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लोकभाषा प्रचार प्रसार के लिए रमेश घिल्डियाल, विनोद पटवाल सम्मानित

दून पुस्तकालय में धाद ने किया अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन देहरादून, वरिष्ठ संवाददाता। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र तथा धाद संस्था की ओर स

Newswrap हिन्दुस्तान, देहरादूनFri, 21 Feb 2025 08:14 PM
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लोकभाषा प्रचार प्रसार के लिए रमेश घिल्डियाल, विनोद पटवाल सम्मानित

दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र तथा धाद संस्था की ओर से शुक्रवार सायं अंतरर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पर भाषाई विरासत की यात्रा का को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन केन्द्र सभागार में किया गया। इसके तहत भाषा विषयक वार्ताओं का प्रस्तुतिकरण, उत्तराखंड की भाषा व सह भाषाओं की कविताओं का पाठ किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखंड की लोकभाषाओं के प्रचार प्रसार व सम्वर्द्धन कार्य के लिए गढ़ भारती पत्रिका के समन्वयक रमेश चंद्र घिल्डियाल, धुमाकोट धाद की शाखा के विनोद पटवाल को धाद मातृभाषा सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। पूर्व मुख्य सचिव नृप सिंह नपलच्याल ने अपने संबोधन में राज्य की बोली भाषाओं के समुचित संरक्षण की बात कही। कुमाउंनी भाषविद कमला पंत ने कहा कि किसी भी स्थान व समाज संस्कृति की प्रमुख संवाहक वहां की लोकभाषा होती है। आंचलिक साहित्यकार शान्ति प्रकाश जिज्ञासु ने कहा कि धाद भाषा के संरक्षण संवर्धन के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों में जाकर भाषा के प्रचार प्रसार और संरक्षण में जुटी है। साहित्यकार महेंद्र ध्यानी ने धाद की 38 वर्षों की यात्रा की जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार सुमित्रा जुगलान ने की। इस अवसर पर गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी, रवांल्टी, नागपुरी भाषाई कवियों ने कविताएं प्रस्तुत कर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। कुमाऊंनी कवियत्री भारती पांडे ने चौसात में नई विधा की कविता 'आली आली, निनुरी आंख मजि भौ सितलो..' व 'कुकुर त हुनी वफादार पै बुकूनी लै..' सुनाई। रवांल्टी कवि महाबीर रवांल्टा ने रवांल्टी कविता 'तेरा बाउन मुंईं का न भोगी यां पापी दुन्या न काई न सुणाई..', जौनसारी कवियत्री सुनीता चौहान ने कविता 'शुणिया लोगो जौनसार की बाता रीता हरे भरे डोखरे क्यारीयां..सुनाई। सुरेश स्नेही, बीना बैंजवाल, दिनेश डबराल, शान्ति नबियाल, शांति बिंजोला, रक्षा बौड़ाई, प्रिया देवली अर्चना गौड़, सिद्धि डोभाल, मनोज भट्ट गढ़वाली, मधुरवादिनी तिवारी, अंजना कंडवाल, विनीता मैठाणी ने भी रचनाओं का पाठ किया। मौके पर दून पुस्तकालय एव शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चन्द्रशेखर तिवारी, धाद संयोजक बीना कंडारी, प्रेमलता सजवाण, नरेंद्र सिंह रावत, विनीता मैठाणी, सुंदर सिंह बिष्ट, कुलभूषण नैथानी, डॉ. राकेश भट्ट, कांता डंगवाल, डॉ. मुनिराम सकलानी, गीता देवली, विनोद बिष्ट, आलोक सरीन, शूरवीर भंडारी मौजूद रहे।

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