पिथौरागढ़ में चल रही टेरीटोरियल आर्मी की भर्ती के लिए बसें नहीं मिलने से परेशानी
चम्पावत में रोजगार की तलाश में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के युवाओं को रोडवेज बसों की कमी के कारण डंपर में यात्रा करनी पड़ रही है। पिथौरागढ़ में सेना की भर्ती में शामिल होने के लिए उन्हें आवागमन में...
चम्पावत। रोजगार की तलाश में उत्तरांखड पहुंच रहे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों के युवाओं को रोडवेज बसों के अभाव में डंपर की सवारी करनी पड़ रही है। पिथौरागढ़ जिले में चल रही सेना की टेरीटोरियल आर्मी की भर्ती में शामिल होने के लिए बाहरी राज्यों से आ रहे युवाओं को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रेल के माध्यम से चम्पावत जिले के टनकपुर पहुंचे युवाओं को टनकपुर से पिथौरागढ़ पहुंचने के लिए वाहनों की कमी से जूझना पड़ रहा है। रोडवेज के टनकपुर डिपो की ओर से 18 से अधिक अतिरिक्त बसों को पिथौरागढ़ के लिए संचालित किए जाने के बाद भी सैकड़ों युवाओं को पिथौरागढ़ तक पहुंचने के लिए डंपर और ट्रकों का सहारा लेना पड़ रहा है, वहीं उन्हें टैक्सी वाहनों में निर्धारित से अधिक किराया देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से आए सतींद्र कुमार और अमरदीप ने बताया कि टनकपुर से चम्पावत तक पहुंचने के लिए उन्होंने डंपर में पीछे बैठ कर यात्रा की। उस पर डंपर चालक से चम्पावत से तीन किलोमीटर पहले ही उन्हें उतार दिया। इसी प्रकार जौनपुर यूपी से आए अंकित कुमार, शशि प्रकाश ने बताया कि पुलिस की ओर से विभिन्न स्थानों पर चैकिंग किए जाने के कारण उन्हें ट्रक में बैठकर छिपते छिपाते चम्पावत तक पहुंचना पड़ा। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से आए जगदीश कुमार और राजकुमार पटेल ने बताया कि टनकपुर से पिथौरागढ़ की 150 किमी की दूरी के लिए टैक्सी चालकों की ओर से एक हजार रुपये से लेकर 1400 रुपये की मांग की गई।
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