बोले देहरादून : मोती बाजार में पार्किंग नहीं, संकरी सड़कों पर जाम से परेशानी
मोती बाजार में पार्किंग नहीं, संकरी सड़कों पर जाम से परेशानी देहरादून के सबसे पुराने
देहरादून के सबसे पुराने मोती बाजार और पुरानी सब्जी मंडी में समस्याओं का अंबार है। यहां व्यापारी लंबे समय से जाम, शौचालय, पार्किंग और पीने के पानी की समस्याओं से जूझ रहे हैं। यहां सौ से अधिक दुकानें हैं, वहीं दिनभर हजारों लोग यहां खरीदारी करने आते हैं, लेकिन यहां शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में व्यापारियों को शौचालय के लिए घर जाना पड़ता है। वहीं, ग्राहक भी परेशान रहते हैं। बावजूद इसके समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है। प्रस्तुति है दीपिका गौड़ की रिपोर्ट... मोती बाजार में सुबह से ही खरीदारों की भीड़ लग जाती है। यहां की तंग गलियों में सुबह से वाहनों से लोडिंग और अनलोडिंग का काम होता है। ऐसे में कई बार दोपहिया वाहन चालकों और पैदल चलने वाले लोगों के लिए जगह तक नहीं बचती। वीकेंड के दौरान हालात और विकराल हो जाते हैं। यहां कई जगहों पर अतिक्रमण भी परेशानी का सबब बन रहा है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने ‘बोले देहरादून अभियान के तहत मोती बाजार पुरानी सब्जी मंडी के व्यापारियों से बातचीत की, तो व्यापारियों ने बताया कि जहां देश भर में 'स्वच्छ भारत सुंदर भारत' अभियान के तहत जनता से साफ-सफाई की अपील की जाती है और रोड सेफ्टी के प्रति जनता को जागरूक किया जाता है। तो वहीं, मोती बाजार की सड़कें गड्ढों के कारण बारिश के पानी से लबालब हो जाती हैं। कई बार व्यापारी और ग्राहक वाहन समेत गड्ढों में गिरकर चोटिल हो जाते हैं। बाजार की नालियों के बीच में सीवर लाइन डलने से नालियां चोक हो गई हैं। नालियों में कई वर्षों से कचरा जमा है। जिसे सफाईकर्मी भी साफ नहीं करते हैं। इससे ग्राहकों और व्यापारियों को परेशानी उठानी पड़ती हैं। लेकिन जिम्मेदार समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं।
सुझाव
1. बाजार की सड़कों को खोद कर उसे दोबारा अच्छे से बनाया जाए। क्योंकि सड़क कम और गड्ढे ज्यादा दिख रहे हैं।
2. बाजार को वन-वे करना चाहिए। जिससे जाम की समस्या कम होगी।
3. बाजार में आने वाले लोडरों के लिए निर्धारित समय हो।
4. बाजार में अतिक्रमण करने वालों पर ठोस कार्रवाई होनी चाहिए।
5. व्यापारियों समेत बाजार में आने वाले ग्राहकों के लिए पार्किंग की उचित और सुरक्षित जगह दी जानी चाहिए।
शिकायतें
1. बाजार में रात के समय ठेलियों की वजह से भी जाम लगता है।
2. ना ही बाजार की नालियों की नियमित सफाई होती है। ना ही सफाई कर्मी सुबह ढंग से सफाई करता है।
3. बाजार में व्यापारियों के लिए शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। व्यापारी परेशान रहते हैं।
4. सीवर डलने से नालियां ब्लॉक हो गई। कई बार निगम को शिकायत की, पर कोई समाधान नहीं निकला
5. सड़क ऊंची और दुकानें नीची हो गई हैं। जिस कारण दुकानों में पानी भर जाता है।
शौचालय की व्यवस्था की जानी चाहिए
