्छता और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर चलाया जा रहा है। अधिकारियों की निगरानी में यह कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। -डॉ. अविनाश खन्ना, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी, देहरादून
बोल लोग-
यहां नालियों की सफाई कभी नहीं होती। सफाई कर्मचारी भी गली में आगे की तरफ आकर सफाई कर देते हैं। पीछे की तरफ तो कोई नहीं आता है। हम लोगों को खुद ही नालियां साफ करनी पड़ती हैं। - सरिता
इतनी गंदगी जमी रहती है। इससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। गर्मी के दौरान मक्खी-मच्छर पैदा हो रहे हैं। इसलिए यहां पर फॉगिंग करानी चाहिए। इससे मच्छरों का प्रकोप नहीं बढ़ेगा। - ऊषा
घरों के बाहर पहले तीन फीट गहरी नाली थी। सफाई न होने के वजह से अब सिर्फ छह इंच गहरी रह गई है। जिससेे नालियों में तेज बहाव में पानी आने पर घरों और सड़कों पर आ जाता है। -रजनी सिंह
नालियों में जमा मलबा साफ किया जाना चाहिए। इसके बाद ही यहां पर कुछ और काम हो सकेंगे। हम तो अपने घरों के बाहर साफ करते है लेकिन जिनकी जिम्मेदारी है उन्हें अपना करना चाहिए। -प्रीति
यहां पर अकसर गर्मियों में घरों में गंदा पानी आता है। इस साल अभी तक लगभग दो से तीन बार घर में गंदा पानी आया है। कई बार शिकायत करने के बाद लोगों ही समस्या का निवारण किया। - कोमल
सीवर और पानी की लाइन एक साथ डाली हुई है। उसके टूटने से लोगों के घरों में गंदा पानी आता है। पीड़ित लोग खुद ही पेयजल लाइन ठीक करवाते है। इससे लोग बहुत परेशान हैं। -गुड्डी
कूड़ा उठाने वाली गाड़ी घरों तक नहीं आती है। इससे लोग घरों का कचरा नालियों में डाल देते हैं। इससे नालियां चोक रहती हैं। हम खुद अपने घरों के बाहर की नाली साफ करनी पड़ती है। -रतिकला
यहां स्ट्रीट लाइट दिन में भी जलती रहती है। इससे बेवजह बिजली खर्च हो रही है। इसे ठीक किया जाना चाहिए। दिनभर जलने से लाइट खराब हो सकती है। जिसे ठीक होने में काफी समय लग जाएगा। -देविका
यहां सीवर लाइन हमेशा चोक रहती है। निगम के कर्मचारी आते हैं, लेकिन उनसे सीवर के चैंबर ही नहीं खुलते। इसलिए वह ऐसे ही छोड़कर चले जाते हैं। -अनिल
हम लोग पानी के बिल के साथ सीवर का पैसा भी देते हैं। इसके बाद भी हमें सीवर की सुविधा नहीं मिलती। कहने के लिए सीवर है लेकिन हमेशा चोक रहता है। -चंद्रवती
सड़क और नाली को मिलाकर यहां लगभग दस फीट सड़क है। पुरानी सड़क को खोदकर नई सड़क का निर्माण होना चाहिए। लेकिन कोई सुनता नहीं है। -कविता
गलियां संकरी होने के कारण यहां बड़ी गाड़ी कूड़ा उठाने के लिए नहीं आ सकती। निगम की ओर से कूड़ा उठाने के लिए छोटी गाड़ी होनी चाहिए। - कुलविंदर कौर
सड़क बहुत संकरी है साथ ही नालियों पर भी कहीं पर जाल लगे हुए हैं तो कहीं पर नहीं। इससे रात में लोगों के गिरने का खतरा रहता है। नालियों पर जाल लगाए जाने चाहिए। -नेहा
घरों के बाहर गाड़ियां खड़ी करने से सड़क संकरी हो जाती है। लोगों को आवाजाही में परेशानी होती है। संकरी से एक साथ दो वाहन नहीं निकल पाते। -आशा देवी
सड़क जगह-जगह पर खुदी हुई है। इससे आवाजाही में परेशानी होती है। बड़ी गाड़ी आने पर दूसरी गाड़ी के निकलने के लिए जगह नहीं बचती है। -उमा देवी
सड़क का पानी घरों में न आए। इसके लिए रैंप बनाए हैं। कहीं पर सीढ़ी बनाई है। इससे सड़क और संकरी हो गई है। इस सड़क पर रात में ज्यादा परेशानी होनी है। -सन्नी
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