यात्रा और पर्यटन से सुधर रही है महिला समूहों की आर्थिकी
110 'यात्रा आउटलेट्स' के जरिए अक्तूबर तक ₹91.75 लाख की हुई बिक्री देहरादून, विशेष संवाददाता।
देहरादून। चारधाम यात्रा और पर्यटन गतिविधियों से महिला स्वयं सहायता समूहों की आर्थिकी में बेतहाशा सुधार हो रहा है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में अक्तूबर माह तक महिला समूह आउटलेट्स के जरिए ₹91.75 लाख की बिक्री कर चुके हैं। इससे उन्हें ₹29.07 लाख का शुद्ध लाभ हुआ है। उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्थानीय ग्रामीण महिलाओं के निर्मित उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ग्राम्य विकास सचिव राधिका झा के मुताबिक, यात्रा आउटलेट्स पर हस्तनिर्मित ऊनी वस्त्र, पहाड़ी मसाले, जैविक अचार, स्मृति चिन्ह, मिलेट-आधारित खाद्य पदार्थ बिक्री के लिए उपलब्ध रहते हैं। 'यात्रा आउटलेट्स' न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में कारगर साबित हुए हैं, बल्कि राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को प्रचारित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
विदित है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल वाइब्रेंट विलेज माणा से राज्य में आने वाले पर्यटकों का आह्वान किया था कि वे अपने घूमने के खर्च का पांच प्रतिशत स्थानीय उत्पाद खरीदने पर खर्च करें। उनकी इस अपील से भी महिला समूहों की आय में बढ़ोतरी हो रही है।
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पांच लाख महिलाएं जुड़ी हैं समूहों से
उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूएसआरएलएम) के जरिए राज्य के 13 जनपदों के 95 विकास खंडों में 67,172 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) का गठन किया गया है, जिनसे लगभग पांच लाख ग्रामीण महिलाओं को जोड़ा गया है। यूएसआरएलएम के सहयोग से महिला समूहों द्वारा राज्य में आठ मिलेट बेकरी इकाइयां स्थापित की गई हैं।
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राज्य सरकार का स्पष्ट मत है कि ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत बनाकर ही राज्य तरक्की के पथ पर आगे बढ़ सकता है। इसलिए महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है, सरकार समूहों से जुड़ी महिलाओं के लिए लखपति दीदी योजना भी चला रही है।
पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री
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