त्रिभाषीय बंगाणी शब्दकोश का दून पुस्तकालय में लोकार्पण
फोटो देहरादून, वरिष्ठ संवाददाता। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से
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फोटो देहरादून, वरिष्ठ संवाददाता।
दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र की ओर से केंद्र सभागार में बलबीर सिंह रावत द्वारा संकलित त्रिभाषीय बंगाणी शब्दकोश बंगाणी-हिंदी-अंग्रेजी, का लोकार्पण किया गया। इस का प्रकाशन समय साक्ष्य द्वारा किया गया है।
उत्तरकाशी जनपद के सीमांत बंगाण क्षेत्र विकास खण्ड मोरी में स्थित है। बंगाण क्षेत्र अपनी समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओं, रीति रिवाज, बोली भाषा, पहनावा, खान-पान और आतिथ्य सत्कार के लिए प्रसिद्ध है। हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगे बंगाण क्षेत्र में बंगाणी भाषा बोली जाती है। राज्य गठन के बाद पहली बार हुए भाषा सर्वेक्षण में बंगाणी को एक अलग भाषा के रूप में रेखांकित किया गया है। उपसचिव देवेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि बलबीर सिंह रावत ने बंगाणी शब्दों का संकलन कर यह एक महत्वपूर्ण कार्य किया है। अतिथिवक्ता साहित्यकार महाबीर रवांल्टा ने कहा कि बंगाणी शब्दकोश में शब्दों को उनकी उपयोगिता के हिसाब से अध्यायों में बांटा गया है। मौके पर रंगकर्मी सुभाष रावत, प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी, डॉ. बीके डोभाल, डॉ. अतुल शर्मा, डॉ. योगेश धस्माना, हरिओम पाली, आरपी विशाल, सतीश धौलाखण्डी, राकेश कुमासर, प्रवीन भट्ट, सुंदर सिंह बिष्ट, चंदन सिंह चौहान, आलोक सरीन मौजूद रहे।
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