मांगों पर सहमति के बावजूद शासनादेश नहीं होने पर नाराजगी
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देहरादून। कर्मचारियों की कई मांगों पर अपर मुख्य सचिव कार्मिक एवं सतर्कता विभाग की बैठक में सहमति के बावजूद बैठक का कार्यवृत्त और शासनादेश जारी नहीं किए जाने से कर्मचारी नाराज हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि शासनादेश शीघ्र जारी नहीं किए गए तो सरकार और कर्मियों के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति बनेगी। परिषद के प्रदेश प्रवक्ता आरपी जोशी ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि 20 सितंबर को हुई बैठक में राज्य कार्मिकों की अधिकतर मांगों पर सहमति बन गई थी। संबंधित विभागों की ओर से कार्यवाही कर शासनादेश जारी किए जाने को लेकर राज्य कार्मिक लंबे समय से प्रतीक्षारत थे, लेकिन कार्मिकों की मांगों पर शासन के अधिकारियों की गंभीरता को इसी बात से समझा जा सकता है कि बैठक का कार्यवृत्त ही बाहर आने में दो माह का समय लग गया, जिससे राज्य कार्मिकों में रोष व्याप्त हो रहा है ।
प्रदेश अध्यक्ष अरुण पाण्डे और महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने कहा कि परिषद कई बार मांगों पर सरकार व शासन से वार्ता कर चुका है। अधिकतर मांगो पर सहमति भी बन चुकी है, लेकिन शासनादेश जारी किए जाने में बार-बार की जा रही हीलाहवाली गंभीर चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि परिषद यह नहीं चाहता है, कि कार्मिकों को प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए विवश होना पड़े। लेकिन शासन के अधिकारियों की कार्यप्रणाली से परिषद राज्य कार्मिकों के हित में बड़े आन्दोलन से भी पीछे नहीं हटेगा।
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