जमीन धोखाधड़ी के एक साल में दर्ज मामलों पर रिपोर्ट तलब
गढ़वाल मंडल में भूमि धोखाधड़ी के 48 मामलों की सुनवाई हुई, जिसमें 23 का निस्तारण हुआ। लैंड फ्रॉड समन्वय समिति ने 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है। कमिश्नर ने कहा कि भूमि विवादों की जांच पारदर्शिता से की...
गढ़वाल मंडल में एक साल के भीतर दर्ज जमीन धोखाधड़ी के मामले में लैंड फ्रॉड समन्वय समिति ने 15 दिन के भीतर रिपोर्ट तलब की है। समिति के अध्यक्ष और गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में शुक्रवार को ऐसे कुल 48 प्रकरणों सुनवाई की गई। इनमें 23 मामलों का निस्तारण किया गया। सरकार की ओर से भूमि खरीद के मामलों में धोखाधड़ी पर नियंत्रण को लेकर लैंड फ्रॉड समन्वय समिति का गठन किया गया है। समिति जिन मामलों में धोखाधड़ी पाती है, उनमें एफआईआर दर्ज करने के साथ ही जांच को पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय को भेजी जाती है। जिनकी जांच एसआईटी करती है। गढ़वाल कमिश्नर ने बैठक में कहा कि भूमि प्रकरणों में आने वाली शिकायतों पर मुकदमा दर्ज करने से पहले इन्हें समिति को भेजा जाए। समिति के निर्देश के बाद संबंधित के खिलाफ कार्रवाई हो। कमिश्नर ने कहा कि कुछ भूमि विवाद काफी संवेदनशील होते हैं और ऐसे कानून और शांति व्यवस्था को लेकर परेशानी आ सकती है। इसलिए जरूरी है कि पारदर्शिता के लिए ऐसे मामलों की जांच उसी जिले के दूसरे थाने से कराई जाए। ताकि स्थानीय स्तर पर व्यक्तियों के हितों के टकराव से बचा जाए। कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने कहा कि सरकार की मंशा यह है कि प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को सुना जाय और उसकी शिकायत पर प्रभावी कार्यवाही तत्काल सुनिश्चित की जाय। बैठक में उन्होंने गढ़वाल मंडल के सभी जिलों के एसएसपी और एसपी से पिछले एक साल में दर्ज किए गए भूमि प्रकरणों के मुकदमों की विस्तृत सूचना 15 दिन के भीतर समिति को उपलब्ध कराने के लिए कहा है। बैठक में आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप के अलावा अपर आयुक्त (प्रशासन), वन संरक्षक यमुना वृत्त, नगर आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश, अपर मुख्य नगर अधिकारी नगर निगम, देहरादून, प्रभारी अधिकारी संयुक्त कार्यालय, कलेक्ट्रट देहरादून, उप जिलाधिकारी विकासनगर, डोईवाला, ऋषिकेश, चौवट्टाखाल व अधिशासी अभियंता मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण मौजूद रहे।
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