शौचालय न होने की वजह से व्यापारियों को अपने-अपने घर का रास्ता नापना पड़ता है। कभी दूर घंटाघर में बने शौचालय में जाना पड़ता है तो कभी मंदिरों के शौचालयों में जाने के लिए उन्हें दुकान किसी के हवाले करनी पड़ती है या बंद करनी पड़ती है। बिक्री के समय दुकान को बंद करना मतलब व्यापार का नुकसान करना होता है। जो कि हम सभी व्यापारी उठा रहे हैं। दुकान में आने वाले ग्राहकों को शौचालय के अभाव में रहना पड़ता है। इससे बच्चों और बुजुर्गों को बड़ी दिक्कतें होती हैं। बाजार में शौचालय का होना बेहद जरूरी है। जब तक यहां पर स्थायी शौचालय का निर्माण नहीं हो जाता। तब तक व्यापारियों और राहगीरों के लिए यहां पर अस्थायी रूप से शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए।
बाजार में वाहनों के संचालन पर लगे प्रतिबंध
मोती बाजार पुरानी सब्जी मंडी में अक्सर ग्राहकों की भीड़ रहती है और आए दिन घंटों तक जाम की समस्या बनी रहती है। अतिक्रमण और ठेलियों वालों की जगह जाम ज्यादा लगता है। जाम से निजात पाने के लिए बाजार में वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। यह नहीं हो सकता तो यहां पर वन वे होना चाहिए। वन-वे में गाड़ियां केवल एक तरफ से आएंगी और दूसरे रास्ते से निकल जाएंगी, तो जाम कम होगा। यहां पर लोग गाड़ियों से आवाजाही कम करेंगे और जाम नहीं लगेगा।
पुरानी सड़क खोदकर नई बनाई जानी चाहिए
वैसे तो कई वर्षों से सड़क नहीं बन रही है। बाजार का हाल कुछ ऐसा हो गया है कि सड़क ऊपर और दुकानें नीचे हो गई है। जिसके कारण बारिश में सड़कों और नालियों का सारा गंदा पानी दुकानों में घुस जाता है। इससे दुकानों के अंदर रखा सामान खराब हो जाता है। इससे भी व्यापारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। व्यापारी चाहते हैं कि अब जो सड़क बनाई जाएगी, उसके लिए पहले यहां पर सड़क की खोदाई होनी चाहिए, तभी जाकर अच्छी सड़क बनेगी।
ग्राहकों और व्यापारियों के लिए बने पार्किंग
बाजार में व्यापारियों और ग्राहकों के लिए पार्किंग की कोई सुविधा नहीं है। लोगों को दुकानों के बाहर गाड़ी खड़ी करनी पड़ती है। इससे यहां पर जाम लग जाता है। व्यापारियों को गाड़ी निकालने तक की जगह नहीं मिलती। बाजार में पार्किंग के लिए अलग से जगह होनी चाहिए। जहां पर लोग गाड़ी खड़ी करके बाजार में आ जा सके। एक पार्किंग है लेकिन वो घंटाघर में है जो मोती बाजार पुरानी सब्जी मंडी के व्यापारियों के लिए बहुत दूर पड़ जाती है। वहां पर गाड़ी पार्क कर के मोती बाजार तक पैदल आना बच्चे और बुजुर्गों के लिए मुश्किल हो जाता है। इसलिए यहां पर पार्किंग की विशेष व्यवस्था होनी चाहिए।
मोती बाजार से अतिक्रमण हटवाया जाएगा, वन-वे प्लान लागू करेंगे
एसपी सिटी प्रमोद कुमार का कहना है कि शहर को जाम से निजात दिलाना पुलिस की प्राथमिकता में शामिल है। मोती बाजार पुरानी सब्जी मंडी में जाम की शिकायत मिली है। इसे लेकर कोतवाली पुलिस को निर्देशित किया जाएगा। मामले पर कार्रवाई करते हुए, अतिक्रमण करने वालों को हटाया जाएगा। व्यापारियों के साथ बैठक करेंगे, जरूरी होगा तो समीक्षा कर वन-वे प्लान भी लागू कर दिया जाएगा।
बोले लोग
बाजार में जाम ही देखने को मिलता है। ऐसे में अपनी दुकान संभाले या फिर ट्रैफिक को हटाएं। प्रशासन को ट्रैफिक संभालने के लिए कम से कम एक पुलिसकर्मी की तैनाती जरूर करनी चाहिए। इससे व्यापारियों और ग्राहकों को काफी राहत मिलेगी। -रमेश बजाज
