कर्मचारियों ने एनपीएस की जलाई प्रतियां
सोशल मीडिया पर 'ब्लैक डे' अभियान के तहत कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग की। उन्होंने नई पेंशन योजना की प्रतियां जलाकर और एक घंटे तक घरों की लाइट बंद रखकर विरोध जताया। इस प्रदर्शन में विभिन्न...
सोशल मीडिया पर चलाया ब्लैक डे अभियान रात को एक घंटे घरों की लाइट को रखा बंद
देहरादून, मुख्य संवाददाता।
पुरानी पेंशन बहाली से जुड़े कर्मचारी संगठनों ने मंगलवार को नई पेंशन स्कीम की प्रतियां जलाकर विरोध जताया। सोशल मीडिया पर ब्लैक डे अभियान चलाने के साथ ही रात को एक घंटे घरों की लाइट को बंद रखा गया।
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन उत्तराखंड से जुड़े कर्मचारियों ने हर जिले में एनपीएस के साथ ही यूनिफाइड पेंशन योजना की प्रतियां जला कर भी विरोध जताया। सचिवालय, शिक्षा, लोनिवि, सिंचाई समेत अन्य ऑफिसों में भी कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने कहा कि एक अक्तूबर 2005 को ही पुरानी पेंशन के स्थान पर नई पेंशन योजना को लागू किया गया था। ऐसे में एक अक्तूबर कर्मचारियों की नजर में काला दिवस है। 30 से 40 साल की नौकरी के बाद कर्मचारियों को महज एक हजार रुपए पेंशन मिल रही है। कर्मचारी ओपीएस की मांग कर रहे थे, उल्टा सरकार ने यूपीएस को लागू कर दिया।
विरोध जताने वालों में सचिवालय संघ अध्यक्ष सुनील लखेड़ा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमोहन सिंह रावत, कोषाध्यक्ष शान्तनु शर्मा, उर्मिला द्विवेदी, सूर्य सिंह पंवार, लक्ष्मण कोरंगा, धीरेन्द्र कुमार पाठक, पुष्कर राज बहुगुणा, अजीत सिंह चौहान, विनोद मल्ल, विकास शर्मा, देवेन्द्र, श्याम सिंह चौहान, अनिल सिंह पंवार, मगन राणा, महेश धर्मशक्तू, प्रमोद कुमार, रणजीत रावत, प्रदीप, धर्मेंद्र सिंह मौजूद रहे।
मोर्चा ने मनाया ब्लैक डे
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड से जुड़े कर्मचारियों ने भी प्रदेश भर में विरोध जताया। प्रतियां जलाने, काली पट्टी बांधने के साथ ही सोशल मीडिया पर ब्लैक डे अभियान चलाते हुए फेसबुक पेज, व्हाट्सअप डीपी को ब्लैक कर रखा। रात को आठ से नौ बजे तक घरों में लाइट को बंद रखा। कार्यकारी अध्यक्ष मनोज अवस्थी ने बताया कि एक अक्तूबर को लागू हुआ एनपीएस कानून एक काला कानून है। प्रदेश प्रभारी विक्रम रावत ने कहा कि एनपीएस को किसी भी सूरत में मंजूर नहीं किया जाएगा। महामंत्री सीताराम पोखरियाल ने कहा कि राज्य के सभी कर्मचारी संगठनों का मोर्चा को समर्थन मिला हुआ है। अब इस लड़ाई को संयुक्त रूप से लड़ा जाएगा। विरोध जताने वालों में सुभाष देवरियाल, सुरेंद्र बछेती, पूरण फर्स्वाण, नरेश भट्ट, जसपाल गुसाईं, अवद्येश सेमवाल, मुकेश बहुगुणा, रेनु गौड़, शशि चौधरी, योगेश रुहाली, ईश्वर सिंह चौहान, अभिषेक नवानी, अंकित रौथान, रणवीर सिंधवाल मौजूद रहे।
चार नवंबर को सचिवालय कूच
मोर्चा महामंत्री सीताराम पोखरियाल ने बताया कि चार नवंबर को सचिवालय कूच किया जाएगा। इस रैली में प्रदेश भर से कर्मचारी जुटेंगे। सरकार को कर्मचारी ताकत का अहसास कराया जाएगा।
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