पौड़ी चिकित्सालय में नौ विशेषज्ञ समेत 18 डाक्टरों की तैनाती
स्वास्थ्य मंत्री बोले, शिकायत के बाद पीपीपी मोड हटाया अस्पताल 34 नर्सिंग ऑफिसर और पैरामेडिकल
देहरादून। फजीहत के बाद सरकार ने पौड़ी जिला चिकित्सालय में डाक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती कर दी है। अस्पताल के पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप ( पीपीपी ) से हटते ही सरकार ने यह कदम उठाया है। स्वास्थ्य मंत्री डा.धन सिंह रावत का कहना है कि अब व्यवस्थाएं पटरी पर लौट आई है। पौड़ी-देहलचौरी मार्ग पर 12 दिसंबर को हुई बस दुर्घटना के बाद घायलों को जब जिला चिकित्सालय ले जाया गया तो वहां तमाम अव्यवस्थाएं सामने आई थी। इसके बाद मामूली घायलों को भी यहां से रेफर कराना पड़ा। दरअसल, जिला अस्पताल पीपीपी मोड पर संचालित हो रहा था, जिसकी मियाद 31 दिसंबर को खत्म हो गई थी। हालांकि, सरकार की तरफ से पीपीपी मोड पर संचालन के लिए तीन माह का अतिरिक्त समय दिया गया था, लेकिन इस बीच अव्यवस्थाएं सामने आने पर अब सरकार ने स्वयं अस्पताल का संचालन शुरू कर दिया है।
शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत ने कहा कि पौड़ी जिला अस्पताल में नौ विशेषज्ञ समेत 18 डाक्टर और 34 नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती कर दी गई है। सभी ने ज्वाइनिंग भी दे दी है। इसके अलावा आवश्यकतानुसार रोटेशन के आधार पर डाक्टरों की तैनाती भी अस्पताल में की गई है ताकि मरीजों को कोई असुविधा न हो।
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इन चिकित्सकों की हुई तैनाती
अस्पताल में सर्जन, पेडियाट्रिशन, गायनेकोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिस्ट और ऑप्थलमोलॉजिस्ट आदि की तैनाती की गई है। रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती से पौड़ी में एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पीजी कर चुके चार विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती अस्पताल में की जाएगी, जिसकी प्रक्रिया शासनस्तर पर चल रही है।
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