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युवा आर्टिस्ट कंचन जदली ने अमूल गर्ल की तर्ज पर बनाया ‘लाटी’ कैरेक्टर,पहाड़ की संस्कृति, त्यौहारों पर फोकस

लैंसडाउन की युवा आर्टिस्ट कंचन जदली ने अमूल गर्ल की तर्ज पर पहाड़ का अपना कार्टून कैरेक्टर ‘लाटी’ बनाकर उसके जरिए पहाड़ की संस्कृति, त्यौहारों को नई पीढ़ी से कनेक्ट करने का अभियान शुरू...

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान टीम, देहरादून। शैलेन्द्र सेमवाल, Sun, 14 March 2021 12:56 PM
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लैंसडाउन की युवा आर्टिस्ट कंचन जदली ने अमूल गर्ल की तर्ज पर पहाड़ का अपना कार्टून कैरेक्टर ‘लाटी’ बनाकर उसके जरिए पहाड़ की संस्कृति, त्यौहारों को नई पीढ़ी से कनेक्ट करने का अभियान शुरू किया है।  कंचन की सोच से उपजा कार्टून कैरेक्टर ‘लाटी’ हर ज्वलंत मुद्दों व घटनाओं के बीच अपनी उपस्थिति कभी हल्के फुल्के तो कभी गंभीर अंदाज में दर्ज करवाती है। लेकिन उसका अपना संदेश पहुंचाने का तरीका बेहद सादगी से भरा हुआ है। बिल्कुल वैसे ही जैसे अमूल ब्रांड के प्रचार अभियानों में अमूल गर्ल किसी न किसी घटना की साक्षी बनकर वहां मौजूद दिखाई जाती है, या पंजाब में संता बंता की बातों में पंजाबियत झलकती है। कंचन ने चंडीगढ़ के गर्वमेंट कालेज ऑफ आर्ट्स से फाइन आर्ट में बेचलर की डिग्री हासिल की है। वह फ्रीलांस आर्टिस्ट हैं।

उनके पिता रमेश जदली पूर्व फौजी और मां शशि हाउस वाइफ हैं। उनकी बड़ी बहन मेजर दीप्ति व छोटा भाई दिग्विजय हैं। कंचन के अनुसार, दूसरे बच्चों की तरह वह भी कार्टून कैरेक्टर से जुड़ी रही है। फाइन आर्ट के दौरान उन्हें इस तरह के एक कैरेक्टर ‘लाटी’ की सीरीज बनाने की योजना बनाई जो पहाड़ी हो, गांव के खानपान और वेशभूषा की ही बात करता हो। ‘लाटी’ पहाड़ की एक युवती है जो दिखने में मासूम है और उसके जेहन में केवल उत्तराखंड ही घूमता रहताा है। फिर चाहे कोई तीज त्यौहार आए या महत्वपूर्ण घटनाक्रम।

बच्चे कार्टूनों की बात ज्यादा सुनते हैं
कंचन की पैदाइश व शुरूआती पढ़ाई लैंसडाउन में हुई है, कालेज चंडीगढ़ से हुआ है, लेकिन पहाड़ उनके दिल में समाया हुआ है। वह देखती थी कि पहाड़ के कई परिवारों में नई पीढ़ी अपने रीति रिवाज, घर, गांव, बोली भाषा के बारे में नहीं जानती। लिहाजा उन्होंने कार्टून कैरेक्टर लाटी के बारे में सोचना शुरू किया। बच्चे कार्टुन कैरेक्टर की बातों को ज्यादा सुनते हैं, इसलिए ‘लाटी’ में उन्होंने वो सारी खूबियां डालने का फैसला किया जो नई पीढ़ी में होनी चाहिए। ‘लाटी’ नए गढ़वाली रैप सांग पर भी डांस करती है तो नेगीदा के गीतों पर भी। उत्तराखंड में कुछ भी हो ‘लाटी’ अब हर जगह मौजूद होगी। 

मकरैण ने खींचा ध्यान
अब तक वह सौ से अधिक लाटी सीरीज बना चुकी हैं। उत्तराखंड में नए घटनाक्रम पर वह नजर बनाए रखती हैं और उसी आधार पर अपनी सीरीज की प्लानिंग करती हैं। अब वह ‘लाटी’ की छोटी-छोटी एनिमेशन, वीडियो क्लिप भी बना रही हैं। उतरैणी, मकरैण पर बनाया गया घुघते बांटते हुए लाटी का एनिमेशन सोशल प्लेटफार्म पर जबर्दस्त हिट रहा। जिसने इंस्टाग्राम पर उनके पचास हजार फॉलोवर बढ़ा दिए।

डिजीटल आईपैड का इस्तेमाल
कंचन अभी तक गौरा देवी, लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी, प्रीतम भरतवाण, पवन दीप राजन समेत कई चर्चित चेहरों के भी स्कैच बना चुकी हैं। इसके लिए वह डिजीटल आईपैड का इस्तेमाल करती हैं। वह रिएलिस्टिक आर्ट फार्म में भी काम कर रही हैं।

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