श्रीनगर मेडिकल कॉलेज सेना को सौंपने की तैयारी, जायजा लेने पहुंचे सैन्य अधिकारी
श्रीनगर गढ़वाल स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज को सेना को सौंपने की तैयारी शुरू हो गई है। रविवार को टेक ओवर करने से पहले सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज का जायजा लिया। निरीक्षण में राज्य सरकार...
श्रीनगर गढ़वाल स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज को सेना को सौंपने की तैयारी शुरू हो गई है। रविवार को टेक ओवर करने से पहले सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने मेडिकल कॉलेज का जायजा लिया। निरीक्षण में राज्य सरकार अधिकारी भी मौजूद रहे।
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज सेना को सौंपने की योजना के तहत रविवार को सेना की एक टीम कॉलेज का दौरा करने पहुंची है। सेना के अफसर इस दौरान कॉलेज का परीक्षण करने के साथ ही भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा कर रहे हैं। टीम की रिपोर्ट के आधार पर ही कॉलेज के हस्तांतरण पर फैसला होगा। आर्मी मेडिकल कोर से मेजर जनरल डीएस भाकुनी की अध्यक्षता में टीम रविवार सुबह देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची। यहां से कार से टीम श्रीनगर के लिए रवाना हुई। टीम यहां रविवार और सोमवार को कॉलेज परिसर, फैकल्टी की स्थिति, कर्मचारियों की नियुक्ति, अस्पताल की स्थिति और उपकरणों का निरीक्षण करेगी। सरकार की ओर से निरीक्षण के दौरान चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना मौजूद हैं।
उत्तराखंड सरकार ने सेना को भेजा था प्रस्ताव
राज्य सरकार ने श्रीनगर और अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज सेना की मेडिकल कोर को देने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। चिकित्सा शिक्षा विभाग दोनों कॉलेजों की स्टेट्स रिपोर्ट सेना को दे चुका है। कॉलेज हस्तांतरण को लेकर एक दौर की वार्ता हो चुकी है। इसके बाद अब रविवार को सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम श्रीनगर के दौरे पर पहुंची है।
सरकारी सीटों पर फंस सकता है पेंच
मेडिकल कॉलेज हस्तांतरण के दौरान एमबीबीएस की सरकारी कोटे की सीटों और नान टीचिंग कर्मचारियों पर पेंच फंस सकता है। दरअसल सरकार महज पचास हजार सालाना फीस पर इस कॉलेज में एमबीबीएस करा रही है। सेना के पास जाने के बाद इन सीटों की स्थिति क्या होगी इस पर अभी फैसला लिया जाना है। इसके अलावा कॉलेज में कार्यरत नॉन टीचिंग कर्मचारियों पर भी विवाद बन सकता है। सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी बैक डोर से बिना पद के नियुक्त हुए हैं। ऐसे में इन कर्मचारियों पर भी अभी निर्णय होना है।
चार जिलों को मिलेगा फायदा
श्रीनगर मेडिकल कॉलेज सेना के पास जाने से पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी जिले के लोगों को फायदा मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही सेना को भी इसका फायदा मिलेगा। इस कॉलेज के हस्तांरण से सरकार के भी सालाना 300 करोड़ बचेंगे। साथ ही डॉक्टरों की कमी की समस्या भी खत्म हो जाएगी।
कल भी निरीक्षण करेगी टीम
वहीं सचिव चिकित्सा शिक्षा डी. सेंथिल पांडियन का कहना है कि सेना की टीम दो दिनों तक निरीक्षण करेगी। सेना की टीम कॉलेज की सभी व्यवस्थाओं का जायजा ले रही है। इस संदर्भ में पहले ही सेना को स्टेट्स रिपोर्ट दी जा चुकी है। इस निरीक्षण के बाद सेना व सरकार हस्तांरण पर निर्णय लेगी।
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