बाजार में आने वाले लोडिंग वाहनों के लिए समय निर्धारित होना चाहिए। यदि समय निर्धारित किया जाता है तो जाम की समस्या कम हो जाएगी। लोडिंग वालों का भी काम हो जाए और व्यापारियों का भी नुकसान न हो। जाम देखकर ग्राहक नहीं आते। -मनजीत बोहरा
बाजार के अंदर सड़कें नहीं केवल गड्ढे ही गड्ढे है। कई बार तो लोग गिरकर चोटिल हो जाते हैं। वर्षों से बाजार की सड़कें नहीं बनी हैं। सड़क की खुदाई करके सड़क को दोबारा बनाया जाना चाहिए। इससे मोती बाजार का यातायात सुगम होगा। -विजय गुप्ता
अक्सर बाजार में महिलाओं को शौचालय की परेशानी होती है। जाम के कारण व्यापार प्रभावित हो रहा है। काम सही नहीं चलने के कारण सभी व्यापारी परेशान और निराश हैं। व्यापारियों की परेशानी को देखते हुए शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए। -मानिक अरोड़ा
व्यापारियों की मांग है कि बाजार की इस सड़क को वन-वे कर देना चाहिए। इससे बढ़ते जाम से निजात भी मिलेगी और व्यापारियों का काम भी अच्छा चलेगा। स्थानीय और नगर निगम प्रशासन को इस पर जरूर ध्यान देना चाहिए। -अमित मुग्गल
बाजार में जाम लगने के कारण घंटों तक हम व्यापारी ही घर से यहां तक पहुंचने में फंस जाते हैं। तो बुजुर्ग और बच्चों को कितनी परेशानी होती होंगी। कई बार तो बाजार में खड़े होने तक की जगह नहीं होती है। इससे व्यापारियों को बहुत परेशानी होती है। -महेश सिंह
कई महिला कर्मचारियों को शौच के लिए दूसरों के घरों में जाना पड़ता है। यहां व्यापार कर रही महिला और कर्मचारी महिलाएं दोनों ही परेशान हैं। कब तक महिलाएं शौच आदि के लिए दूसरों के घरों में जातीं रहेंगी। प्रशासन को इस पर ध्यान देते हुए शौचालय का निर्माण करना चाहिए। -तरुण चौधरी
कई बार तो बाजार में खड़े होने तक की जगह नहीं बचती है और पैर रखना भी मुश्किल हो जाता है। तो पैदल चलने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। पुरानी सब्जी मंडी से लेकर हनुमान चौक तक दिक्कते ही दिक्कतें है। इस समस्या पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है। -नितिन जैन
बाजार में सड़क और शौचालय के साथ-साथ पीने के पानी की गंभीर समस्या है। यहां पीने के लिए साफ पानी उपलब्ध नहीं है, तो व्यापारियों को अपने घरों से ही पानी के बड़े-बड़े कैन अपने वाहनों में लाद कर दुकानों में लाने पड़ते हैं। बहुत परेशानी होती है। -वकील अहमद
बीते दस वर्षों से बाजार में शौचालय की समस्या देख रहे हैं। इतने वर्षों से शिकायते करने के बावजूद भी प्रशासन ने व्यापारियों और ग्राहकों के लिए एक भी शौचालय का निर्माण नहीं करवाया। हम व्यापारी संकट में पड़ गए हैं। शौचालय की व्यवस्था तो होनी ही चाहिए। -मोहम्मद उजैर
बाजार में जगह-जगह पर गटर के गड्ढे खुले हुए हैं। कई बार अंधेरे में या जल्दबाजी के कारण लोग गटर के कीचड़ में गिर जाते हैं। निगम को शिकायतें करने के बाद की गटर को बंद नहीं किया गया। नगर निगम प्रशासन को जल्द इस समस्या का समाधान करना चाहिए -पुरुषोत्तम गुप्ता
