बारिश होने से किसानों के चेहरे खिले
लोहाघाट में बारिश ने लंबे समय से सूख रहे फसलों को राहत दी है। काश्तकारों का कहना है कि बारिश से आलू, लौकी, और अन्य सब्जियों के पौधे बचेंगे। एडीओ उद्यान ने बताया कि यह बारिश मौसमी सब्जियों के लिए...
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लंबे इंतजार के बाद आखिरकार आसमान से राहत की बूंदें बरसीं। बारिश होने से खेती किसानी को फायदा तो होगा ही, साथ ही स्रोत रिचार्ज होने से पेयजल किल्लत से भी निजात मिलने की उम्मीद है। लोहाघाट में गुरुवार को बारिश हुई। काश्तकार ऊर्वा दत्त चौबे, रघुवर मुरारी, मोहन बगौली, दिनेश बगौली, बल्लू राय, गणेश राय आदि ने बताया कि लंबे समय से जरुरत के मुताबिक बारिश न होने के कारण आलू, लौकी, टमटर, कद्दू, शिमला मिर्च, गोभी, तुरई, खीरा आदि सब्जियों के पौधे सूखने के कगार में आ गए थे। कहा कि बारिश फसलों के लिए संजीवनी साबित हो सकती है। एडीओ उद्यान आशीष रंजन खर्कवाल ने बताया कि बारिश होने से आलू आदि मौसमी सब्जियों को काफी राहत मिलेगी। इधर जल संस्थान के एई पवन बिष्ट ने बताया कि बारिश होने से पेयजल स्रोतों के रिचार्ज होने की उम्मीद है।
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