बाजार के व्यापारियों को किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। जैसे अन्य बाजारों के लिए शौचालय और पीने के पानी की दुरुस्त व्यवस्था है। वैसे ही यहां के व्यापारियों को ध्यान में रखते हुए उनकी समस्याओं का संज्ञान लेकर निस्तारण करने की जरूरत है। -भूषण कश्यप
जाम खुलवाने के लिए व्यापारी ही आते हैं आगे
मोती बाजार दुकानदार एकता समिति के प्रधान प्रदीप कुमार चड्ढा बताते हैं कि बाजार का रास्ता केवल वन-वे होना चाहिए। क्योंकि जाम लगने का मुख्य कारण तो आसपास बाजार से होते हुए वाहनों का आना है, जो इस रास्ते पर आ जाते हैं। उनकी वजह से जाम लगता है। व्यापारियों की सहूलियत के हिसाब से इस रास्ते को वन-वे कर देना चाहिए। साथ ही बढ़ते ट्रैफिक को संभालने के लिए बाजार में किसी न किसी की तैनाती करनी चाहिए। क्योंकि यहां जाम को संभालने के लिए कोई नहीं है। जिसके कारण हम व्यापारियों को ही दुकानों को छोड़कर जाम को हटाने में लगना पड़ता है।
बाजार में एक भी शौचालय नहीं, बहुत परेशानी होती है
मोती बाजार दुकानदार एकता समिति के उपाध्यक्ष दिनेश गुप्ता बताते हैं कि बाजार के अंदर सुबह से लेकर शाम तक जाम ही जाम देखने को मिलता है और ग्राहक अपनी गाड़ियां कहीं भी लगा देते हैं। इस कारण जाम बढ़ता चला जाता है, सभी व्यापारी चाहते हैं कि व्यापारियों एवं ग्राहकों के वाहनों के लिए सुरक्षित पार्किंग की जगह दी जाए। जिससे वाहन सड़कों में कम और पार्किंग में ज्यादा दिखेंगे। ऊपर से बाजार में एक भी शौचालय नहीं है। छोटे बच्चे और महिलाओं को काफी दिक्कतें होती हैं। हम तो कह कह कर थक गए। लेकिन कोई सुनने को राजी नहीं। यदि समय पर व्यापारियों की समस्याओं का हल हो जाता।
बाजार के अंदर ई-रिक्शा के संचालन पर लगे रोक
व्यापारी सुनील कुमार अरोड़ा बताते हैं कि बाजार के अंदर ई-रिक्शा के संचालन पर प्रतिबंध लगना चाहिए। जाम का मुख्य कारण ही ई-रिक्शा वाले बने हुए हैं। जो सवारी लाने और छोड़ने के लिए इन बाजारों में आ जाते हैं। ई-रिक्शा का संचालन गली-मोहल्ले के लिए किया गया था, लेकिन ये लोग बाजार में ई-रिक्शा को चला कर परमिट की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। जहां उन लोगों को ई-रिक्शा चलाने के लिए जगह मिली है। उन्हें ई-रिक्शा को वहां पर चलना चाहिए। बेकार में यहां ई-रिक्शा चला कर यहां के व्यापारियों और ग्राहकों को जाम में फंसा रहे हैं। बाजार में जाम लगने से बहुत परेशानी होती है।
नालियों के अंदर कई वर्षों से जमा है कूड़ा-करकट
व्यापारी सुभाष शर्मा बताते हैं कि बाजार के अंदर की नालियां डेढ़ गज से केवल छह इंच की हो गई हैं। बाजार की नालियों के अंदर कूड़ा करकट कई वर्षों से जमा हुआ है। लेकिन निगम को शिकायतें करने के बावजूद भी कभी नालियों की सफाई नहीं की जाती है और नालियों से पानी की निकासी भी नहीं होती है। जिस कारण सड़कों पर ही पानी फैला रहता है। यहां सफाईकर्मी भी अपनी मनमानी से झाड़ू लगाते हैं। सफाईकर्मी न ही पूरी सफाई करते हैं न ही यहां फैला हुआ कूड़े को अपने साथ ले जाते हैं। व्यापारी चाहते हैं कि यहां नियमित रूप से साफ-सफाई हो। जिससे कि आने वाले ग्राहकों का भी बाजार में मन लगा रहे।
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